संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में गोम्मटगिरी ट्रस्ट की जमीन को लेकर जैन और गुर्जर समाज के बीच चल रही लड़ाई को लेकर अब जैन समाज ने मंत्री तुलसी सिलावट और कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। भगवान बाहुबली दिगंबर जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष भरत मोदी ने द सूत्र से कहा कि- गुर्जर समाज के लिए मंत्री सिलावट शासन, प्रशासन पर दबाव डाल रहे हैं और इसके चलते हमारे धर्मस्थल का काम नहीं हो रहा है। कलेक्टर को लेकर मोदी ने कहा कि वह मंत्री के दबाव में हाईकोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रहे हैं, जब उनसे मिलने गए तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। इस मामले को लेकर मोदी ने अवमानना याचिका भी कलेक्टर के खिलाफ दायर कर दी है, जिसमें लिखा है कि मैं जब हाईकोर्ट के आदेश के पालन के लिए उनके पास गया तो उन्होंने कहा कि- आप हाईकोर्ट को जाकर बोल दो कि मैं नहीं करूंगा। यह बात मोदी ने शपथपत्र पर लिखकर हाईकोर्ट में दी है।
इस आदेश पालन को लेकर लगाई अवमानना याचिका-
मोदी का कहना है कि हाईकोर्ट ने एक याचिका पर फैसला देते हुए कहा था कि ट्रस्ट को बाउंड्रीवॉल के काम के लिए पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए। यह सुरक्षा हमें केवल दो दिन के लिए मिली और वापस ले ली गई। जब इस मामले में मैंने कलेक्टर से मुलाकात की तो उन्होंने कहा कि आप हाईकोर्ट में बोल दीजिए मैं नहीं करूंगा। इसलिए हमने फिर से हाईकोर्ट की शरण ली है।
जैन समाज का सीधा आरोप चुनाव में बीजेपी को होगा नुकसान-
इस पूरे मामले ने राजनीतिक रुख भी ले लिया है, जैन समाज शासन, प्रशासन के रवैये से नाराज है और साफ कहा कि इससे बीजेपी को आने वाले चुनाव में नुकसान होगा। इंदौर में हमारी जनसंख्या करीब एक लाख है। पूरा समाज इस तरह के रवैये से नाराज है और हमारे पास देश भर से फोन आ रहे हैं। हम अपने धर्मस्थल की एक इंच जमीन भी किसी अन्य को नहीं देंगे।
यह है विवाद का इशू, गुर्जर समाज भी बोला जमीन हमारी-
भगवान बाहुबली गोम्मटगिरी जैन तीर्थ क्षेत्र के लिए सन् 1981 में तत्कालीन शासन ने 12.49 एकड़ और सन् 1983 मे 53.11 एकड़ इस प्रकार कुल 65.60 एकड़ भूमि जमीन लीज पर दी थी। यह लीज अवधि 2013 में खत्म हो गई, लीज नवीनीकरण के लिए सालाना लीज रेंट 31 हजार 866 रुपए तय हुआ जो 2041 तक का भर दिया गया। लेकिन लीज अभी तक नवीनीकृत नहीं हुई। इस पर गुर्जर समाज की आपत्ति है। गुर्जर समाज के डालचंद गुर्जर ने द सूत्र से कहा कि यह हमारे समाज के भगवान का क्षेत्र है, इसे इसलिए देवभूमि कहा गया, जो राजस्व रिकार्ड में भी है, लेकिन इन्होंने तत्कालीन अधिकारियों से सांठगांठ कर 1983 में जमीन की लीज ले ली, लेकिन हमारा धर्मस्थल, वहीं है, वह हम नहीं लेने देंगे। मोदी गलत दबाव बना रहे हैं और हाईकोर्ट में याचिकाएं लगाए जा रहे हैं, लेकिन हमारी आपत्ति के चलते लीज नवीनीकरण नहीं हो रहा है, इनके पास पूरे दस्तावेज ही नहीं है और हमारे धर्मस्थल पर जैन समाज कब्जा कर रहा है। हमें भले ही जमीन लीज पर आवंटित नहीं हुई है लेकिन है तो हमारे धर्म की ही जमीन, वह तो हम लेंगे।
जैन समाज चाहता है जमीन की सुरक्षा के लिए बनाएं बाउंड्रीवॉल-
जैन समाज के मंदिर के पास ही गुर्जर समाज का मंदिर है और धर्मशाला है, यहां आने-जाने के लिए गुर्जर समाज ने एक रास्ता बनाया और दूसरे रास्ते के लिए वह मेनरोड से लिंक चाहते हैं। वहीं जैन समाज अपनी आवंटित जमीन पर सुरक्षा के लिए पूरी बाउंड्रीवॉल बनाना चाहता है, ताकि एक मेन गेट बनाकर वहां से ही आने-जाने का रास्ता हो, जब भी बाउंड्रीवाल का काम चलता है गुर्जर समाज की आपत्ति आती है और विवाद शुरू हो जाता है, क्योंकि उनका आना-जाना वहां बाधित होगा। साथ ही समाज लीज नवीनीकरण भी चाहता है।
जैन समाज ने बैठक बुलाकर लिया फैसला, करेंगे आंदोलन
जैन फोरम के संस्थापक अशोक मेहता ने कहा कि अब समग्र जैन समाज एकजुट है और जैन तीर्थ पर लगातार होते संकट को अब आगे सहन नहीं कर पाएंगे, हमें अपना विरोध जाहिर करने के लिए सड़क पर आंदोलन करना पड़ा तो भी करेंगे। शासन प्रशासन के इस असहयोग और दादागिरी को देखते हुए समस्त जैन समाज जो कि अहिंसा प्रेमी है, अब एक सुचारू आंदोलन चलाएगा और आम जनता तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास करेगा। इस अवसर पर प्रवीण खारीवाल ने कहा कि हमें जनता तक अपने बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया और पोस्टर अभियान करना चाहिए, आजकल मीडिया के माध्यम से अपनी बात पहुंचाना ज्यादा आसान और सुगम है।
राकेश जैन पार्षद ने कहा की हम अहिंसा प्रेमी जरूर हैं पर इसका मतलब यह नहीं कि हम अपनी रक्षा नहीं कर सकते हैं। उच्च न्यायालय ने प्रशासन को गोम्मटगिरी ट्रस्ट के पक्ष में जो आदेश दिए हैं उनका पालन करना चाहिए। समाज को आंदोलन करने के लिए प्रेरित नहीं करना चाहिए। तीर्थ रक्षा समिति के प्रमुख नकुल पाटोदी ने कहा कि यदि हमारी बाउंड्रीवॉल नहीं बनने दी जाएगी तो हम 108 बसें लेकर भोपाल अपना विरोध प्रकट करने जाएंगे। इस अवसर पर डीके जैन, कमल रावका, सुरेंद्र बाकलीवाल, प्रदीप बड़जात्या, पूर्व डीएसपी डीके जैन, संजय बाकलीवाल, जैनेश झंझरी, रूपेंद्र जैन, होलास सोनी, पूर्व पार्षद पवन जैन, राजेन्द्र महाजन, प्रदीप गंगवाल, अधिवक्ता पारस जैन, वीरेंद्र बडजात्या, दीपक पाटनी, पवन पटौदी ,मनीष अजमेरा आदि ने भी कहा कि शासन, प्रशासन से सहयोग नहीं मिला तो योजनाबद्ध तरीके से विरोध करेंगे।