इंदौर में चुनावी शिकायतों का दौर जारी, कांग्रेस ने साड़ियां बांटने तो बीजेपी ने नोट बांटने की शिकायतें की, विधानसभा एक पर सबका जोर

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Pratibha Rana
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इंदौर में चुनावी शिकायतों का दौर जारी, कांग्रेस ने साड़ियां बांटने तो बीजेपी ने नोट बांटने की शिकायतें की, विधानसभा एक पर सबका जोर

संजय गुप्ता@ INDORE.

इंदौर में चुनाव के टी-20 मोड (वोटिंग में 20 दिन से कम बचे हैं) में जाते ही शिकायतों का दौर तेज हो गया है। सी विजिल पर लगातार शिकायतें हो रही है। कांग्रेस ने रविवार रात को इंदौर विधानसभा एक में साडियां बंटने की शिकायत की, जिस पर पुलिस और अधिकारियों ने जाकर मौके पर पंचनामा बनाया। वहीं बीजेपी ने राऊ विधानसभा में कांग्रेस द्वारा नोट बांटने की शिकायत की। सबसे ज्यादा हल्ला इंदौर और मप्र की सबसे हाईप्रोफाइल हुई सीट इंदौर विधानसभा एक पर ही है।

साड़ियां बांटने पर हुआ हंगामा

इंदौर विधानसभा एक में नगीन नगर में बीजेपी पदाधिकारी महेश जायसवाल के घर से साड़ियां बांटने की शिकायत की और वीडियो बनाकर वायरल की। इसके बाद चुनाव टीम मौके पर पहुंची और पंचनामा बनाया। हालांकि कांग्रेस ने आरोप लगाए कि मामले को दबा दिया गया है और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जायसवाल का कहना था कि उनके यहां कार्यक्रम है, इसलिए परिवार के लिए ही साड़ियां थी, कोई बांटी नहीं गई है। कांग्रेस विधायक व विधानसभा एक प्रत्याशी संजय शुक्ला ने बीजेपी प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय पर आरोप लगाए कि यह उनके द्वारा बंटवाई जा रही है। यह भी कहा कि मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। अब आगे ऐसा कुछ हुआ तो चुप नहीं रहेंगे।

इधर राउ में बीजेपी ने की शिकायत

उधर राउ विधानसभा में बीजेपी ने कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक जीतू पटवारी को लेकर शिकायत की है कि वह विधानसभा में प्रचार के दौरान नोट बांट रहे हैं। इस दौरान एक वीडियो को लेकर भी उन्होंने आयोग को कॉपी दी है और जांच की मांग की है। बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा हमने शिकायत कर दी है उम्मीद है जांच होगी।

इधर कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर ग्लोबल समिट पर साधा निशाना

वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरणसिंह सपरा ने आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए आरोप लगाए कि 18 वर्षों में छह इन्वेस्टर समिट और ग्लोबल समिट यहां पर हुई। इस कार्यक्रम को लेकर जमकर टीआरपी बटोरी गई, पीआर हुआ, हैडलाइन मैनेजमेंट हुई, अखबारों में लाखों करोड़ों की इन्वेस्टमेंट की खबरें छपवाई गई, लेकिन नतीजा रहा जीरो बटा सन्नाटा " यानी नाम बड़े और दर्शन छोटे "। साल 2007 से 2016 में 13.4 ट्रिलियन के एमओयू साइन हुए, लेकिन एक्चुअल इन्वेस्टमेंट मात्र 7% रहा। बीते 10 वर्षों में रजिस्टर्ड या अन रजिस्टर्ड 4000 एमएससी उद्योग मध्य प्रदेश में बंद हुए। कांग्रेस के शासन के समय जो 15 महीने का शासन था। उसमें 500 से ज्यादा दवा उद्योग कार्यरत थे। बीजेपी शासन आने के बाद 50% दवा उद्योग बंद हुए। बिजली विभाग का इसमें बहुत अहम रोल रहता है। चरणसिंह सपरा के साथ इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्डा,संजय पटवर्धन,विजय कुमार डोंगले,सच सलूजा,अमीनुल सूरी,संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कहा की मध्य प्रदेश के उद्योग में यहां पर बिजली महंगी है, बिजली विभाग में भ्रष्टाचार है। डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में कमजोरी है, और बिजली सप्लाई अवरोध जो है वह बहुत ज्यादा है। यहां की इंडस्ट्री पास के जो राज्य हैं गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के साथ मुकाबला नहीं कर पाती है।

टॉय क्लस्टर भी दो साल से अटका

कांग्रेस ने कहा कि टॉय क्लस्टर जो 2 साल से लंबित है। फर्नीचर क्लस्टर के नाम पर साढ़े चार एकड़ भूमि घोषित कर दी, लेकिन आवंटन 3 सालों से लंबित है। यानी व्यापारियों को यह लट्टू की तरह घुमाते रहे हैं। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर क्लस्टर के नाम पर गरीब वंचित पिछड़ी जाति के युवाओं से भी खिलवाड़ किया है।

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