संजय गुप्ता@ INDORE.
इंदौर जिले की तीन विधानसभा सीट विधानसभा 3, 5 और महू पर बीजेपी और कांग्रेस की सूची का इंतजार हो रहा है। बीजेपी की ओर से इन तीन सीटों के लिए पांच दावेदार रेस में हैं। तीन नाम के लिए जातिगत समीकरण से लेकर, राजनीतिक पकड़ और सर्वे तक कई मुद्दे चर्चा में है और इसी हिसाब से कॉम्बीनेशन बनाकर नाम घोषित करने पर पार्टी विचार कर रही है। पांच प्रमुख दावेदारों में मौजूदा विधायक महेंद्र हार्डिया के मंत्री और विधायक उषा ठाकुर, बीजेपी नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार और आईडीए उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला का नाम है। वहीं एक और चौंकाने वाला नाम है जिस पर अंदरूनी स्तर पर चर्चा चल रही है वह है भैय्यू महाराज की पत्नी डॉ. आयुषी देशमुख का, जिनका नाम विधानसभा तीन के लिए चर्चा में आया है।
दावेदार और इन विधानसभा के लिए चल रहा नाम, कहां आ रही अड़चन
गौरव रणदिवे- सर्वे में आगे, लेकिन दो नेता नहीं चाहते उनका नाम
बीजेपी नगराध्यक्ष रणदिवे का नाम विधानसभा पांच के लिए पार्टी के सर्वे में सबसे ऊपर चल रहा है। लेकिन प्रदेश के बड़े नेताओं ने उनके नाम पर पेंच फंसा दिया है। इसके चलते उनके नाम पर अंतिम मुहर अटकी है और एक बार फिर चार बार के विधायक महेंद्र हार्डिया का नाम यहां से रेस में आ गया। नानूराम कुमावत रेस से बाहर है, भले ही वह दिल्ली होकर गए थे। दूसरा काम्बीनेशन उनके विधानसभ तीन के लिए भी है, ऐसा होने पर फिर विधानसभा पांच के लिए हार्डिया तय होंगे।
महेंद्र हार्डिया- रणदिवे कटे तो फिर यह रिपीट होंगे बाबा
बीजेपी में विधानसभा पांच में इनके नाम को लेकर खुली बगावत है और पार्टी नेता खुलकर कह चुके हैं यह लड़ेंगे तो पार्टी के लिए जीत मुश्किल होगी। महापौर चुनाव में यह इकलौती सीट थी जहां से बीजेपी पिछड़ी थी। लेकिन गौरव रणदिवे को टिकट नहीं तो फिर बाबा के नाम से लोकप्रिय हार्डिया ही एक बड़े विकल्प है। पार्टी ने जिस तरह से पुराने नेताओं पर इंदौर में दाव चला है ऐसे में उनका दावा फिर मजबूत हो गया है।
उषा ठाकुर- तीन पर आई तो गोलू, महू गई तो कविता का टिकट कटेगा
उषा ठाकुर तीन चुनाव लड़ी और तीनों जीती लेकिन हर बार उनकी विधानसभा बदली गई। पार्टी दूसरों को समायोजित करने के लिए इन्हें हर बार बदल देती है। साल 2003 में इंदौर विधानसभा एक चुनाव जीतने के बाद 2008 में टिकट ही नहीं दिया, 2013 में तीन नंबर से दिया और फिर 2018 में महू पहुंचा दिया। सूत्रों के अनुसार पार्टी इन्हें तीन नंबर देना चाहती है लेकिन कैलाश विजयवर्गीय गुट से पटरी नहीं बैठने से वह वहां नहीं जाना चाहती, वहीं पार्टी को लगता है कि वह महू में मुश्किल में हैं, इसलिए वहां नहीं देना चाहती। इन्हीं दोनों मुद्दों पर उनका नाम अटका हुआ है। उषा तीन में गई तो गोलू शुक्ला का टिकट कटेगा और यदि वह महू में रही तो कविता पाटीदार को नहीं देंगे। या फिर तीसरी संभावना कि पार्टी उनका ही टिकट काट दें, जैसे कि 2008 में किया था।
कविता पाटीदार- केंद्र स्तर पर लगातार मजबूत हो रही है
राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार केंद्र स्तर पर लगातार मजबूत हो रही है और उन्हें भविष्य की महिला नेता के रूप में पार्टी आगे बढ़ा रही है। महू से विधायक रहे भेरूलाल पाटीदार की बेटी है। महू में पार्टी ने डॉ.. निशांत खरे के नाम का विचार किया था लेकिन सात दिन पहले भोपाल में हुई बैठक में खरे के नाम का विरोध हो गया। पार्टी कोई मजबूत चेहरा देख रही है। ऐसे में कविता पाटीदार पर दाव लगा सकती है। मैदानी पकड़ नहीं है लेकिन पार्टी के झंडे और हाईकमान के भरोसे से ही लड़ पाएंगी।
गोलू शुक्ला- दो नेताओं के विरोध के चलते रणदिवे के विकल्प में उभरे
गोलू शुक्ला मूल रूप से गौरव रणदिवे के टिकट के विरोध में दो नेताओं के विचार के बाद पार्टी के सामने आया नाम है, यह सीएम शिवराज सिंह चौहान की भी पसंद है। ऐसे में रणदिवे को साइडलाइन करने के लिए शुक्ला को आगे बढ़ाने पर काम चल रहा है। विधानसभा तीन में यह दावेदार है और पार्टी इसी बहाने युवा और नया चेहरा लाने पर भी मुहर लगाएगी, क्योंकि अभी तक पार्टी ने इंदौर में नया और युवा चेहरा नहीं दिया है।
इधर कांग्रेस से यह तीन नाम अंतिम रेस में
उधर कांग्रेस की सूची की बात करें तो यहां से इन्हीं तीनों विधानसभाओं के प्रत्याशियों के नाम रूके हुए हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार विधानसभा तीन में अश्विन जोशी का टिकट काटकर चचेरे भाई पिंटू जोशी को दिया जाएगा। दौड़ में पीछे अरविंद बागड़ी है। उधर विधानसभा पांच में सत्तू पटेल का टिकट तय हो गया है। बीच में पार्टी उन्हें महू भेजना चाहती थी और यहां स्वप्निल कोठारी लाना चाह रही थी। लेकिन सत्तू की हाईकमान तक पहुंच काम आई है और उनका टिकट यहां से तय माना जा रहा है। वहीं महू से तीन बार से चुनाव हार रहे अंतरसिंह दरबार को दरकिनार कर पार्टी हाल ही में कांग्रेस में आए रामकिशोर शुक्ला पर बाजी लगाने जा रही है।