संजय गुप्ता@ INDORE.
राज्य सेवा परीक्षा 2019 की अंतहीन कहानी फिर उलझ गई है। हाईकोर्ट जबलपुर के पूर्व आदेश से आयोग द्वारा पूर्व में पास घोषित और बाद में फेल घोषित 240 उम्मीदवारों के इंटरव्यू 20 अक्टूबर से होने जा रहे थे। लेकिन हाल ही में हाईकोर्ट जबलपुर का नया आदेश आया और कहा गया कि यह फैसला केवल याचिकाकर्ता नहीं बल्कि सभी उम्मीदवारों के लिए था, इसके बाद अब आयोग ने सभी 389 उम्मीदवार जो पूर्व रिजल्ट में पास और बाद में फेल घोषित थे, उन सभी के इंटरव्यू कराने का फैसला लिया है और इसकी सूचना मंगलवार (17 अक्टूबर) शाम को जारी कर दी।
अब कब होंगे इंटरव्यू? किस कैटेगरी में रखेंगे इन्हें
सबसे बड़ा सवाल उम्मीदवारों के मन में यही है कि आयोग इंटरव्यू लेगा भी कि नहीं और लेगा तो कब लेगा? हमारे अंतिम रिजल्ट का क्या होगा?
इंटरव्यू होंगे या नहीं- आयोग इंटरव्यू लेगा और इस मामले में वह याचिका लगाकर इंटरव्यू रोकने की तैयारी नहीं कर रहा है। पीएससी प्रवक्ता डॉ. रविंद्र पंचभाई ने साफ कहा कि आयोग हाईकोर्ट के आदेश का पालन कर इंटरव्यू कराएगा।
इंटरव्यू कब होंगे- इन 389 उम्मीदवारों के लिए आयोग को कम से कम 7 दिन का समय चाहिए। लेकिन फिलहाल आयोग के बाद दिसंबर तक कोई शेड्यूल में जगह नहीं बन रही है। इसी को लेकर आयोग में विचार चल रहा है कि यह सात दिन की विंडो कब निकाली जाए। इन सभी के आवेदन तो पहले से ही आयोग के पास है। इनकी स्क्रूटनी कर तारीख तय कर आयोग इंटरव्यू की तारीख घोषित करते हुए सूचना जारी करेगा। फिलहाल जनवरी में ही संभावना लग रही है
अंतिम रिजल्ट कब- हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब रिजल्ट में लंबा समय लगेगा। संभव है आयोग को 389 उम्मीदवारों की स्थिति स्पष्ट करने के लिए कि इन्हें रिजल्ट में किस तर ट्रीट किया जाए, हाईकोर्ट में जाना पड़े। इसलिए फिलहाल रिजल्ट पर स्थिति अभी कानूनी उलझन में है।
इंटरव्यू उम्मीदवारों की पद प्राथमकिता क्या होगी?
इन उम्मीदवारों की इंटरव्यू के लिए पद की प्राथमिकता क्या होगी? इन्हें 87 फीसदी में रखेंगे या फिर 13 फीसदी में। यह बड़ा सवाल है जिस पर आयोग सबसे ज्यादा उलझा हुआ है। क्योंकि उनके रिजल्ट के हिसाब से तो यह फेल ही है, हाईकोर्ट के आदेश से इंटरव्यू हो रहे हैं, ऐसे में इन्हें वह किसी भी कैटेगरी में रखने की स्थिति में नहीं है। इसलिए आयोग इसे लेकर अभी विधिक विचार कर रहा है और अभी उन्हें भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। अंतिम रिजल्ट में भी इनकी स्थिति आयोग को हाईकोर्ट में जाकर समझनी होगी।
उम्मीदवारों की एक परीक्षा के लिए कितनी परीक्षाएं हो रही है
- 14 नवंबर 2019 को 571 पदों के लिए राज्य सेवा परीक्षा 2019 की विज्ञप्ति निकली। इसमें दो नियम लगे, पहला 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण और दूसरा रोस्टर नियम, यानि जो जिस कैटेगरी में चयनति होगा, वह उसी कैटेगरी में रहेगा, मेरिट आधार पर दूसरी कैटेगरी में शिफ्ट नहीं होगा।
- 12 जनवरी 2020 को प्री हुई, रिजल्ट 21 दिसंबर 2020 को आया। ओबीसी आरक्षण के चलते कुल 113 फीसदी रिजल्ट निकला, यानि 13 फीसदी अधिक उम्मीदवार रिजल्ट में लिए गए।
- मेंस 21 से 26 मार्च 2021 को हुई और इसका रिजल्ट 21 दिसंबर 2021 को आया। इसमें 1918 उम्मीदवार सफल हुए, इन्हें इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित किया गया।
- इसी बीच इंटरव्यू के पहले अप्रैल 2022 में हाईकोर्ट का आदेश आया, जिसमें रोस्टर नियम को दरकिनार किया गया
- वहीं सितंबर 2022 में सामान्य प्रशासन विभाग ने ओबीसी आरक्षण के चलते 87-13 फीसदी का फार्मूला दिया।
- दस अक्टूबर 2022 को आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2019 के पूर्व में घोषित मेंस रिजल्ट को रद्द घोषित कर नए सिरे से प्री का रिजल्ट घोषित किया और मेंस दोबारा लेने का फैसला लिया।
- इस नए रिजल्ट में पहले इंटरव्यू के लिए क्वालीफाइ घोषित 389 उम्मीदवार बाहर हो गए।
- इसके साथ ही 87-13 फार्मूला आयोग ने मेंस की जगह प्री से लागू कर दिया और इसके चलते कई उम्मीदवारों की कैटेगरी बदल गई और वह मूल रिजल्ट की जगह प्रोवीजनल में खिसक गए, क्योंकि इसके साथ ही रोस्टर लागू होने से मेरिट होल्डर उम्मीदवार प्री से ही ऊपर चले गए और कई नीचे प्रोवीजनल रिजल्ट में चले गए।
- वहीं फिर से मेंस होने पर पास घोषित उम्मीदवार हाईकोर्ट गए और जबलपुर हाईकोर्ट का जनवरी 2023 में फैसला आया कि नए सिरे से मेंस की जरूरत नहीं जो नए पात्र उम्मीदावर है 2712 उन्हीं की मेंस हो और नार्मलाइजेशन कर रिजल्ट जारी हो।
- आयोग ने रिमेंस 15 से 20 अप्रैल को ली और जून 2023 में रिजल्ट जारी किया। इन्हें फिर इंटरव्यू के लिए कॉल लैटर गया और अगस्त 2023 से इंटरव्यू शुरू हुए। वहीं मूल रिजल्ट में पास 1918 में से बाद में फेल घोषित हुए उम्मीदवार एक-एक कर हाईकोर्ट गए और इंटरव्यू में बैठने की मंजूरी सशर्त ले आए। कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने कहा कि 240 क्यों सभी 389 को बैठाया जाए। इसके बाद आयोग ने मंगलवार को 240 के शेड्यूल हो चुके इंटरव्य रोक दिए और अब फिर से नए सिरे से सभी 389 का शेड्यूल जारी होगा।
आयोग की चूक, उम्मीदवारों की याचिकाएं और हाईकोर्ट के बदलते आदेश
इस परीक्षा की देरी में तीन अहम बातें हैं आयोग की नियम और हाईकोर्ट के आदेश को सही नहीं समझना और सही लागू नहीं करना। दूसरी बात एक के बाद उम्मीदवारों की लगाई याचिका और हर याचिका के साथ हाईकोर्ट के बदलते आदेश।
आयोग की चूक
आयोग ने साल 2020 की परीक्षा में तो 87-13 फार्मूला यह कहते हुए मेंस से लगाया कि प्री का रिजल्ट तो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 87-13 का नोटिफिकेशन करने के पहले ही जारी हो गया था। इसलिए मेंस से इसे लगाया गया। जबकि 2019 में आयोग ने यह प्री से लगाया, जबकि प्री का रिजल्ट आयोग दिसंबर 2021 में ही दे चुका था, और मेंस भी लेकर उसका रिजल्ट दिसंबर 2022 में दे चुका था, 87-13 नियम तो सितंबर 2022 से लागू हुआ। लेकिन रोस्टर नियमों को लेकर आए हाईकोर्ट के अप्रैल 2022 के फैसले के बाद बाद आयोग ने रिजल्ट में देरी की और इसे अक्टूबर 2022 में लागू किया और प्री स्तर से लागू कर 87-13 लगा दिया। इससे पूरी सूची ही उलट-पुलट हो गई और सैंकड़ों उम्मीदवार मूल व प्रोवीजनल रिजल्ट में शिफ्ट हो गए और 389 तो फेल ही घोषित हो गए जो इंटरव्यू के लिए पहले रिजल्ट में पास थे।
उम्मीदवारों की याचिकाएं
इस मामले में उम्मीदवारों ने रोस्टर नियमों को लेकर, फिर मेंस फिर से कराने और नहीं कराने को लेकर से लेकर पूर्व में पास फिर फेल घोषित होने को लेकर कई याचिकाएं लगाई और हर याचिका के साथ हाईकोर्ट के अलग-अलग डायरेक्शन आए।
हाईकोर्ट के याचिकाओं पर अलग-अलग फैसले
वहीं याचिकाओं में उठे संदर्भ के साथ हाईकोर्ट के अलग-अलग फैसले आए। पहले अप्रैल 2022 में रोस्टर नियम दरकिनार होने पर नए सिरे से रिजल्ट की बात आ गई। नया रिजल्ट बनकर मेंस फिर से कराने की बात आई तो फिर जनवरी 2023 में नया फैसला आया कि सभी की मेंस नही करें, नए पास लोगों की करें, छह माह में प्रोसेस पूरी करें। इसके बाद जो फेल हुए वह हाईकोर्ट जाकर छूट लेकर आए, आयोग ने छूट पाने वाले 240 के लिए इंटरव्यू शेड्यूल कर दिए तो फिर ऐनवक्त पर एक उम्मीदवार की याचिका पर फैसला आया कि सभी के इंटरव्यू लो केवल 240 के ही क्यों। इसके बाद अब नए सिरे से इंटरव्यू होंगे।