BILASPUR. छत्तीसगढ़ पीएससी में गड़बड़ियों के आरोपों के बीच हाई कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है। इस दौरान राज्य सरकार ने बिलासपुर हाई कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई गई है। हाई कोर्ट का कहना है कि इस मामले में मीडिया ट्रायल बंद किया जाए। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि राज्य शासन के खिलाफ अनावश्यक माहौल बनाया जा रहा है जो कि गलत और दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री के नाम को भी बिना मतलब बदनाम करने की नियत से लगातार जोड़ा जा रहा हैं। सोशल मीडिया इत्यादि में दुरूपयोग और दुष्प्रचार किया जा रहा है। सुनवाई के बाद सभी पक्षों को मीडिया ट्रायल ना करने, राजनीति ना करने और न्यायालय जैसी संस्थाओं के साथ खिलवाड़ ना करने का निर्णय दिया है।
सरकार ने जताई आपत्ति
पीएससी 2021 के नतीजों को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में लगाई गई जनहित याचिका पर गुरुवार (5 अक्टूबर) को सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए 10 दिनों का समय दिया गया है। अब 16 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि पिछली सुनवाई के दौरान लाइव स्ट्रीमिंग के वीडियो का गलत तरीके से उपयोग किया गया है, इसके बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच के आदेश पर गुरुवार की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं की गई है।
पीएससी के नतीजों में गड़बड़ी
पीएससी 2021 के नतीजों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री और कोरबा से विधायक ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई है, इसमें 18 चयनित अभ्यर्थियों की सूची दी गई है। सूची में पीएससी के पदाधिकारियों समेत कई आईएएस, आईपीएस, नेताओं के बच्चों और अन्य रिश्तेदारों का गलत तरीके से चयन करने का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि कुछ चयनितों की पहचान छिपाने की कोशिश भी पीएससी द्वारा जारी मेरिट लिस्ट में की गई है। याचिका में मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है।