मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को दिया आदेश- डिप्टी कलेक्टर के इस्तीफे पर एक हफ्ते में लें फैसला

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The Sootr
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को दिया आदेश- डिप्टी कलेक्टर के इस्तीफे पर एक हफ्ते में लें फैसला

BHOPAL. डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को गुरूवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे और चार्जशीट पर एक हफ्ते में निर्णय लेने के निर्देश दिए दिए हैं।

विवेक तन्खा ने दो दिन की दी मोहलत

बता दें कि निशा बांगरे ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में उनके इस्तीफे को मंजूरी न मिलने पर याचिका दायर की थी। जिस पर आज सुनवाई की गई है। बांगरे की पैरवी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा के जूनियर वकील ब्रायन डिसिल्वा ने की। इस दौरान विवेक तन्खा ने कहा कि सरकार जानबूझकर इस मामले में देरी कर रही है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लग चुकी है, जिससे सरकार न्यूट्रल हो चुकी है। अब चीफ सेक्रेटरी का शासन है तो चीफ सेक्रेटरी निशा के इस्तीफे से कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। लेकिन, चीफ सेक्रेटरी बीजेपी सरकार की तरफ से निर्णय ले रहा है। तन्खा ने यह भी कहा कि दो दिनों में कोई निर्णय न लिए जाने पर सोमवार चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ निर्वाचन आयोग शिकायत की जाएगी।

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बांगरे ने क्यों दिया था इस्तीफा

दलित समुदाय से आने वाली डिप्टी कलेक्टर ने जून में अपने नए घर के गृह प्रवेश कार्यक्रम में कई बड़े नेताओं को आमंत्रित किया था। इस कार्यक्रम के लिए बांगरे ने छुट्टी मांगी थी, जो कि मंजूर नहीं की गई थी। इस दौरान बांगरे ने इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि बांगरे ने कार्यक्रम में श्रीलंका के न्याय मंत्री विजयादासा राजपक्षे को आमंत्रित किया था। अंतरराष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुलाए गए श्रीलंका के न्याय मंत्री के साथ 11 देशों के लोगों की परमीशन नहीं ली गई थी। इनके वीजा की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और एसपी-कलेक्टर को नहीं दी गई थी।

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भूख हड़ताल पर बैठ गईं थी निशा

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अपनी न्याय यात्रा को लेकर 6 अक्टूबर को भोपाल पहुंच गई थीं। यहां आकर उनकी पदयात्रा सीएम हाउस के लिए निकली थी, जिसे पुलिस ने रोक लिया थी। इस दौरान कलेक्टर की पुलिस से खींचतान हुई थी और उनके कपड़े फट गए। इसका इल्जाम निशा ने पुलिस पर लगाया कि पुलिस ने उनके कपड़े फाड़ दिए। निशा बांगरे को गिरफ्तार कर लिया गया था। भोपाल की सेंट्रल जेल में बांगरे भूख हड़ताल पर बैठ गईं थी। उसके बाद बांगरे निजी मुचलके पर जमानत लेकर मंगलवार रात करीब 9 बजे जेल से बाहर आईं।

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