JABALPUR. प्रदेश में सुर्खियों में रहने वाली डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे को नामंजूर किए जाने के मामले में आज जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। अदालत ने इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को हाजिर रहने के निर्देश दिए थे। निशा बांगरे की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने कहा है कि यदि जरूरत पड़ेगी तो इस मैटर को सुप्रीम कोर्ट तक भी ले जाएंगे। बता दें कि इस्तीफा नामंजूर किए जाने के बाद से ही कांग्रेस इस मुद्दे पर हमलावर मोड पर है।
हाई कोर्ट में दायर की है याचिका
दरअसल डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देने के बाद शासन ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया था। जिस पर निशा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में दलील दी गई है कि नियमानुसार एक माह में इस्तीफा मंजूर कर लिया जाना चाहिए, लेकिन शासन ने अब तक ऐसा नहीं किया है। निशा का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है।
हाल ही में जेल से छूटी हैं
निशा बांगरे हाल ही में जमानत पर जेल से रिहा हुई हैं, दरअसल अपना इस्तीफा स्वीकृत कराने उन्होंने न्याय यात्रा निकाली थी। जिस पर उन्हें हिरासत में लिया गया था। जेल से रिहा होने के बाद वे दिन भर अपने परिवार के साथ व्यस्त रहीं। कांग्रेस उनके समर्थन में खुलकर आ चुकी है, दरअसल निशा बांगरे बैतूल जिले की आमला सीट से दावेदारी कर रही थीं और माना जा रहा है कि कांग्रेस ने उनकी टिकट भी फाइनल कर रखी थी लेकिन ऐन वक्त पर शासन ने उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया था। निशा पर आमला में सर्वधर्म सभा करने के लिए विभागीय जांच लंबित है। उन्होंने गृहप्रवेश कार्यक्रम में शामिल होने के लिए छुट्टी न दिए जाने से नाराज होकर इस्तीफा दिया था।