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नील तिवारी, JABALPUR. जबलपुर में पुलिस का बर्बर चेहरा सामने आया है। एक ओर जहां पुलिस अपराधियों पर अंकुश लगाने में नाकाम नजर आ रही है। वहीं कानून को हाथ में लेकर पुलिसिया डंडा भांजने में इन्हें महारत हासिल है। दरअसल जबलपुर के एक होटल की कर्मचारी को चोरी के शक में पुलिस ने इस कदर पीटा कि उसकी हालत अस्पताल में भर्ती करने लायक हो गई।
चोरी के शक पर बिना FIR थाने में की गई पिटाई
पीड़िता महिला ने बताया कि वह जबलपुर के होटल समदड़िया इन मे साफ सफाई का काम करती है। 3-4 दिन पहले उसे होटल में एक ब्रेसलेट पड़ा मिला, जिसे उसने अपनी आफिस की यूनिफॉर्म के जेब मे रख दिया। पीड़िता ने बताया कि साफ सफाई के दौरान ऐसी चीजें अक्सर मिलती हैं और वह अपने होटल के फैसिलिटी स्टाफ को दे देती है। इस बार भी वह ऐसा ही करने वाली थी। फैसिलिटी स्टाफ को उसने बताया कि उसे ब्रेसलेट मिला था, लेकिन जब उसने ब्रेसलेट बाकी स्टाफ के सामने जेब मे टटोला तो वह गायब था। इस घटना के 2 दिन बाद होटल में पुलिस आई और महिला सहित कुल 4 लोगों को थाने ले गई, जहां ओमती थाने की महिला पुलिसकर्मी ने उसे तलाशी के नाम पर निर्वस्त्र किया और फिर बेरहमी से पिटाई की।
हालत खराब होने पर छोड़ा
पुलिस ने महिला को तब तक पिटा जब तक उसकी हालत खराब नहीं हो गई। घर पहुंचने पर महिला के परिजनों ने उसके पूरे शरीर पर बेरहम पिटाई के निशान देखे। पीड़िता का परिवार समाज के लोगों के साथ थाने पहुंचा।
इलाज के लिए भेजा निजी अस्पताल
महिला को इलाज के लिए नियम अनुसार शासकीय अस्पताल ना ले जाकर, निजी अस्पताल भेजा गया। मीडिया के प्रश्न करने पर पुलिस ने बताया कि वहां अच्छे इलाज के लिए भेजा जा रहा है। हालांकि मीडिया की उपस्थिति में निजी अस्पताल ने भी नियमों का हवाला देते हुए उसके इलाज से मना कर दिया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का आश्वाशन भी निकला झूठा
द सूत्र की टीम ने जब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रियंका शुक्ला को मामले की जानकारी दी तो उन्होंने आश्वस्त किया कि CSP संपर्क करेंगे और पीड़िता का इलाज निजी अस्पताल में ही होगा। लेकिन आखिर थक हार कर परिजनों को पीड़िता को शासकीय अस्पताल विक्टोरिया ले जाना पड़ा, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।
मामले में की जा रही विभागीय जांच
नगर पुलिस अधीक्षक पंकज मिश्रा ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मी पर विभागीय जांच की जा रही है। उसके लाइन हाजिर करने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। बता दें, बिना FIR के थाने में मारपीट और पूछताछ के मामले में जवाब देने से अधिकारी बचते रहे।