JAIPUR. तीन दिन पहले बीजेपी में शामिल हुईं पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने नागौर सांसद और RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल को चुनौती दी है। ज्योति मिर्धा ने कहा कि बेनीवाल चुनाव मैदान में अकेले उतरें। फिर देखेंगे। इसके साथ ही उन्होंने इस बात का भी खंडन किया कि उनके परिवार पर ईडी, सीबीआई या इनकम टैक्स की कोई जांच लंबित है।
कांग्रेस और बेनीवाल के आरोपों का दिया जवाब
राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की कद्दावर नेता ज्योति मिर्धा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुकी हैं। पार्टी ज्वाइन करने के बाद शुक्रवार को ज्योति मिर्धा जयपुर में बीजेपी मुख्यालय पहुंचने पर पहुंची थी। यहां पार्टी नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद में मीडिया से चर्चा में ज्योति मिर्धा ने कांग्रेस और हनुमान बेनीवाल के सभी आरोपों का जवाब दिया और बेनीवाल को चुनौती भी दी।
ज्योति मिर्धा ने बेनीवाल को दी चुनौती
ज्योति मिर्धा ने कहा कि हनुमान बेनीवाल चुनौती में कहीं अड़ेंगे ही नहीं। बेनीवाल ने खुद ने कहा थाा कि एक परिवार से मेरी राजनीतिक रंजिश थी और उसे हराने के लिए उन्हें कुछ अतिरिक्त वोट चाहिए थे, इसलिए वे बीजेपी में शामिल हुए थे। अब वे बीजेपी के साथ नहीं है, और कांग्रेस से जो उनका गठबंधन होने जा रहा है, उसका पार्टी के बड़े नेता सचिन पायलट, हरीश चौधरी, दिव्या मदेरणा आदि विरोध कर रहे है, क्योंकि वे नहीं चाहते कि पार्टी कमजोर हो। ज्योति मिर्धा ने कहा कि वे अकेले आएं और चुनाव लड़ें। वहीं घोड़ा वहीं मैदान है। देखेंगे क्या होता है।
अपने नेताओं को ही कमजोर कर रही है कांग्रेस
कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल होने के कारणों पर ज्योति मिर्धा ने कहा कि कांग्रेस से मेरा पुराना नाता रहा है, लेकिन छोड़ने का कारण स्थानीय था। एक मायूसी थी कि कांग्रेस खुद को कमजोर करके क्षेत्रीय पार्टियों को आगे बढ़ा रही है। हम हमारे और हमारे कार्यकर्ताओं के काम नहीं करवा पा रहे थे। घुटन का माहौल था। इसी दौरान बीजेपी के टॉप लीडर्स ने एप्रोच किया। मेरी कोई शर्त नहीं है। मैंने सिर्फ इतना कहा है कि मुझे काम करने का मौका दिया जाए। पार्टी कहेगी कि चुनाव लड़ना है तो लड़ूगी, वरना ऐसी कोई अड़ी नहीं है। पार्टी जो काम देगी ज्योति मिर्धा अपने कार्यकर्ताओं के साथ उसे करने के लिए मौजूद रहेगी।
मेरे परिवार पर कोई जांच लंबित नहीं
कांग्रेस और हनुमान बेनीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए ज्योति मिर्धा ने कहा कि मुझ पर, मेरे पति या सास-ससुर पर कभी ईडी या सीबीआई या केन्द्रीय एजेंसी की कोई जांच नहीं रही है। मेरे देवर जो इंडिया बुल्स में थे, वे भी अपनी सभी कंपनियों में अपना पद छोड़ चुके हैं, और 2022 के बाद से कोई मेरे परिवार पर कोई जांच लंबित नहीं है। जो लोग ज्योति मिर्धा को जानते हैं, वे यह भी जानते हैं कि ज्योति मिर्धा से जबर्दस्ती राजनीति तो क्या कोई दूसरा काम भी नहीं कराया जा सकता। बता दे कि ज्योति मिर्धा सबसे पहले 2009 में कांग्रेस के टिकट पर नागौर से सांसद बनी थीं, लेकिन 2014 और 2019 में वे हार गई थी। 2019 के चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने ही उन्हें हराया था। बेनीवाल उस समय एनडीए की सहयोगी पार्टी के रूप में चुनाव लड़े थे।