संजय गुप्ता, INDORE. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए दूसरी 39 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है और जिस तरह से बीजेपी चौंकाती है वहीं किया, इंदौर विधानसभा एक से कैलाश विजयवर्गीय को उम्मीदवार बनाया गया है। वह कांग्रेस के संजय शुक्ला के सामने होंगे। साल 2013 में विजयवर्गीय ने अंतिम चुनाव लडा था और 23 सितंबर को ही मीडिया से कहा था कि वह चुनाव लड़ने के लिए पार्टी को मना कर चुके हैं, लेकिन वह सिपाही बीजेपी के हैं और जहां कहेंगे उस मोर्चे पर डट जाउंगा। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है उनके विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय का क्या होगा? माना जा रहा है कि उनका टिकट कटना तय है, क्योंकि यदि दोनों एक ही जिले से चुनाव लडते हैं तो पिता-पुत्र को लेकर परिवारवाद का मुद्दा बीजेपी पर हावी होगा।
बीजेपी में ऐसे कई नेता लाइन में हो जो अपने पुत्रें के लिए टिकट मांग रहे हैं। ऐसे में समस्या बढ़ जाएगी। उधर, देपालपुर से पिछला चुनाव हारे मनोज पटेल का फिर टिकट दिलाने में सीएम शिवराज सिंह चौहान कामयाब रहे।
कैलाश विजयवर्गीय का अब तक चुनावी सफर इस तरह रहा...
1. विजयवर्गीय साल 1990 में विधानसभा चार से पहली बार चुनाव लड़े और 26 हजार 503 वोट से कांग्रेस के इकबाल खान से जीते
2. 1993 का चुनाव विधानसभा 2 से चुनाव लड़े और कांग्रेस के कृपाशंकर शुक्ला को 21 हजार वोट से हराया।
3. 1998 चुनाव विधानसभा 2 से फिर चुनाव में थे कांग्रेस की डॉ. रेखा गांधी को भारी मतों से हराया।
4. 2003 के चुनाव में विधानसभा 2 से ही उतरे और कांग्रेस के अजय राठौर को 35 हजार 911 वोट से हराया।
5. 2008 में महू विधानसभा से उतरे, यहां कांग्रेस के अंतरसिंह दरबार को 9 हजार 791 वोट से हराया।
6. 2013 में महू से फिर लड़े और कांग्रेस के ही दरबार को 12 हजार 216 वोट से हराया।
आकाश विजयवर्गीय का टिकट कटना तय, नया चेहरा या उषा ठाकुर संभव
साल 2018 में विजयवर्गीय ने खुद को पीछे करते हुए पुत्र आकाश विजयवर्गीय के लिए टिकट मांगा, विधानसभा 3 से वह मैदान में उतरे और आकाश ने कांग्रेस के अश्विन जोशी को 5 हजार 751 वोट से हराया था। अब पिता कैलाश को टिकट मिलने के बाद उनका टिकट कटना लगभग तय है। इस जगह पर कोई नया चेहरा देखने को मिल सकता है, संभव है कि ऊषा ठाकुर को वापस यह सीट दी जाए।
सुदर्शन गुप्ता सहित संघ के गोपाल गोयल सभी नाम हुए दरकिनार
इंदौर विधानसभा एक से साल 2008 और 2013 से सुदर्शन गुप्ता जीते तो वहीं 2018 में वह कांग्रेस के संजय शुक्ला से चुनाव हार गए। गुप्ता फिर से दावेदार थे तो वहीं संघ की ओर से गोपाल गोयल का नाम भी प्रमुखता से चलता, लेकिन सभी नाम हाईकमान से दरकिनार हो गए और यह सीट फिर से पाने के लिए बीजेपी कितनी महत्वाकांक्षी है, इस फैसले से साफ हो गया।
देपालपुर से मनोज पटेल को फिर टिकट
देपालपुर में बीजेपी के टिकट पर 2003 से चुनाव लड़ रहे मनोज पटेल फिर से मैदान में होंगे। बीजेपी ने उन्हें फिर टिकट दिया है। हालांकि वह 2018 का चुनाव कांग्रेस के विशाल पटेल से 9 हजार 44 वोट से हार गए थे। उनकी हार-जीत का रिकार्ड फिलहाल एक बार हार और एक बार जीत का रहा है। साल 2003 में वह कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल से जीते, साल 2008 में वह उनसे हार गए। साल 2013 में वह फिर पटेल से चुनाव जीते और साल 2018 में कांग्रेस के नए प्रत्याशी विशाल पटेल से हार गए। यह सीट से पहले उनके पिता निर्भय सिंह पटेल चुनाव लड़ते रहे। उनके निधन के बाद यह सीट उनके पास आ गई। वह सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी हैं।
टिकट मिलने के बाद विजयवर्गीय बोले...
कैलाश विजयवर्गीय ने टिकट मिलने के बाद प्रतिक्रिया दी है कि पार्टी का आदेश है, मुझे केवल इतना कहा गया था कि पार्टी आपको काम देगी आपको ना नहीं करना है मैं पार्टी का सिपाही हूं जो कहेगी मैं करूंगा। एक नंबर का टिकट होने पर मैं भी आश्चर्यचकित हूं। बड़े-बड़े नाम को मैदान में उतरने को लेकर उन्होंने कहा कि बीजेपी दो तिहाई बहुमत की ओर बढ़ चुकी है और आगे कितनी सीट मिलेगी यह पता चलेगा। वहीं आकाश विजयवर्गी की टिकट को लेकर कहा कि इसका फैसला पार्टी तय करेगी मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा