संजय गुप्ता, INDORE. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने जिस विधानसभा में पैर रखा वहां रिकार्ड जीत हासिल की, इसके साथ ही इस चुनाव को लेकर जो वह लगातार दो माह से बोल रहे थे और काउंटिंग के एक दिन पहले भी कहा लव्ज़ ब लव्ज़ सौ फीसदी सच हुआ। सीएम कौन के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा कि- बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता सीएम होगा, जिसे दिल्ली में बैठे हमारे हाईकमान तय करेंगे। विजयवर्गीय इंदौर विधानसभा एक से 58 हजार से अधिक वोट से चुनाव जीते हैं। कांग्रेस के संजय शुक्ला की हार हुई।
यह सारी बातें हुई सच साबित
राजनीति के प्रकांड पंडित व विविध सर्वे जिन बातों पर यकीन नहीं कर रहे थे वही बातें खुलकर विजयवर्गीय बोल रहे थे, उन्होंने तीन बात ताल ठोककर कही थी, जो खुद बीजेपी के कई नेता नहीं बोल पा रहे थे।
1- इंदौर की सभी नौ सीट जीतेंगे, और ऐसा हुआ, यह पहली बार हुआ है जब बीजेपी ने सभी नौ सीट जीती, यह सालव 2003, 2013 की लहर में भी नहीं हुआ था।
2- मालवा में रिकार्ड जीत हासिल करेंगे और पुराना इतिहास दोहराएंगे। यही हुआ, बीते 2018 चुनाव में यहां 66 में से बीजेपी 29 पर सिमट गई थी, इसके पहले 2013 में 57 सीट थी। यहां बीजेपी फिर 50 को छू गई। विजयवर्गीय ने कहा भी मैं एक साल से मालवा-निमाड़ में काम कर रहा था।
3- मप्र में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाएंगे, 150-160 जीतकर हम सरकार बना रहे हैं। यह आंकडा भी बीजेपी ने प्रदेश में छू लिया। उन्होंने कहा था कि मैंने मप्र की 103 सीट पर दौरा किया है और किसी भी हाल में दो तिहाई बहुमत से कम सीट नहीं आएगी।
मोदी की के मन में एमपी, शाह की रणनीति को दिया श्रेय
विजयवर्गीय ने कहा कि यह मोदी की करिशमा है, उनकी गारंटी है। मोदी के मन में मप्र था, उस पर मतदाताओं ने भरोसा दिखाया। अमित शाहजी की रणनीति ने जीत दिलाई, खासकर छत्तीसगढ़ की जीत तो अद्भुत है। विजयवर्गीय ने लाड़ली बहना के चलते मप्र में जीत पर कहा कि नहीं राजस्थान, छत्तीसगढ़ में यह योजना नहीं थी लेकिन जीते, क्योंकि यह मोदी का करिशमा है। तीनों राज्य में मोदी जी का नेतृत्व था यह उसी की जीत है।
कांग्रेस के अंहकारी नेता हार गए
विजयवर्गीय ने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला कि उन्हें मतदाता वोट क्यों दें? उनके पास ना नेता है ना नीति है और नियत अच्छी है। मतदाताओं ने उन्हें लोकसभा के पहले आईना दिखा दिया है। उनके सभी अंहकारी नेता चुनाव हार गए हैं।
शुक्ला खुद के घर का बूथ हार गए
विजयवर्गीय ने कहा कि मुझे बाहरी प्रत्याशी कहा गया लेकिन जो स्थापित विधायक थे, वह खुद के बूथ में ही हार गए, तो जनता ने बता दिया कि कौन बाहरी था। लोगों ने मुझे भरपूर प्यार दिया है और बीजेपी को चुना है, विकास को चुना है।
विजयवर्गीय की यह चौथी विधानसभा थी, सातवी बार विधायक बने
विजयवर्गीय पहली बार 1990 में इंदौर विधानसभा चार से चुनाव लड़े और जीते थे। इसके बाद से यह विधानसभा बीजेपी आज तक नहीं हारी है। इसके बाद वह 1993 में इंदौर दो से लडे और जीते इसके बाद से बीजेपी यहां भी नहीं हारी, वह यहां से 1993, 1998, 2003 में लगातार तीन बार जीते। इसके बाद पार्टी ने उन्हें महू भेजा और 2008 और 2013 में वहां से भी जीते। फिर दस साल बाद पार्टी ने मैदान में उतारा और अब वह विधानसभा एक गए और वहां से बीजेपी का परचम लहराया। विजयवर्गीय एक बार इंदौर के महापौर भी रह चुके हैं।