संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में सभी नौट सीट की जीत और मालवा-निमाड़ में बीजेपी की बंपर जीत में कांग्रेस के कई बड़े नेता धराशाई हो गए। जो सीट राऊ, देपालपुर, इंदौर विधानसभा पांच, सोनकच्छ यह कांग्रेस के लिए मजबूत मानी जा रही थी, वहां भी कांग्रेस को हार मिली। इसका कारण का खुलासा अब कैलाश विजयवर्गीय ने किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय ने कहा इन सभी की हार का प्लान उन्होंने ही बनाया था। मालवा-निमाड़ में हर अंहकारी नेता को हारना चाहिए।
इस तरह किया प्लान
विजयवर्गीय ने मीडिया से चर्चा में बताया कि राऊ में उन्होंने बैठक ली थी। वह भी बीजलपुर क्षेत्र में और कार्यकर्ताओं को संदेश दिया था कि इस बार इन्हें हारना चाहिए। लगातार बैठक ली और संदेश दिया कि इस बार तो यह सीट लेना ही है। इसी तरह पितृ पर्वत के आसपास देपालपुर विधानसभा में 40 हजार मतदाता है, हमने बुलाया और बैठक ली और कहा कि वोट मनोज पटेल को देना है, उनकी कुछ समस्याएं थी साफ कहा कि कैलाश विजयवर्गीय चुनाव लड़ रहा है वोट दोगे कि नहीं, वह मान गए। इस तरह विधानसभा पांच के लिए महेंद्र हार्डिया के लिए समर्थन मांगा, वहां बैठकें की पार्टी के लिए काम करना है। सोनकच्छ के लिए जब जनआशीर्वाद यात्रा निकली तभी प्लान और बैठके हो गई थी और कहा था कि यह (सज्जन सिंह वर्मा) हारेंगे इस बार।
मेरा दुर्भाग्य जीतू मुझे सलाह देते हैं, सज्जन मेरे मित्र नहीं
सज्जन सिंह वर्मा द्वारा उन्हें मित्र कहे जाने के सवाल पर कहा कि वह मेरे कोई मित्र नहीं है, काहे की दोस्ती, मेरी कोई दोस्ती नहीं है, दोस्त इस तरह की भाषा नहीं बोलते हैं, जो उन्होंने मेरे लिए कहे, कभी-कभी राजनीति में नमस्ते हो जाती है। राजनीति में काम ज्यादा करना चाहिए और बोलना कम। जो ज्यादा बोलते हैं, उन्हें सबक मिला है। सज्जन ही नहीं हर अंहकारी व्यक्ति जो मालवा है में खुद को अंहकारी समझता है, उसे मतदाता ने जवाब दिया है। अब जीतू पटवारी, यह मेरा दुर्भाग्य है कि वह मुझे सलाह देते हैं कि ऐसे राजनीति नहीं करना चाहिए, ऐसे भाषण नहीं देना चाहिए, बड़े नेता हो गए तो क्या, गरिमा में रहना चाहिए, अंहकार अच्छा नहीं होता।
शुक्ला के आरोपों पर कभी ध्यान नहीं दिया
कांग्रेस के प्रत्याशी संजय शुक्ला को लेकर विजयवर्गीय ने कहा कि मैंने उनके आरोपों पर कभी ध्यान नहीं दिया। मैं तो अभी भी कहूंगा कि आओ साथ मिलकर विकास करते हैं। दुश्मन समझदार हो तो ज्यादा अच्छा। वह बच्चा है नादानी कर गया। वहीं रमेश मेंदोला बोले कि उनकी बौखलाहट के कारण ही भाषा बिगड़ गई थी। उन्होंने विकास नहीं किया केवल कथाएं कराई, इससे चुनाव नहीं जीता जाता है।
कहा था तय कर लिया चुनाव लड़वाना तो फिर कहीं से भी टिकट दे दो
वहीं विजयवर्गीय ने टिकट पर भी कहा कि भूपेंद्र यादव ने कहा कि आपको चुनाव लड़ना है, मैंने मना कर दिया कि मेरे बेटे ने काफी काम किया है, आप दो को तो टिकट देंगे नहीं। फिर मैं आ गया, लेकिन अगले दिन दिल्ली से फोन आया (अमित शाह) उन्होंने कहा कि आपको चुनाव लड़ना है पार्टी ने तय किया है, कुछ और मुद्दों पर बात हुई और फिर कहा कि भूपेंद्र यादव से मिल लीजिए और बता दीजिए कहां से लड़ेंगे। मैं यादव जी से मिला और कहा कि जब तय कर लिया कि लड़ाना है तो फिर आप टिकट भी तय कर दीजिए, मैंने कहां नीमच से राजगढ़ तक जहां से आप कहो मैं लड़ लूंगा। फिर उन्होंने एक नंबर विधानसभा दे दी, मैंने लड़ लिया।
जीत का कारण मोदी मैजिक
वहीं विजयवर्गीय ने फिर दोहराया कि यह जीत केवल मोदी मैजिक के कारण हुई। उनका नेतृत्व, देश के श्रेष्ठ रणनीतिकारण अमित शाह की रणनीति, संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा के कारण पार्टी को यह प्रचंड जीत मप्र नहीं तीनों राज्यों में मिली है। मेंदोला ने भी कहा कि जिस तरह से पीएम मोदी का मैजिक है, सीएम ने प्रदेश में योजनाएं लागू की, इन सभी का कारण चुनाव जीते। इंदौर में जब महापौर कैलाशजी बने थे तभी से विकास की शुरूआत हुई है और इसका फायदा हमे मिल रहा है।