BHOPAL.मध्यप्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों का दौर चल रहा है। ऐसे में पूर्व सीएम कमलनाथ के सांसद बेटे नकुलनाथ ने आईपीएल टीम नाम पर सुझाव मांगे हैं। छिंछवाड़ा से सांसद नकुलनाथ ने बयान जारी कर युवाओं से प्रदेश की संभावित आईपीएल टीम के नाम पर सुझाव आमंत्रित किए हैं। कांग्रेस भले ही इसे राजनीतिक मुद्दा बनाए, लेकिन आईपीएल टीम बनाना राज्य सरकार पर नहीं बल्कि बीसीसीआई और निवेशकों पर निर्भर करता है।
प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देना चाहते हैं
कांग्रेस ने पिछले महीने जारी अपने घोषणा पत्र में मध्य प्रदेश की एक आईपीएल टीम का वादा किया है। नकुलनाथ ने कहा कि 'मध्य प्रदेश में जब हमारी सरकार बन जाएगी तब हम राज्य की एक आईपीएल टीम बनाएंगे। मैं चाहता हूं कि राज्य के युवा आगे आकर मध्य प्रदेश की आईपीएल टीम का नाम सुझाएं।' उन्होंने यह भी कहा कि वे प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देना चाहते हैं। क्रिकेट के मैदान पर वे राज्य का गौरव बढ़ाना चाहते हैं। टी20 क्रिकेट लीग को आईपीएल ने 2008 में शुरू किया था।
यहां बता दें, मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है। इसके नतीजे तीन दिसंबर को घोषित होंगे।
आईपीएल में क्यों संभव नहीं है एमपी की टीम
कांग्रेस में लंबे समय तक रहे और अब बीजेपी से खेल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया लंबे समय तक मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएश के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने इससे पहले कई बार मध्य प्रदेश की आईपीएल टीम की बात की। कुछ हद तक कोशिश भी की, लेकिन सफल नहीं रहे। अब कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया है तो यह जानना बेहद जरूरी है कि यह मुश्किल क्यों है? दो साल पहले ही आईपीएल को विस्तार दिया गया है। आठ टीमों के साथ शुरू हुआ यह सिलसिला अब 10 टीमों तक पहुंच गया है। इस वजह से कहा जा सकता है कि निकट भविष्य में तो मध्य प्रदेश की आईपीएल टीम बनना मुश्किल ही नहीं फिलहाल नामुमकिन है।
इंदौर की आईपीएल टीम को नहीं मिला सपोर्ट
इससे पहले भी इंदौर के नाम से आईपीएल टीम बनाने की चर्चाएं खूब हुई हैं। पहले जब भी चर्चा शुरू हुई, अन्य राज्य आगे निकल गए। कहीं न कहीं निवेशकों की रुचि कम पड़ गई। आज इंदौर के रजत पाटीदार, आवेश खान और वेंकटेश अय्यर जैसे खिलाड़ी आईपीएल में नाम कमा रहे हैं। देश के लिए भी खेल रहे हैं। क्रिकेट जानकारों की बात करें तो इंदौर की आईपीएल टीम होनी चाहिए। सीके नायडू और मुश्ताक अली जैसे खिलाड़ियों के इंदौर को भी IPL में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। हालांकि, यह आसान नहीं होगा। फिलहाल क्रिकेट बोर्ड टीमों की संख्या बढ़ाने से रहा। यदि कोई शहर हटता है तो जरूर इंदौर या मध्य प्रदेश के लिए अवसर बन सकते हैं।