BHOPAL.सीएम शिवराज सिंह चौहान के चौथे कार्यकाल की आखिरी बैठक गुरुवार 30 नवंबर को बुलाई गई है। सबसे खास बात यह है कि इस बैठक का कोई एजेंडा नहीं है। बैठक सुबह 11.30 बजे शुरू होगी। बैठक में सभी मंत्रियों, सीएस, पीएस और सचिवों के बुलाया गया है। बिना एजेंडे के बुलाई गई इस कैबिनेट बैठक को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है।
आखिर इस बैठक में क्या होगा
इस समय प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे चौथे कार्यकाल की आखिरी कैबिनेट बैठक में सीएम कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकेंगे। दरअसल ऐसी बैठक में कुछ परंपराएं निभाई जाती हैं। इसमें मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों, सीएस, पीएस और सचिवों को प्रदेश के विकास कार्यों में योगदान देने के लिए धन्यवाद प्रेषित करेंगे।
दस साल में ऐसा नहीं हुआ
मप्र विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान हुआ था। 3 दिसंबर को काउंटिंग के साथ रिजल्ट आ जाएगा। ऐसे में विधानसभा चुनाव के रिजल्ट से पहले सीएम द्वारा कैबिनेट बैठक बुलाना कुछ अटपटा लग रहा है। पिछले दस साल में वोटों की काउंटिंग से पहले कोई कैबिनेट बैठक नहीं हुई है। हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग के अफसरों के मुताबिक आमतौर पर विधानसभा चुनाव होने के बाद इस तरह कैबिनेट बैठक बुलाई जाती है। इसमें सीएम लाड़ली बहना योजना सहित अन्य योजनाओं और कार्यों का उल्लेख कर सकते हैं।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
वोटों की काउंटिंग से पहले बुलाई गई इस कैबिनेट बैठक को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि बिना एजेंडे की यह कैबिनेट बैठक का बताती है कि बीजेपी हालत खराब है। इसका मकसद वोटों की काउंटिंग को प्रभावित करने के लिए अफसरों व कर्मचारियों पर दबाव डालना हो सकता है।