BHOPAL. यदि ब्राह्मण को हर फील्ड में नेतृत्व दें या सलाहकार बनाया जाए तो देश कई मायनों में बदल सकता है। मप्र के आईएएस नियाज खान की किताब ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ का कुछ यही सार था। अब वे एक बार फिर अपनी अगली किताब ब्राह्मण पार्ट-2 को लेकर चर्चाओं में हैं। बता दें कि उनके इस किताब का नाम है ‘वॉर अगेंस्ट कलयुग’। इसमें सनातनपति की व्याख्या की है कि जो देश का धार्मिक गुरु होगा, उसका कथन ही शासन होगा और वही राज करेगा।
सनातन राष्ट्र के निर्माण में ब्राह्मण की मुख्य भूमिका हो
आज ब्राह्मण अपने पथ से इसलिए हटा है, क्योंकि भौतिकवाद में डूबने के कारण अपनी सुख-सुविधाओं के लिए मूल्यों से समझौता कर रहा है। अब बीच का रास्ता निकालें, जहां भौतिकवाद का सुख लेते हुए धर्म की रक्षा भी कर पाएं। सनातन राष्ट्र के निर्माण में ब्राह्मण भूमिका निभाएं। सनातन राष्ट्र में कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका की भी व्याख्या है। इसमें एक नया पद भी होगा, जिसे ‘सनातनपति’ के नाम से जाना जाएगा। इस पर केवल ब्राह्मण ही बैठेगा, जो देश का धार्मिक गुरु होगा और दस साल के लिए चुना जाएगा। सनातन धर्म की व्याख्या भी वही करेगा। राष्ट्र सनातन राष्ट्र कहलाएगा। लोकतंत्र और धर्म को मिलाकर धर्मतंत्र कहलाएगा।
काशी के धर्मगुरुओं के बीच 17 मार्च को किताब की होगी लॉन्चिंग
इस किताब में बताया गया है कि आज से तीन हजार साल पुराने भारत के धर्म के ढांचे को ब्राह्मणों ने ही खड़ा किया था। आज ब्राह्मण भौतिकवाद में क्या कर रहे हैं। इस किताब के माध्यम से उन्होंने आईना दिखाने का काम किया था, कि आज ब्राह्मण कैसे जीवन जी रहे हैं। अपनी वेशभूषा, भाषा, संस्कृति, पूजा पद्धति की ओर कैसे जाएं। नियाज अपनी किताब ब्राह्मण द ग्रेट को लेकर इससे पहले भी विवादों में आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल मुंबई जनसंपर्क डायरेक्टर गणेश रामदासी इसका मराठी में अनुवाद करवा रहे हैं। इसकी मांग आरएसएस में भी काफी रही। वॉर अगेंस्ट कलयुग को अगले साल 17 मार्च को काशी में धर्मगुरुओं के बीच लॉन्च किया जाएगा। ये किताब 225 पेज की होगी।