BHIND. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी भिण्ड संजीव श्रीवास्तव की निष्पक्षता पर संदेह उठाते हुए उन्हें मतगणना की प्रक्रिया से अलग रखने की मांग की है। उन्होंने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन से मुलाकात करके कहा कि भिण्ड कलेक्टर शुरू से ही चुनाव को प्रभावित करने और बीजेपी के एजेन्ट के रूप में काम कर रहे है। उनका कहना है कि भिण्ड कलेक्टर अपनी पदस्थापना के समय से ही अपने अधीनस्थ अधिकारियों से यह पूछते रहे हैं कि डॉ. गोविन्द सिंह सात बार किस प्रकार चुनाव जीते है।
कलेक्टर भिण्ड की निष्पक्षता पर उठे सवाल
डॉ. गोविन्द सिंह ने बताया कि भिण्ड कलेक्टर पूरे जिले के निर्वाचन अधिकारी है, लेकिन मतदान के दिन वे केवल लहार विधानसभा क्षेत्र में पूरे दिन मतदान शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक घूमते रहे। उनके निर्देश पर बीएसएफ कर्मी मतदान करने वाले मतदाताओं के आधार कार्ड की जांच कर रहे थे। जबकि ये काम पीठासीन अधिकारी का हैं। बीएसएफ द्वारा मतदाताओं से पूछताछ किए जाने से क्षेत्र में भय व्याप्त हो गया। डॉ. सिंह ने कहा कि मतदान केन्द्र 50 धनुपुरा और 45 गांध में अनेक मतदाताओं के साथ मारपीट की गई जिससे कोई मतदान न कर सके। कलेक्टर के इशारे पर कांग्रेस पार्टी के मतदान अभिकर्ताओं को मतदान केंद्र से बाहर बैठाकर रखा गया और पीठासीन अधिकारियों द्वारा बीजेपी के पक्ष में फर्जी मतदान कराया गया।
कलेक्टर भिण्ड को मतगणना से अलग रखने की मांग
लहार में निर्वाचन के कार्य में लगे शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा डाले गए डाक मत पत्रों को कोषालय में जमा नहीं किया गया। इसकी शिकायत करने के बाद लहार की आईटीआई में एक खुली अलमारी में डाक मत पत्र पाए गए जिसमें कई लिफाफे खुले हुए थे। एक दिन बाद इन डाक मत पत्रों को कोषालय में जमा कराया गया। डॉ. गोविन्द सिंह ने बताया कि कई कर्मचारी जो ड्यूटी में संलग्न थे, लेकिन उनका नाम डाक मत सूची में शामिल नहीं किया गया जिससे वह मतदान से वंचित रह गए। डॉ. गोविन्द सिह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से कहा कि उन्हें कलेक्टर भिण्ड के रवैये को देखते हुए संदेह है कि उनके रहते निष्पक्षतापूर्वक मतगणना संभव नहीं है। उन्होंने मांग की है कि लहार क्षेत्र की मतगणना से कलेक्टर भिण्ड को अलग रखते हुए किसी अन्य अधिकारी को दायित्व सौंपा जाए ताकि मतगणना निष्पक्षतापूर्वक हो सके