मध्यप्रदेश में सांसदी छोड़ने वाले नेताओं को मिलेगी ये जिम्मदारी ! जानिए तोमर, प्रहलाद किस फॉर्मूले में होंगे फिट

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BP Shrivastava
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मध्यप्रदेश में सांसदी छोड़ने वाले नेताओं को मिलेगी ये जिम्मदारी ! जानिए तोमर, प्रहलाद किस फॉर्मूले में होंगे फिट

BHOPAL. मध्यप्रदेशम में विधानसभा चुनाव के बाद सबकी निगाहें चुनाव जीतने वाले दो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल समेत तीन सांसदों राकेश सिंह, राव उदयप्रताप सिंह और रीति पाठक पर हैं। इन सभी ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अब इन पांचों को प्रदेश की नई सरकार में अहम जिम्मेवारी मिलने वाली है। इनमें से तोमर और पटेल को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा है। हालांकि, सीएम पद को लेकर बीजेपी हाईकमान ने अब तक कोई संकेत नहीं दिए हैं।

आइए, अब जानते हैं इन विधानसभा चुनाव में जीतने वाले पांचों सांसदों (अब सांसदी से इस्तीफा हो चुका है) की प्रदेश में बनने वाली नई सरकार में क्या भूमिका हो सकती है।


सीएम नहीं तो विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का विकल्प भी

नरेंद्र सिंह तोमर मोदी कैबिनेट के भरोसेमंद मंत्री रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हालांकि, यदि शिवराज सिंह चौहान आगे भी सीएम पद पर बरकरार रहते हैं तो तोमर को विधानसभा का अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है। जहां तक बीजेपी की सरकार में पहली बार उपमुख्यमंत्री पद को लेकर जो चर्चाएं चल रही हैं, उस पद पर तोमर की ताजपोशी को जानकार उनके कद पर फिट नहीं मान रहे हैं। तोमर के लिए संगठन में बदलाव की बात भी चल रही है। यानी उन्हें एक बार फिर पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसकी वजह चार माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में उनके अनुभव का पार्टी लाभ उठाना चाहेगी। वर्तमान अध्यक्ष और खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा इस बार भी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार होंगे। तोमर के प्रदेश अध्यक्ष बनने से अपने चुनाव के लिए वीडी शर्मा पर्याप्त समय दे सकेंगे।

नरेंद्र सिंह तोमर के बारे में संघ, बीजेपी आलाकमान और शिवराज सिंह चौहान की सोच हमेशा से सकारात्मक रही है। पिछले दो विधानसभा चुनाव और इस बार के चुनाव में तोमर की भूमिका कई एंगल से अहम रही है। इस बार तोमर चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष भी थे। तोमर की पहचान सबके साथ बेतहर तालमेल की रही है। हालांकि इस सब पर उनके बेटे के वीडियो ने प्रतिकूल असर डाला है। जानकार मानते हैं कि राजनीति में छोटा-बड़ा पद ज्यादा मायने नहीं रखता है। शिवराज सिंह की सरकार में बाबूलाल गौर सीएम बनने के बाद मंत्री रह चुके हैं, इसी तरह सुंदरलाल पटवा की सरकार में कैलाश जोशी सीए रहने के बाद मंत्री बने थे।

प्रहलाद पटेल सीएम पद के प्रबल दावेदार

मंत्री प्रहलाद पटेल का नाम मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में चल रहा है। दूसरे विकल्प के रूप में उन्हें उपमुख्यमंत्री के रूप में भी देखा जा सकता है। इसके अलावा पटेल को किसी बड़े विभाग का मंत्री भी बनाया जा सकता है। नरेंद्र सिंह तोमर की तरह उनके पास प्रदेश अध्यक्ष बनाने की भी चर्चा है। ओबीसी वर्ग और लोधी समाज से आने वाले प्रहलाद सिंह पटेल को विधानसभा चुनाव के दौरान संगठन ने महाकौशल और बुंदेलखंड की सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी भी सौंपी थी। 

राकेश सिंह कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह जबलपुर से चार बार के सांसद हैं। जबलपुर से विधायक बने हैं। उन्हें सरकार में मंत्री पद दिए जाने की पूरी संभावना है। राकेश सिंह भी पहली बार विधानसभा का चुनाव जीते हैं। उन्होंने 10 साल बाद जबलपुर पश्चिम सीट बीजेपी के लिए जीती है। राकेश सिंह को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वे लोकसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप भी रह चुके हैं।

राव उदयप्रताप सिंह बनाए जा सकते हैं कैबिनेट मंत्री

राव उदयप्रताप सिंह होशंगाबाद से तीन बार (पहली बार कांग्रेस से) सांसद रहे हैं। उन्हें बीजेपी की सरकार में अहम विभाग मिलने की संभावना है। सिंह ने 2013 में होशंगाबाद के सांसद के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस छोड़ दी थी। 2014 और फिर 2019 के चुनावों में होशंगाबाद सीट से बीजेपी के सांसद बने। इससे पहले वे एक बार विधायक भी रह चुके हैं।

रीति पाठक के भी मंत्री बनने की संभावना

रीति पाठक 2010 से 2014 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। इसके बाद 2014 और 2019 में सांसद बनीं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक केदारनाथ शुक्ला की बगावत के बावजूद सीधी सीट पर बीजेपी को जीत दिलाई। इन्हें भी नई सरकार में अहम मंत्री बनाए जाने की संभावना है।


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