आधार कार्ड की तरह अब हर विद्यार्थी की बनेगी 'अपार' आईडी, इसमें 12 डिजिट का यूनिक नंबर होगा, पढ़ाई से जुड़ा हर डेटा होगा मौजूद

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The Sootr
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आधार कार्ड की तरह अब हर विद्यार्थी की बनेगी 'अपार' आईडी, इसमें 12 डिजिट का यूनिक नंबर होगा, पढ़ाई से जुड़ा हर डेटा होगा मौजूद

NEW DELHI. फर्जी मार्कशीट के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री यानी अपार आईडी बनने वाला है। अब यही देशभर के स्टूडेंट्स की यूनिक पहचान होगी। इसमें आधार की तरह 12 डिजिट का यूनिक नंबर होगा। यह आईडी किसी भी स्टूडेंट को बाल वाटिका, स्कूल या कॉलेज में दाखिला लेते ही मिल जाएगा। इसमें स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी ट्रांसफर, सर्टिफिकेट सत्यापन, स्किल ट्रेनिंग, इंटर्नशिप, स्कॉलरशिप, अवॉर्ड, कोर्स क्रेडिट ट्रांसफर व उपलब्धियों जैसी सारी जानकारी डिजिटल रूप में समाहित रहेगी।

30 करोड़ स्टूडेंट्स ‘अपार’ के दायरे में आएंगे

देशभर में करीब 30 करोड़ स्टूडेंट्स हैं। इनमें से 4.1 करोड़ उच्च शिक्षा और करीब 4 करोड़ स्किलिंग कोर्स से जुड़े हैं। बाकी स्कूलों में हैं। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सिस्टम लागू होने के चलते इस सत्र से एक हजार से अधिक उच्च शिक्षा संस्थानों के एक करोड़ से ज्यादा छात्र-छात्राएं अपार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य सभी 30 करोड़ छात्रों को अपार नंबर के दायरे में लाने का है।

शिक्षा मंत्रालय ने पत्र लिखा

शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों के सचिवों को पत्र लिखकर सभी स्कूल-कॉलेजों में स्टूडेंट्स का अपार रजिस्ट्रेशन करने का आग्रह किया है। नई शिक्षा नीति-2020 में यह निर्देश है कि स्कूल, उच्च शिक्षा व स्किलिंग तीनों डोमेन के छात्र-छात्राओं का डेटा एक प्लेटफॉर्म पर होना चाहिए।

कहां बनेगा आईडी कार्ड?

अपार आईडी आधार नंबर के जरिए जारी होगा। सिर्फ स्कूल-कॉलेज के माध्यम से ही बनेगी। माता-पिता/अभिभावकों की सहमति भी ली जाएगी क्योंकि इसका डेटा शिक्षा संबंधी विभागों और संस्थानों के साथ साझा होगा। इसके तहत बच्चों का आधार वेरिफिकेशन किया जाएगा। अपार से जुड़े रिकॉर्ड डिजिलॉकर में उपलब्ध होंगे।

कहां हो सकेगा उपयोग?

छात्र जीवन से जुड़ी हर एकेडमिक गतिविधि की ऑफिशियल जानकारी इस नंबर के साथ उपलब्ध होगी। नौकरी के लिए भी अपार नंबर का इस्तेमाल हो सकेगा। नौकरी पाने के बाद स्किलिंग, रीस्किलिंग या अपस्किलिंग में भी इसी का इस्तेमाल हो सकेगा।

शिक्षा के अलावा और कहां होगा इस्तेमाल?

रेल और बस कंसेशन में अपार नंबर का इस्तेमाल हो सकेगा।

कौन सी मुश्किलें होंगी आसान?

- कोर्स क्रेडिट ट्रांसफर में आसानी होगी यानी किसी कोर्स के दो विषय आप पढ़ चुके हैं और अन्य विषय बाद में पढ़ते हैं तो इसमें जानकारी रहेगी कि आप दो विषय शुरुआत में पढ़ चुके हैं। ये दोबारा नहीं पढ़ने होंगे।

- अपार में सर्टिफिकेट वेरिफाइड रहेंगे। बार-बार वेरिफिकेशन का झंझट खत्म होगा।

- आपने स्कूली पढ़ाई पूरी की है या कोई डिग्री ली है तो ऐसी सूचनाएं अपडेट होती रहेंगी।

- आप किसी योजना, कंसेशन, अवॉर्ड के योग्य हैं, तो अपार आईडी बताते ही संबंधित संस्था को पता चल जाएगा।

स्टूडेंट के अलावा और किन्हें जारी होगा?

स्टूडेंट्स के साथ ही शिक्षकों को उनके पैन नंबर, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी या उच्च शिक्षा संस्थानों और एडुटेक कंपनियों व शैक्षणिक स्टार्टअप को उनके यूडाइस, आईसी या जीएसटीएन नंबर के आधार पर अपार नंबर जारी होगा।

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