इंदौर में भूमाफिया मद्दा और पिपाड़ा केस से जुड़ी नीलू पंजवानी को दिए 2.31 करोड़ के साथ रासुका हटवाने के सौदे की लिंक

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Pratibha Rana
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इंदौर में भूमाफिया मद्दा और पिपाड़ा केस से जुड़ी नीलू पंजवानी को दिए 2.31 करोड़ के साथ रासुका हटवाने के सौदे की लिंक

संजय गुप्ता@INDORE.

इंदौर हाईकोर्ट बेंच ने भूमाफिया दीपक मद्दा के रिश्तेदार अशोक पिपाडा की लगाई गई याचिका खारिज कर दी है। पिपाड़ा ने ईडी इंदौर द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में उसे भी आरोपी बनाने के खिलाफ 482 के तहत उस पर केस खत्म करने की याचिका लगाई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि मद्दा ने अपराध से रुपए कमाए और इससे संपत्ति खरीदी, जो ईडी के दस्तावेज में दिख रही है और आरोपी पिपाड़ा द्वारा इस राशि को कर्ज की अदायगी बताया जा रहा है। पीएमएलए एक्ट के तहत अपराध की कमाई का उपयोग हुआ है इसलिए यह याचिका मानने योग्य नहीं है।

द सूत्र के पास ईडी में हुए मद्दा और पिपाड़ा के बयान मौजूद

ईडी में भूमाफिया दीपक मद्दा और उनके रिश्तेदार पिपाड़ा ने क्या बयान दिए हैं। इसके एक्सक्लूसिव दस्तावेज द सूत्र के पास मौजूद है। इससे ना सिर्फ इनके द्वारा 4.89 करोड़ रुपए के किए गए खेल के दस्तावेज है। वहीं यह राशि पिपाडा से लेकर विवादित बिल्डर नीलेश उर्फ नीलू पंजवानी, दीपक पंजवानी तक कैसे गई और उन्होंने क्या किया? इसका भी खुलासा है। साथ ही रासुका को लेकर मद्दा और पिपाड़ा के बीच क्या सौदा हुआ, इसका भी काला चिट्ठा मौजूद है।

मद्दा ने क्या किया 4.89 करोड़ रुपए का, पिपाड़ा और नीलू को कितने दिए?

द सूत्र के पास मौजूद दस्तावेज के अनुसार मद्दा ने बताया कि उसने हिना पैलेस में कल्पतरू संस्था को जमीन बेची थी, जिसके बदले में उसे 4.89 करोड़ रुपए मिले थे। इसमें से उसने 70 लाख लाख वापस संस्था को दे दिए थे। उसके पास 4.19 करोड़ रुपए बचे। इसे दो हिस्सों में बांटा गया एक समता रियलिटी को जो उनकी पत्नी समता जैन की है और दूसरा नीलू पंजवानी और दीपक पंजवानी को।

1- इसमें से 1.88 करोड़ रुपए समता रियलटी (जो उनकी पत्नी समता जैन की ही है) को असुरक्षित लोन के रूप में दिए गए, जिससे उन्होंने नौ करोड़ की जमीन खरीदी, जिसे मैंने 1.88 करोड़ रुपए में ले ली।

2- दूसरा हिस्सा 2.31 करोड़ रुपए का था। यह राशि नीलू पंजवानी और दीपक पंजवानी की सर्वे नंबर 250/2/2 भिचौली मर्दाना इंदौर की कुल 23547 वर्गफीट जमीन खरीदी के लिए दी गई थी। स्टाम्प ड्यूटी और जमीन की कीमत मिलाकर 2.31 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इसके लिए नीलू और दीपक को देना बैंक खाते से चेक से 2018 से 2020 के भुगतान किया गया। दिसंबर 2018 में जमीन की रजिस्ट्री करा ली।

नीलू से खरीदी जमीन को गिरवी रख हुआ रासुका के लिए सौदा

मद्दा की राशि नीलू और पिपाड़ा के बाद ट्रांसफर होने के बाद अब रासुका के खेल के पीछ चलते हैं। उल्लेखनीय है कि इस मामले में दीपक मद्दा पर खजराना थाने में एक केस दर्ज हुआ कि उन्होंने गृह सचिव के फर्जी पत्र के जरिए थाने को सूचित किया कि रासुका हट गई है। इस मामले में खुद गृह विभाग ने थाने में केस दर्ज कराया। हालांकि कुछ माह बाद मद्दा पर रासुका हट गई थी वह अभी मनी लाण्ड्रिंग और कल्पतरू सोसायटी घोटाले में जेल में बंद है।

- मद्दा ने ईडी को बताया कि नीलू से खरीदी जमीन मार्टगेज (गिरवी) रख दी, उसकी मार्केट वैल्यू दस करोड़ रुपए है। अभी क्या हुआ यह नहीं पता है।

- मद्दा ने ईडी को बताया कि गिरवी रखने का कारण था कि- मुझ पर केस हो गए थे और मैं इंदौर से बाहर था। मेरे मासाजी पिपाड़ा ने सुझाव दिया कि तुम्हारा केस पेचीदा है और जमीन को गिरवी रखना होगा, 15 गिरधर नगर के घर के अलावा। मैंने मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा जब तक केस चलेगा मैं पैसे दूंगा और हिसाब बनेगा तो काट लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे ऊपर जो रासुका लगी है, वह हटवा देंगे, लेकिन वह भी उन्होंने नहीं हटवाई और गलत सर्टिफिकेट दे दिया. उनके परिचित सुधीर छज्जर ने। छज्जर ने उन्हें धोखा दिया या क्या हुआ मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

अशोक पिपाड़ा ने ईडी को यह बताया

वहीं पिपाड़ा द्वारा ईडी को बयान देकर कहा गया कि वह (मद्दा) मेरा भतीजा है। उससे मैंने प्रगति विहार में प्लाट, गिरधर नगर में घर और हीना पैलेस में दो प्लाट लिए है। प्लाट खरीदी के लिए रुपए नहीं दिए क्योंकि उसने मुझसे 2014 में 4.80 करोड़ रुपए का कर्ज लिया हुआ था। गिरधर नगर का कर्ज पोस्ट डेटेड चेक से 1.20 करोड़ में खरीदा है। उसने यह चेक भुनाए नहीं है। मौखिक समझौते थे सभी। अभी भी मुझे उससे 2.80 करोड़ और लेना है। हमारे बीच रासुका हटाने को लेकर कभी कोई बात नहीं हुई है। मैंने उसे कर्ज दिया था, केवल उसके बदले में घर का सौदा किया था।

अपराध की कमाई तो 2.31 करोड़ तो नीलू के पास भी गई

ईडी इंदौर ने पिपाड़ा को भी मनी लाण्ड्रिंग केस में आरोपी बनाया है और इसका कारण है कि पीएमएलए एक्ट जिसके तहत अपराध से आई कमाई का उपयोग करना, जिसमें अलग-अलग नियम है। हाईकोर्ट ने भी इसी आधार पर पिपाड़ा को केस से हटाने की याचिका खारिज कर दी क्योंकि अपराध का पैसा लिया है। यही मामला नीलू पंजवानी और दीपक पंजवानी पर भी बनता है, क्योंकि ईडी के पास मौजूद दस्तावेज जिसमें मनी ट्रैल मौजूद है और खुद मद्दा और पिपाड़ा के बयान., जिसमें साफ है कि कल्पतरू घोटाले की राशि समता रियलटी के साथ ही नीलू पंजवानी के पास गई। नीलू ने अपराध से कमाई राशि का 2.31 करोड़ रुपए उपयोग किया है। ऐसे में नीलू को लेकर ईडी की कार्रवाई क्या होती है, इस पर भी सभी की नजर है? क्योंकि ईडी द्वारा सभी पक्षकारों पर समान कार्रवाई नहीं करने के चलते कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।



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