संजय गुप्ता, INDORE. बीजेपी में वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने को लेकर तो लंबे समय से आरोप लग ही रहे हैं, अब दिवंगत नेताओं के परिजनों को भी पार्टी ने पूरी तरह भुला दिया है। इसे लेकर इंदौर विधानसभा चार की विधायक और पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने अपनी ही पार्टी और संगठन, नेताओं को आईना दिखा दिया है। बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता उमेश शर्मा का एक साल पहले निधन हो गया था। तब पार्टी, नेताओं ने मदद को लेकर खूब बातें कीं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। लेकिन मालिनी गौड़ 11 सितंबर को पहली बरसी पर उनके घर पहुंचीं और पुत्र अन्वेष को दो लाख 51 हजार रुपए का चेक सौंपकर आर्थिक मदद दी।
आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलने पर की मदद
शर्मा के घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की जानकारी गौड़ को कार्यकर्ताओं से मिली। इसके बाद उन्होंने हिंद रक्षक संगठन के माध्यम से 2.51 लाख का चेक पुत्र अन्वेष शर्मा को निवास पर जाकर दिया। साथ ही आगे हर मदद का आश्वासन दिया। इस दौरान सुमित मिश्रा, एमआईसी सदस्य राकेश जैन व मुकेश मंगल मौजूद थे।
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पार्टी ने नहीं दिया कभी कोई पद
बीजेपी के पितृपुरुष दीनदयाल उपाध्याय, श्यामाप्रसाद मुखर्जी और अटलबिहारी वाजपेयी को अपना आदर्श मानकर राजनीति करने वाले उमेश शर्मा की जब-जब प्रदेश संगठन और स्थानीय संगठन को जरूरत लगी तब-तब शर्मा का भरपूर उपयोग किया। शर्मा ने जीवन बीजेपी को समर्पित कर दिया, लेकिन वे जीवनभर आर्थिक संकट से जूझते रहे और उनके अचानक स्वर्गवास के बाद ना तो स्थानीय संगठन और ना प्रदेश संगठन ने शर्मा के परिजनों की सुध ली। उल्लेखनीय है कि जब उनका निधन हुआ उसके दो दिन पहले ही वह गुजरात राज्य के चुनाव प्रचार से लौटे थे। उनका नाम तो कई बार चला कि यह पद देंगे, लेकिन पार्टी में उन्हें कभी कोई पद नहीं मिला। निगम ने एक स्कूल जरूर उनके नाम करने की घोषणा की, लेकिन आर्थिक तौर पर कोई बड़ी मदद किसी से नहीं मिली।