JAIPUR. राजस्थान में बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने गहलोत सरकार के खिलाफ घोटालों का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है। पेपर लीक और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में घोटालों की ED जांच शुरू कराने वाले सांसद मीणा ने अब गहलोत सरकार पर 66 हजार करोड़ के कई घोटालों के आरोप लगाए हैं।
66 हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले
रविवार को बीजेपी मुख्यालय में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में 66 हजार करोड़ से ज्यादा का खान घोटाला जिसमें 27 हजार करोड़ का खनिज घोटाला, 20 हजार करोड़ का बजरी घोटाला, 10,800 करोड़ का अरावली हिल्स घोटाला, 2500 करोड़ का हिंदुस्तान जिंक घोटाला, 2400 करोड़ का जिंदल कोयला घोटाला,2000 करोड़ का जीआरसीसी घोटाला, 1000 करोड़ का सीमेंट घोटाला, 1000 करोड़ का एमनेस्टी घोटाला और 200 करोड़ का घोटाला शामिल है। इसके अलावा जल जीवन मिशन घोटाला, आईटी घोटाला, सीएम के पुत्र वैभव गहलोत का होटल इंडस्ट्री में मोरिशिस के रास्ते काले धन को सफेद करना, यूडीएच घोटाले सहित कई घोटालों में प्रदेश के मंत्री, ब्यूरोक्रेट और विधायकों के शामिल होने का आरोप लगाया।
सांसद मीणा ने मंत्री महेश जोशी पर तंज
इस दौरान सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कैबिनेट मंत्री महेश जोशी पर तंज कसते हुए कहा कि वो मानहानि का दावा करने के लिए मेरी तरफ से स्वतंत्र हैं। मैं मीडिया के माध्यम से कहता हूं कि मैं कई महीनों से मानहानि के नोटिस का इंतजार कर रहा हूं।
कई बड़े अधिकारी और मंत्रियों की मिलीभगत
मीणा ने कहा कि एक खुलासा हमने डीओआईटी को लेकर किया था। जिसमें लगातार हमे बहुत सारे सबूत मिलते जा रहे है लगभग साढ़े पांच किलो सोना, 6 करोड़ रुपए नकद और बहुत सारे अहम दस्तावेज बरामद हुए है। इसमें कई बड़े प्रशासनिक अधिकारी, मंत्रियों और सीमएओ की मिलीभगत है। इस संबंध में हमारी ओर से ईडी को सभी दस्तावेज देकर इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में ईडी की जांच जब आगे बढ़ेगी तो इसमें मुख्यमंत्री और उनके नजदीकी अधिकारियों का नाम भी सामने आएगा। अभी और बहुत सारी ऐसी कंपनियां हैं जिनके फर्जीवाड़ों, अधिकारियों के द्वारा भारी गड़बड़ियों और पब्लिक के पैसे की बंदरबांट की जानकारी हमने ईडी को दे दी है। मीणा ने कहा कि राजकॉम के पॉश मशीन के वितरण में काफी घोटाले हुए है जिनमे फर्जी दस्तावेजों से टेन्डर लेना और फर्जी कंपनियों को भुगतान करना शामिल है। इसी सिलसिले में एक दस्तावेज हमने ईडी को दिया है।
सीबीआई को जांच की नहीं दी अनुमति
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि कुछ महीनों पहले डीओआईटी में आधार कार्ड विभाग में रिश्वतखोरी के सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। उस वक्त हमने राज्य सरकार से 17 मामलों में अभियोजन स्वीकृति के लिए कहा था लेकिन सरकार ने महज चार मामलों में ही अभियोजन स्वीकृति दी थी। राजकॉम इनफो सर्विसेज लिमिटेड में 06 अगस्त 2017 में भामाशाह डिजिटल पेमेंट किट के लिए एक टेंडर निकला था इन भामाशाह डिजिटल किट में टैब, फिंगर प्रिंट स्कैनर आदि मशीनो का सेट खरीदा जाना था। इस टेंडर के जरिए राजकॉम कंपनी को कुल 8592 किट खरीदनी थी। जिनकी कुल कीमत लगभग 29 करोड़ रूपए है।
4964 मशीनें खरीदी और भुगतान 8 हजार 592 का
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जब हमने जानकारी ली तो पता चला कि केवल 4964 मशीनें ही खरीदी गई और भुगतान 8592 मशीनों का उठा लिया गया। 29 मार्च 2019 के दिन मात्र 4964 मशीन ही प्रदेश में कार्यरत पाई गई। इसमें हैरानी की बात तो यह है कि मई 2019 के बाद से इन मशीनों में से एक भी मशीन काम में नहीं है। मशीन कहा गई उसकी कोई जानकारी किसी को नहीं है। किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि गहलोत सरकार में बेशुमार धन कमाने वाले इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती इसलिए में ईडी से मांग करता हूं कि वो कार्रवाई करे।
जल्द सामने लाऊंगा 20 हजार हजार करोड़ के घोटाले
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि सिचाई विभाग, यूडीएच और सूक्ष्म ऊर्जा में भी करीबन 20 हजार हजार करोड़ का घोटाला है जो जल्द सामने लाऊंगा। मीणा ने कहा कि खुद को गांधीवादी मुख्यमंत्री कहने वाले अशोक गहलोत से मैं मांग करता हूं कि जल जीवन मिशन में उजागर किए गए घोटाले, खान घोटाले और होटल इंडस्ट्री के घोटालों में अर्जित काले धन के संबंध में अपने बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कराएंगे तो हम मानेंगे कि सीएम गहलोत भ्रष्टाचार में जीरो टोलरेंस की बात करते हैं। इन सभी मामलों में यदि कार्रवाई नहीं हुई तो हम पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे।