BHOPAL. भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में अपनी हालत के लिए कांग्रेस और एटीएस को जिम्मेदार ठहराया है। सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि मैं पहले पूरी तरह स्वस्थ थी। लेकिन पुलिस की कस्टडी में आई तो मेरी समस्या बढ़ती गई। मैं जेल गई तो स्वस्थ थी, लेकिन आने पर बिस्तर पर निकली। कैंसर हुआ, रीढ़ की समस्या और न्यूरो की परेशानी हुई। इसका कारण कांग्रेस की सरकार और एटीएस की प्रताड़ना है।
NIA कोर्ट में पेश हुईं सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर
दरअसल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर सोमवार को मुंबई में स्थित NIA कोर्ट में पेश हुईं, वह अन्य आरोपियों के अदालत में पेश होने के लगभग दो घंटे बाद कोर्ट पहुंची थीं, प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अदालत को बताया कि वह स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं, और इस वजह से सुबह जल्दी उठने में उन्हें मुश्किल होती है, इसके बाद अदालत ने आरोपियों के बयान दर्ज करने के लिए मामले को 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
बीमार हालत के लिए कांग्रेस और एटीएस को ठहराया जिम्मेदार
सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने पत्रकारों से चर्चा में तत्कालीन कांग्रेस सरकार और एटीएस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस दौरान उन्होंने बीमार हालत के लिए कांग्रेस और एटीएस को जिम्मेदार ठहराया है। प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, कोर्ट के सामने आज सभी को उपस्थित होना था। हम तीन दिनों से यात्रा कर मुंबई पहुंचे, लेकिन मेरा स्वास्थ्य ऐसा नहीं है कि मैं इतनी लंबी यात्रा कर कोर्ट पहुंच सकूं। जज ने जब कहा कि प्रतिदिन कोर्ट में मौजूद रहना होगा तो मैंने अदालत से विनती करते हुए कहा कि कांग्रेस से प्रताड़ना के कारण मेरा स्वास्थ्य खराब हुआ। ऐसे में मुझे थोड़ी राहत दी जाए और इसे कोर्ट ने स्वीकार किया।
मेरा केस क्लीन, यह ईश्वर भी जानते हैं : प्रज्ञा सिंह
उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि कोर्ट ने अपनी प्रक्रिया पूरी की है। इस पर मैं ज्यादा नहीं कहूंगी, लेकिन प्रताड़ना देकर एक नकली केस बनाया गया है। मेरा केस क्लीन है। यह ईश्वर भी जानते हैं। कोर्ट में कौन आता है, कौन नहीं इस पर मैं कुछ नहीं कह सकती। लेकिन मैं हमेशा पहुंचती हूं। अपने सभी कर्तव्यों का निर्वहन करती हूं। सांसद प्रज्ञा ने कहा कि मैं 2024 में जनता के बीच निर्दोष या दोषी कैसे जाउंगी, यह ठाकुर जी तय करेंगे।
क्या है पूरा मामला
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव शहर की एक मस्जिद के पास बाइक पर रखे बम में विस्फोट हुआ था। जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी, और 100 से ज्यादा घायल हो हुए थे, 2011 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित होने से पहले इस मामले की शुरुआती जांच जांच महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने की थी। फिलहाल इस मामले की सुनवाई विशेष एनआईए कोर्ट में चल रही है।