वेंकटेश कोरी, JABALPUR. प्राथमिक शिक्षकों के पदों पर बीएड डिग्री धारियों की नियुक्ति के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में मध्यप्रदेश सरकार ने अपना जवाब पेश कर दिया है, इस पूरे प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर्विचार याचिका के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। मामले में सुप्रीम कोर्ट 11 दिसंबर को सुनवाई करेगा जिसके बाद B.Ed डिग्रीधारियों के भविष्य का फैसला होने की उम्मीद है। इस पूरे प्रकरण में शासन के गैर-जिम्मेदाराना रवैया पर हाईकोर्ट ने नाराजगी भी जताई है, अब इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई 2 जनवरी को नियत की गई है।
ये है मामला
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के द्वारा दिनांक 2 जुलाई 2022 को अंतरिम आदेश के प्रवर्तन के दौरान मध्यप्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग और ट्राइबल वेलफेयर विभाग में 25 हजार से ज्यादा नियुक्तियों में से 15 हजार से ज्यादा बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्तियां दी गई है जबकि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में B.Ed डिग्रीधारी को सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 11 अगस्त 2023 को फैसला पारित करके स्पष्ट कर दिया है कि बीएड डिग्रीधारी प्राथमिक शिक्षकों के रूप में अयोग्य हैं और यदि इन्हें नियुक्त किया जाता है।
संविधान के अनुच्छेद 21-A के तहत प्रदत्त शिक्षा के अधिकार सहित राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 का उल्लंघन है साथ ही कक्षा एक से कक्षा 5 तक पढ़ने वाले 6 से 14 साल की आयु के छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन है क्योंकि 6 से 14 साल की आयु के बच्चों को अध्यापन कार्य करने के लिए बीएड डिग्रीधारी योग्य नहीं है।
एलिमेंट्री कोर्स
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय दिनांक 11 अगस्त 2023 में स्पष्ट किया है कि 6 से 14 साल की आयु के बच्चों का अध्यापन कार्य सिर्फ डीएलएड (एलिमेंट्री कोर्स) धारकों को ही विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है, इसलिए NCTE द्वारा प्राथमिक शिक्षकों के पद के लिए डीएलएड (एलिमेंट्री कोर्स) और B.Ed डिग्री धारी को भी निर्धारित योग्यता वाले परिपत्र 26-6-2018 को सर्वप्रथम राजस्थान हाई कोर्ट और दिनांक 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट और उसके बाद बिहार हाई कोर्ट, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट, उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट सहित देश की आठ हाई कोर्ट असंवैधानिक घोषित कर चुकी है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश दिनांक 7 जुलाई 2022 के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने आदेशों को दरकिनार करके प्राथमिक शिक्षकों की नियम विरुद्ध 25 हजार से ज्यादा भर्तियां कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय दिनांक 11 अगस्त 2023 को स्पष्ट कर दिया है कि एनसीटीई के परिपत्र दिनांक 28 जून 2018 के अनुरूप किसी भी राज्य में प्राथमिक शिक्षकों की जो भी नियुक्तियां की गई हैं वे सभी असंवैधानिक हैं।