राजस्थान में पहली सूची जारी होने के बाद वसुंधरा राजे के कई समर्थकों को मिली निराशा, विरोध के भी उठे स्वर

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
राजस्थान में पहली सूची जारी होने के बाद वसुंधरा राजे के कई समर्थकों को मिली निराशा, विरोध के भी उठे स्वर

JAIPUR. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की पहली सूची से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कई समर्थकों को निराशा हाथ लगी है। जिन सीटों पर नाम घोषित किए गए हैं उन पर वसुंधरा राजे के कई समर्थक दम लगा रहे थे। कुछ की ओर से विरोध के स्वर भी सामने आए हैं। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि उनमें से कितने अब अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के लिए चुनौती बन कर सामने आते हैं।

कल 41 सीटों पर नाम हुए थे घोषित

पार्टी ने सोमवार को चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद राजस्थान के 41 सीटों के लिए अपने प्रत्याशी घोषित किए थे। इस सूची में सात सांसदों सहित कई नए नाम हैं। हालांकि, मौजूदा विधायकों की बात करें तो सिर्फ नरपत सिंह राजवी का टिकट काटा गया है। बाकी सभी सीटें ऐसी है जिन पर पार्टी पिछली बार चुनाव हार गई थी। जिन 41 सीटों पर नाम घोषित किए गए हैं, उनमें से करीब एक दर्जन सीटें ऐसी है जिन पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक नेताओं के नाम चल रहे थे, लेकिन सूची में ये नाम गायब हैं। जिन लोगों के नाम अप्रत्याशित रूप से सूची में नहीं हैं, उसमें सबसे पहला नाम झोटवाड़ा से बीजेपी के पूर्व में विधायक और वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे राजपाल सिंह शेखावत का टिकिट काट पार्टी ने जयपुर ग्रामीण से सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा है। इसके साथ राजे के करीबियों में दूसरा नाम रोहिताश शर्मा का है। हालांकि, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया के समय पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी को लेकर उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया था, लेकिन राजे की चलती तो शायद उन्हें टिकट मिल जाता। लेकिन उनकी जगह देवी सिंह शेखावत को मैदान में उतारा गया है। वहीं, नरपत सिंह राजवी पूर्व उपराष्ट्रपति और बीजेपी के दिग्गज नेता रहे भैरोंसिंह शेखावत के दामाद हैं। राजवी कभी वसुंधरा समर्थक तो कभी उनके विरोध की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, इन दिनों वो राजे के करीब बताए जा रहे हैं। इसके अलावा भरतपुर जिले में नगर विधानसभा से दो बार विधायक रहीं अनीता सिंह का भी टिकट काट जवाहर सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। सांचौर से जीवाराम पटेल का टिकट काट कर देवजी पटेल, झुंझुनू में राजेन्द्र भांबू की जगह बबलू चौधरी और किशनगढ़ में विकास चौधरी की जगह भगीरथ चौधरी को टिकट दिया गया है। इसी तरह से कोटपूतली से रामस्वरूप कसना को वसुंधरा कैंप के माने जाते हैं, उन्हें टिकट नहीं देकर हंसराज गुर्जर को टिकट दिया गया है। सुजानगढ़ से खेमराज की जगह संतोष मेघवाल, देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर की जगह कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला को टिकट दिया गया। लालसोट से वसुंधरा कैंप के वीरेंद्र मीणा टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें नजरअंदाज करते हुए बीजेपी ने रामविलास मीणा को फिर से मैदान में उतारा है।

सूची जारी होने के बाद सामने आए विरोध के स्वर

बीजेपी की सूची जारी होने के बाद विरोध के स्वर भी सामने आने लगे हैं। विकास चौधरी, राजेंद्र भांबू और अनीता सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए अपना दर्द बयां किया। अनीता सिंह ने कहा कि उन्हें राजे गुट का मान कर टिकट काटा गया है। वहीं रोहिताश शर्मा ने अपना वीडियो जारी कर अपनी पीड़ा बताई। रोहिताश शर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि पार्टी ने जाति और पैसे के बल पर प्रत्याशियों को टिकट दिया है। पार्टी को आने वाले समय में इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। जिन वसुंधरा राजे समर्थकों को टिकट नहीं मिल पाए हैं उनके आगे की रणनीति क्या होगी इस पर अभी कोई भी खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है क्योंकि, नामांकन में अभी काफी समय बचा हुआ है। उम्मीद की जा रही थी की लिस्ट जारी होने के बाद पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर विरोध करने वाले की भीड़ जमा होगी लेकिन, ऐसा बहुत ज्यादा कुछ देखने में नहीं आया। देवली उनियारा सीट से प्रत्याशी बनाए गए विजय बैसला का विरोध करने के लिए कुछ लोग जरूर पहुंचे और नारेबाजी कर अपना विरोध प्रकट किया। उनका कहना था कि टिकट ही देना था तो क्षेत्र के किसी स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना चाहिए था। विजय बैसला बाहरी व्यक्ति है।

Rajasthan Assembly Elections 2023 राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 Vasundhara Raje वसुंधरा राजे Assembly elections 2023 विधानसभा चुनाव 2023 Vasundhara Raje's supporters angry declared her candidate for 41 seats of Rajasthan वसुंधरा राजे के समर्थकों नाराज राजस्थान के 41 सीटों के लिए अपने प्रत्याशी घोषित