JAIPUR. 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल राजस्थान में कांटे की टक्कर देते नजर आ रहे हैं। किसी भी एजेंसी ने किसी एक दल को एकतरफा जीतता नहीं बताया है। ऐसे में राजस्थान में सीमांत सीटों के नतीजे देखने लायक होंगे। राजस्थान तीन तरफ से गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और पंजाब से सटा है और एक तरफ पाकिस्तान है। बीते चुनाव में पूर्वी राजस्थान से बीजेपी का एकदम सफाया हो गया था। इस बार भी कांग्रेस को धौलपुर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर और गुजरात से सटी सीमांत सीटों से काफी उम्मीद हैं।
199 सीटों पर हुआ है मतदान
राजस्थान में इस बार कुल 200 सीटों में से 199 पर मतदान हुआ है। इनमें से 46 सीटें सीमांत हैं। अगर सभी सीमांत सीटें बीजेपी जीत जाती है तो वह 130 से 140 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत पा लेगी और यदि कांग्रेस के पक्ष में सभी की सभी 46 सीटें चली गईं तो वह बमुश्किल 101 सीटें जीतकर बहुमत के कगार पर पहुंच सकती है। बीएसपी और अन्य के यहां 0 से 4 सीटें जीतने की संभावना है।
ज्यादातर एग्जिट पोल बीजेपी के पक्ष में
यही कारण है कि ज्यादातर एग्जिट पोल बीजेपी के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। जो एग्जिट पोल कांग्रेस के पक्ष में हैं वे भी उसे बहुमत के कगार तक ही बता रहे हैं। वैसे भी राजस्थान में हर बार सत्ता बदलने की परंपरा रही है। हालांकि कांग्रेस को पूरा यकीन है कि अशोक गहलोत का जादू एक बार फिर चलेगा और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।
सीमांत सीटें ही हो जाती हैं सत्ता विरोधी
राजनैतिक पंडित बताते हैं कि राजस्थान में हर चुनाव में सीमांत इलाकों में ही ज्यादातर सीटें सत्ताविरोधी हो जाती हैं। जिसके चलते हर मर्तबा सरकार बदलने का पैटर्न देखने को मिलता है। हालांकि अन्य अंचलों में भी यही ट्रेंड चलता है लेकिन सीमांत सीटों में परिवर्तन के कारण ही सत्ता की अदला-बदली होती है।