मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में वन और पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने आने वाला विधानसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है और सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि आने वाले चुनाव में मैं प्रत्याशी के रूप में नहीं बल्कि कांग्रेस के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहूंगा।
हेमाराम चौधरी इस समय गुड़ामालानी से विधायक हैं और 5 बार यहां से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने कुछ समय पहले भी सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की मंशा जाहिर की थी। आज उन्होंने इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भेज कर इसका एलान कर दिया है। अपने पत्र में उन्होंने कांग्रेस पार्टी को इस बात के लिए धन्यवाद दिया है कि उन्हें राजनीति में इतने लंबे समय तक पार्टी ने लगातार मौका दिया और आगे बढ़ने का अवसर दिया।
पायलट समर्थक हैं हेमाराम
हेमाराम चौधरी कांग्रेस में सचिन पायलट के समर्थक माने जाते हैं। जुलाई 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान वे पायलट के साथ मानेसर भी गए थे। बाद में नवंबर 2021 के मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें सरकार ने मंत्री बनाया गया। अपने पत्र में हेमाराम ने कहा है कि पार्टी ने मुझे काफी कुछ दिया है इसके लिए मैं पार्टी को धन्यवाद देता हूं और मैं मानता हूं कि वरिष्ठ और उम्र दराज नेताओं की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे को युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर दें। इस अहसास के साथ, यदि मैं चुनाव लड़ना जारी रखता हूं तो यह सही नहीं होगा इसलिए आने वाले चुनाव में मैं प्रत्याशी के रूप में नहीं बल्कि एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा। माना जा रहा है कि पत्र में अपनी भावना व्यक्त कर हेमाराम ने कहीं न कहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी एक संदेश दिया है।
विधायक पद से दे दिया था इस्तीफा
हेमाराम ने अभी सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया है लेकिन मौजूदा कार्यकाल में ही उन्होंने विधायक पद से त्यागपत्र भी दे दिया था और यह कहा था कि मैं अपनी जनता की मांगों पर कार्रवाई नहीं करवा पा रहा हूं इसलिए मुझे विधायक बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। यह तब की बात है जब राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर थी।