JAIPUR. राजस्थान के कृषि मंत्री पर इस बार के चुनाव में चुनाव आयोग को झूठा शपथ पत्र देने के आरोप लग रहे हैं। दरअसल साल 2003 से हो रहे चुनावों में हर चुनाव में लालचंद कटारिया अपनी शैक्षणिक योग्यता बदलते रहे। वहीं रायबरेली के जिस स्कूल से वे पढ़ाई करने की बात करते हैं वहां के प्राचार्य ने भी उक्त नाम के किसी भी छात्र का दाखिला होने से इनकार किया है। ऐसे में अब लालचंद कटारिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
हर चुनाव में बदल गई शैक्षणिक योग्यता
जानकारी के मुताबिक साल 2003 के विधानसभा चुनाव में आमेर सीट से प्रत्याशी रहे कटारिया ने एफिडेविट में खुद को उत्तरप्रदेश के रायबरेली के इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट पास बताया था। 5 साल बाद 2008 के चुनाव में झोंटवाड़ा से चुनाव लड़ते वक्त एफिडेविटमें खुद को 10वीं पास बताया। उनके द्वारा शैक्षणिक योग्यता में फेरबदल करने का सिलसिला बीते 4 चुनावों से जारी है।
कॉलेज प्राचार्य का यह है कहना
उधर रायबरेली के जिस इंटर कॉलेज से कटारिया पढ़ाई करने का दावा करते आए हैं वहां के प्राचार्य का कहना है कि उनके संस्थान में कभी कोई लालचंद कटारिया नाम का स्टूडेंट दाखिल ही नहीं हुआ। प्राचार्य के इस बयान के बाद कटारिया सवालों के घेरे में आ चुके हैं।
5 साल में घटती-बढ़ती रही शैक्षणिक योग्यता
बता दें कि चुनाव लड़ते समय उम्मीदवार को अपनी शिक्षा, उस पर दायर मुकदमों और संपत्ति संबंधी शपथपत्र देना होता है। कटारिया ने साल 2003 के चुनाव में खुद को 12वीं और 2008 के चुनाव में 10वीं पास बताया था। अब सवाल यह उठता है कि 5 साल में उनकी शैक्षणिक योग्यता कैसे घट गई। वहीं एक साल बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में वे 10वीं पास ही रहे और अचानक 2018 के विधानसभा चुनाव में पुनः 12वीं पास हो गए।
श्री नर्मदेश्वर इंटर कॉलेज, रायबरेली के रिकॉर्ड में नाम नहीं
इधर रायबरेली के श्री नर्मदेश्वर इंटर कॉलेज, जहां से साल 1986 और 1990 से कटारिया पढ़ाई करने की बात करते हैं। वहां के प्राचार्य ने कहा है कि लालचंद कटारिया नाम के किसी छात्र का नाम रिकॉर्ड में नहीं है। प्राचार्य का कहना है कि लालचंद कटारिया का कोई भी विवरण उपलब्ध नहीं है। ऐसे में कटारिया का सवालों के घेरे में आना लाजमी है।