मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान के विधानसभा चुनाव में प्रचार के अंतिम चरण में पीएम नरेंद्र मोदी ने गुर्जर वोट साधने के लिए राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ पिछले 5 साल में हुए व्यवहार को मुद्दा बनाया और कहा कि गद्दार, नालायक, निकम्मा शब्द भी राजेश पायलट के बेटे के लिए प्रयोग किए गए थे। ये गालियां कांग्रेस कैसे झुठला सकती है। उधर, सचिन पायलट का भी इसका जवाब दिया। पायलट ने कहा कि मेरे परिवार के बारे में किसी और को परवाह करने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस से मेरा दिल का रिश्ता है।
मोदी ने कहा- गुर्जरों का अपमान कांग्रेस ने किया
राजस्थान में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पीएम मोदी ने राजसमंद के देवगढ़ में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया और कहा कि मैंने कल कांग्रेस के शाही परिवार पर ऐसा तीर फेंका कि चारों कोनों से कांग्रेसी नेता चाव-चाव शुरू कर दिए। कह रहे हैं कि मोदी ने ऐसा कैसे बोल दिया। गुर्जरों का अपमान कांग्रेस ने किया है, ये पहली पीढ़ी ने भी देखा है, दूसरी पीढ़ी भी देख रही है। राजेश पायलट के साथ भी उन्होंने ऐसा ही किया। उनके बेटे के साथ भी ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने दूध में मक्खी की तरह सचिन पायलट को बाहर निकाल फेंक। गद्दार, नालायक, निकम्मा शब्द भी राजेश पायलट के बेटे के लिए प्रयोग किए गए थे। ये गालियां कांग्रेस कैसे झुठला सकती है ?
गांधी परिवार को चुनौती देने का खामियाजा बेटा भुगत रहा
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को भी अपनी चुनावी सभा में सचिन पायलट और राजेश पायलट को लेकर टिप्पणी की थी और कहा था कि कांग्रेस के शाही परिवार को उन्हें चुनौती देने वाले लोग पसंद नहीं है। राजेश पायलट ने चुनाव लड़कर गांधी परिवार को चुनौती देने की कोशिश की थी तो इसका खामियाजा अब उनके बेटे को उठाना पड़ रहा है।
सचिन ने दिया जवाब
पीएम मोदी की टिप्पणियों पर सचिन पायलट ने जवाब दिया और कहा कि यह बयान तथ्य से परे और ध्यान भटकाने वाला है। पायलट ने कहा कि मेरे दिवंगत पिता ने 1998 में शरद पवार के साथ मिलकर सीताराम केसरी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था और उस समय सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति में नहीं थीं। केसरी ने वह चुनाव जीता और बाद में पवार और मेरे पिता दोनों को कार्य समिति में नामित किया गया। एक स्वस्थ लोकतांत्रिक संगठन और राजनीतिक दल को इस तरह का काम करना चाहिए।
कोई मेरे सियासी भविष्य की चिंता न करे-पायलट
इतना ही नहीं बल्कि पायलट ने यह भी कहा कि जब तक मेरा सवाल है, मुझे बहुत कम उम्र में संसद सदस्य बनने का मौका दिया गया। मैंने कई सालों तक केंद्र और प्रदेश स्तर पर कई जिम्मेदारियां निभाई हैं। किसी को भी उनकी और उनके सियासी भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए। पायलट ने कहा कि मुझे अपनी पार्टी और लोगों की चिंता है और मुझे यकीन है कि वह मेरे भविष्य का अच्छे से ख्याल रखेंगे।
कांग्रेस पार्टी के साथ दिल का रिश्ता
सचिन पायलट ने यह भी कहा कि उनके पिता इंदिरा गांधी से प्रेरणा लेकर कांग्रेस में शामिल हुए और लंबे वक्त तक जनता की सेवा की और जीवनभर सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे। पायलट ने आगे कहा कि दशकों से हमारे संबंध गांधी परिवार से हैं। पार्टी के साथ तो हैं ही और यह रिश्ता दिल का है। यह रिश्ता पुराना है और मुझे लगता है इसमें किसी को बहुत ज्यादा बयान देने की जरूरत नहीं है।
बीजेपी सरकार में 72 गुर्जर मारे गए थे- गहलोत
प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उन्होंने कहा कि जब कोई मुद्दा नहीं चल रहा तो अब सचिन पायलट का मुद्दा ले आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गुर्जर समझदार हैं। उन्हें पता है कि गुर्जर आंदोलन के समय बीजेपी सरकार की गोलियों से 72 गुर्जर मारे गए थे। जबकि हमारी सरकार के समय भी गुर्जर आंदोलन हुआ, लेकिन हमने एक गोली नहीं चलने दी।
आखिर क्यों अहम हैं गुर्जर वोट
राजस्थान में दोनों दलों के लिए गुर्जर वोट काफी अहमियत रखते हैं। पूर्वी राजस्थान के पांच जिलों सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में गुर्जर वोट बैंक अच्छी संख्या में हैं और पिछले चुनाव में गुर्जरों ने सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की संभावना को देखते हुए कांग्रेस के पक्ष में एक मुश्त वोट डाले थे, लेकिन सचिन पायलट सीएम नहीं बन सके और पिछले 5 साल में जो कुछ हुआ उसे देखकर गुर्जर समुदाय में नाराजगी है। बीजेपी इस नाराजगी को ही हवा देने की कोशिश कर रही है और पीएम मोदी की ओर से यह मुद्दा उठाए जाने के पीछे भी इसे ही एक बड़ा कारण माना जा रहा है।