राजस्थान की 80 सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला, सबसे बड़ा मुकाबला बाडमेर की शिव सीट पर, यहां पंचकोणीय मुकाबला

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Chandresh Sharma
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राजस्थान की 80 सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला, सबसे बड़ा मुकाबला बाडमेर की शिव सीट पर, यहां पंचकोणीय मुकाबला

मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में नामांकन वापसी के बाद कुल 200 में से 120 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्क्र दिख रही है, वहीं 80 सीटें हैं जहां बागियों और अन्य दलों के प्रत्याशियो के कारण बहुकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है, लेकिन राजस्थान का सबसे रोचक पंचकोणीय मुकाबला बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट पर होता दिख रहा है।

राजस्थान में नाामंकन प्रक्रिया का अंतिम चरण यानी नाम वापसी का काम भी खत्म हो गया है और अब चुनाव की तस्वीर यह बता रही है कि 200 में से 80 सीटों पर त्रिकोणीय से लेकर पंचकोणीय तक मुकाबला होगा। इनमें 68 सीटों पर त्रिकोणीय, 11 सीटों पर चतुष्कोणीय और एक सीट पर पंचकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है। इन सीटों पर चुनाव किसी भी दिशा में जा सकता है, क्योकि कहीं पार्टियों के दमदार बागी हैं तो कहीं बसपा, रालोपा और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने मुकाबले को बहुकोणीय बनाया है।

बात शिव सीट की

राजस्थान के इस चुनाव का सबसे रोचक और फंसा हुआ मुकाबला बाडमेर जिले की शिव विधानसभा सीट पर होता दिख रहा है। इस सीट की खास बात यह है कि यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशियों के लिए बागियों की चुनौती है। भाजपा प्रत्याशी के लिए तो दो बागी राह मुश्किल किए हुए हैं। इस सीट पर मौजूदा विधायक कांग्रेस के अमीन खान हैं और पार्टी ने 84 वर्षीय अमीन खान को एक बार फिर टिकट दिया है। वे इस सीट से लगातार दसवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। यही कारण था कि जब उन्हें टिकट मिला तो उनका कड़ा विरोध सामने आया और पार्टी के जिला अध्यक्ष फतेह खान जो स्वयं एक दावेदार थे, उन्होंने पद से इस्तीफा तक दे दिया और अब अमीन खान की राह में बागी के रूप में मैदान में हैं।

10 दिन में ही बागी हुए भाटी

उधर भाजपा की बात करें तो यहां से पार्टी के प्रत्याशी स्वरूप सिंह खारा हैं और उनका नाम अचानक ही सामने आया था। उनके सामने दो बागियों की चुनौती दिख रही है। पहले हैं रविन्द्र सिंह भाटी जो जोधपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं और पश्चिमी राजस्थान में एक बडा युवा चेहरा माने जाते हैं। इन्हे करीब दस दिन पहले ही पार्टी में लाया गया था और प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह, अध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। ऐसे मेें उनका यहा से भाजपा प्रत्याशी बनाया जाना तय माना जा रहा था, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया और अब वे दस दिन में ही पार्टी के बागी हो गए हैं। उनके अलावा भाजपा के ही बागी जालम सिंह रावलोद भी मैदान में हैं। वे पार्टी के विधायक रह चुके हैं, लेकिन टिकिट नहीं मिला और अब बागी हो गए है। ऐसे में इस सीट पर इस बार पांच बडे चेहरे मैदान में नजर आ रहे हैं।

इन सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला

फतेहपुर, सूरतगढ, विराटनगर, चैमूं, बस्सी, कपासन, चैरासी, दांतारामगढ, धोंद, ब्यावर, पुष्कर

त्रिकोणीय मुकाबले वाली सीटें

चित्तौडगढ, डीडवाना, लाडपुरा, सवाई माधोपुर, कोटपूतली, बाडमेर, बायतु, सिवाना, चैहटन, शाहपुरा (भीलवाडा), श्रीगंगानगर, संगरिया, झोटवाडा, खंडेला, लूणकरणसर, झुंझुनूं, सांचैर, पिलानी, खेतडी, उदयपुरवाटी, सादुलशहर, करणपुर, अनूपगढ, रायसिंहनगर, हनुमानगढ, भादरा, नोखा, डूंगरपुर, डूंगरगढ, शाहपुरा (जयपुर), आसपुर, भीलवाडा, आसींद, नागौर, खींवसर, मेडता, परबतसर, जालौर, गंगापुरसिटी, निवाई, करौली, सपोटरा, हिंडौन, सीकर, सरदारशहर, वल्लभनगर, खेरवाडा, सलूम्बर, मावली, राजसमंद, कुम्भलगढ, जैतारण, जायल, बूंदी, केशोरायपाटन, मनोहरथाना, डग, प्रतापगढ, रामगढ, राजगढ-लक्ष्मणगढ, किशनगढबास, मुंडावर, कठूमर, बहरोड, किशनगढ, नसीराबाद, अजमेर उत्तर, मसूदा।

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