BHOPAL. भोपाल के कलियासोत और केरवा बांध के आसपास के क्षेत्र में अतिक्रमण और जलाशय में सीवेज मिलने के मामले में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस पर लगाया गया पांच लाख रुपए का जुर्माना माफ कर दिया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पहले में मुख्य सचिव पर यह जुर्माना लगाया था और अब जुर्माना लगाने संबंधी आदेश वापस भी ले लिया है। साथ ही मुख्य सचिव के खिलाफ की गई टिप्पणी भी वापस ली है। एनजीटी ने राज्य शासन के जवाब से संतुष्टि जताई है।
क्या है मामला
बता दें कि पिछले दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी की केंद्रीय पीठ ने भोपाल के कलियासोत और केरवा बांध के आसपास बफर जोन में अतिक्रमण नहीं हटाने के मामले में राज्य शासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताते हुए 5 लाख का जुर्माना लगाया था। साथ में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के खिलाफ भी प्रतिकूल टिप्पणी की थी। बुधवार को ट्रिब्यूनल ने एक बार फिर इस मामले की सुनवाई की और मुख्य सचिव पर की गई प्रतिकूल टिप्पणी और जुर्माने को वापस लिया।
मुख्य सचिव की कार्रवाई को सराहा
18 सितंबर के एनजीटी के आदेश में की गई टिप्पणी के बाद जब शासन की ओर से एनजीटी की केन्द्रीय पीठ को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया, इस पर 20 सितंबर को एनजीटी ने अपने नए आदेश में जहां मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के खिलाफ की गई प्रतिकूल टिप्पणी को विलोपित किया, वहीं मुख्य सचिव द्वारा इस मामले में लिए गए एक्शन को उचित भी ठहराया।
मुख्य सचिव ने सौंपी ये रिपोर्ट
एनजीटी की सुनवाई के दौरान एनजीटी को सौंपी गई मुख्य सचिव ने रिपोर्ट में बताया की उनके द्वारा इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई जा चुकी है और शासन स्तर पर लगातार सख्त कदम उठाए जाते रहे हैं और एसटीपी प्लांट भी लगाया जा रहा है। शासन की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट पर एनजीटी ने जहां अपने पूर्व के 18 सितंबर के आदेश में संशोधन किया, वहीं शासन के साथ-साथ मुख्य सचिव को भी बड़ी राहत दे दी और उनके खिलाफ की गई टिप्पणी भी वापस ले ली है।