नक्सलियों ने किया चुनाव का बहिष्कार, प्रेस नोट जारी कर मंत्री लखमा और BJP प्रत्याशी पर लगाए ये गंभीर आरोप

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Vikram Jain
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नक्सलियों ने किया चुनाव का बहिष्कार, प्रेस नोट जारी कर मंत्री लखमा और BJP प्रत्याशी पर लगाए ये गंभीर आरोप

गंगेश द्विवेदी/RAIPUR. छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर होने वाले पहले चरण के मतदान से पहले नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इसको लेकर नक्सलियों ने दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी की सचिव गंगा ने प्रेस नोट जारी किया। इसके माध्यम से महिला नक्सली नेता ने कोंटा के कांग्रेस प्रत्याशी मंत्री कवासी लखमा और बीजेपी प्रत्याशी स्वयं मुक्का पर गंभीर आरोप लगाए है। साथ ही चुनाव बहिष्कार का आह्वान किया। नक्सली नेता ने मंत्री लखमा और बीजेपी प्रत्याशी स्वयं मुक्का को आदिवासियों का हत्यारा कहा है।

प्रेस नोट के माध्यम से नक्सली नेता गंगा ने कहा कि जेल में बंद आदिवासियों की रिहाई का वादा करने वाली पार्टी ने सत्तासीन होने के बाद उल्टे निर्दोष आदिवासियों को जेल भेज दिया। नक्सली नेता दावा है कि जेलों में बंद 125 निर्दोष ग्रामीण आदिवासी जिन्हें सबूतों के अभाव में न्यायालय ने दोष मुक्त कर रिहा किया है। गंगा ने मीडिया व सामाजिक संगठनों से आग्रह किया है कि आदिवासी विरोधी कवासी लखमा, स्वयं मुक्का के असली चरित्र को उजागर करें।

लकमा पर करोड़ों की कमाई का आरोप

मंत्री कवासी लखमा पर आरोप लगाया कि मंत्री बनने के बाद सरकारी कार्यों में कमीशन लेकर करोड़ों रुपयों की कमाई की है। बीजेपी के शासनकाल में फर्जी मुठभेड़ों का विरोध करने करने वाली कांग्रेस व कवासी लखमा सत्ता में आने का दिखावा के बाद विगत 5 साल के अपनी शासनकाल में गोडेलगुडा से लेकर ताडिबल्ला, कोत्तागुडा, दुलोडी, सिलगेर, गुंडम, सेंचम, ताडमेटला तक के कई फर्जी मुठभेडों व नरसंहारों में दर्जनों आदिवासियों की निर्मम हत्या करवाई। यही नहीं जान से मारने के बाद पेट्रोल डालकर लाशों को जलाया जा रहा है। महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है।

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कांग्रेस ने नहीं निभाया वादा

जारी पर्चे में कहा गया है कि सिलंगेर नरसंहार की मजिस्ट्रियल जांच पिछले करीबन ढाई सालों से पूरी नहीं हुई, जेलों में बंद आदिवासियों की रिहाई का वादा करने वाली कांग्रेस ने सत्तासीन होने के बाद अपना वादा नहीं निभाया। अभी भी झूठे मुकदमो में फंसाए गए आदिवासियों को जेलों में सड़ा रहा है। जेल मेनुअल के अनुसार खाने-पीने व इलाज की सुविधा के अभाव में कईयों की जेलों में ही मृत्यु हो रही है। बुरकापाल केस में 5 साल से भी अधिक समय तक जेलों में बंद 125 निर्दोष ग्रामीण आदिवासी हैं जिन्हें सबूतों के अभाव में न्यायालय ने दोषमुक्त करार देकर रिहा किया, 125 में से दो की जेल में ही मृत्यु हो गई थी।

सीएम बघेल, कवासी लखमा मोदी के नक्शेकदम चल रहे

नक्सली नेता सचिव गंगा ने आरोप लगाया है कि आदिवासियों के आंदोलनों को खत्म कर कारपोरेटीकरण को पूरा करने के मकसद से मुख्यमंत्री बघेल और आबकारी मंत्री कवासी लखमा मोदी के नक्शेकदम चल रहे हैं, जनता पर ड्रोनों से निगरानी ही नहीं, हवाई बमबारी, हेलिकॉप्टरों से भीषण गोलीबारी की जा रही है।

बीजेपी के स्वयं मुक्का को भी बताया हत्‍यारा

सचिव गंगा ने कहा कि सलवा जुडुम गुण्डा, आदिवासियों का हत्यारा फासीवादी बीजेपी नेता स्वयं मुक्का इस बार कोंटा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्यासी के रूप में सामने आया, वे भी चुनाव जीतने के लिए नए-नए वादों के साथ प्रचार करते हुए जनता के पास आ रहा है। ग्राम गगनपल्ली निवासी सोयम मूका 2005 के सलवा जुडुम में उस दमन अभियान का मुख्य नेता के रूप में रहकर गांवों पर हमला कर सैकड़ों आदिवासियों की निर्मम हत्या, गांवों में आगजनी, घरों को लूटने, महिलाओं पर अत्याचार करने, अवैध गिफ्तारियां कर जेलों में ठूसने जैसे आदिवासियों पर क्रूरतापूर्ण दमन चलाया। इस तरह के अपनी कट्टर जनविरोधि कार्यों पर परदा डालते हुए चुनाव प्रचार कर रहा है। वोट मांगने आने पर उन्हें भी मार भगाना चाहिए।

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