KANKER. बस्तर में प्रथम चरण के मतदान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा से पहले नक्सलियों की कायराना करतूत देखने को मिली। नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में कांकेर जिले में तीन और बीजापुर में एक ग्रामीण को मौत के घाट उतारा दिया। साथ ही नक्सलियों ने सभी के शव गांव के बाहर सड़क पर फेंके है। वहीं नक्सलियों ने मतदान अधिकारियों के लिए चेतावनी वाला एक नोट भेजा है। जिसमें चुनाव का बहिष्कार किया गया। वारदात के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरु कर दिया है।
पुलिस की मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या
जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने चार दिन पहले पखांजूर क्षेत्र के छोटे बेटियां थाना क्षेत्र के मोरखंडी गांव से 5 ग्रामीणों को अगवा किया था। इसके बाद पुलिस की मुखबिरी के शक में तीन ग्रामीणों की हत्या कर दी है। इनके बाद नक्सलियों ने तीनों के शव को सड़क पर फेंक दिए। गुरुवार को गांव के पास तीनों का शव मिलने से इलाके में दहशत फैल गई। मारे गए ग्रामीणों में कुल्ले कतलामी 35 साल, मनोज कोवाची 22 साल, डुग्गे कोवाची 27 साल सभी मृतक मोरखंडी, के रहने वाले हैं। वहीं बुधवार की रात बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के गलगम निवासी मुचाकी लिंगा पिता मल्ला (40) की नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के आरोप में रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। नक्सलियों ने हत्या के बाद ग्रामीण का शव सड़क में शव को फेंक दिया। सुरक्षा बल ने नक्सलियों का पता लगाने के लिए क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
चुनाव अधिकारियों को भेजा चेतावनी भरा नोट
इधर, नक्सलियों ने मतदान अधिकारियों के लिए चेतावनी वाला एक नोट भेजा है। यह नोट स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) की पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी द्वारा जारी किया गया था। इसमें चुनाव अधिकारियों को सात नवंबर को मतदान कराने के लिए मतदान केंद्रों पर नहीं जाने की चेतावनी दी गई है। बीजापुर उन 20 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जहां 7 नवंबर को पहले चरण का पहले चरण में मतदान होना है। कुल 90 सीटों में से शेष 70 सीटों के लिए मतदान 17 नवंबर को दूसरे चरण में होगा।