BHOPAL. मध्यप्रदेश में चर्चित चेहरा बन चुकीं डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने जेल से निकल कर बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि उनका सीएम शिवराज से सवाल है कि वह अपनी भांजी को प्रताड़ित क्यों कर रहें हैं। बता दें कि निशा आज जबलपुर हाईकोर्ट में पेश होने जा रहीं हैं।
बांगरे ने बीजेपी को घेरा
जेल से निकलकर मीडिया से बात करते समय निशा बांगरे ने कहा कि वह सीएम शिवराज से मिलना चाहती थी, उसके लिए उन्हें ये पदयात्रा निकालनी पड़ी। उन्होंने कहा कि वह सीएम से पूछना चाहतीं हैं कि वह अपनी भांजी को इतना प्रताड़ित क्यों कर रहे हैं, वह इस्तीफा मंजूर क्यों नहीं कर रहे। उन्होंने शिवराज सरकार निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी महिला आरक्षण की बात करती है। यहां मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया, बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने एक महिला का चीरहरण किया गया। बाबा साहब की तस्वीर को भी फाड़ा गया। उन्होंने कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने लिए उनकी मांग पूरी नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार हाई कोर्ट को भी गुमराह कर दबाव बना रही है।
अगर बीजेपी सरकार दोबारा आई तो अधिकारी रहना नहीं चाहती- बांगरे
निशा बांगरे ने कहा कि अगर बीजेपी सरकार दोबारा आती है तो वह अधिकारी रहना पसंद नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना उनका अधिकार है। लेकिन बीजेपी सरकार ने उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने के लिए पूरे सिस्टम को उनके पीछे लगा दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की कट्टरपंथी विचारधारा है जिससे उनकी सर्वधर्म की विचारधारा बिलकुल भी मेल नहीं खाती है।
आज होगी सुनवाई
इस्तीफा को मंजूर न किए जाने पर निशा बांगरे ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी गुरुवार को सुनवाई होने जा रही है। सीनियर एडवोकेट और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। इस मामले में हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को भी तलब कर दिया है।
भूख हड़ताल पर बैठ गईं थी निशा
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अपनी न्याय यात्रा को लेकर 6 अक्टूबर को भोपाल पहुंच गई थीं। यहां आकर उनकी पदयात्रा सीएम हाउस के लिए निकली थी, जिसे पुलिस ने रोक लिया थी। इस दौरान कलेक्टर की पुलिस से खींचतान हुई थी और उनके कपड़े फट गए। इसका इल्जाम निशा ने पुलिस पर लगाया कि पुलिस ने उनके कपड़े फाड़ दिए। निशा बांगरे को गिरफ्तार कर लिया गया था। भोपाल की सेंट्रल जेल में बांगरे भूख हड़ताल पर बैठ गईं थी। उसके बाद बांगरे निजी मुचलके पर जमानत लेकर मंगलवार रात करीब 9 बजे जेल से बाहर आईं।
बांगरे ने क्यों दिया इस्तीफा
दलित समुदाय से आने वाली डिप्टी कलेक्टर ने जून में अपने नए घर के गृह प्रवेश कार्यक्रम में कई बड़े नेताओं को आमंत्रित किया था। इस कार्यक्रम के लिए बांगरे ने छुट्टी मांगी थी, जो कि मंजूर नहीं की गई थी। इस दौरान बांगरे ने इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि बांगरे ने कार्यक्रम में श्रीलंका के न्याय मंत्री विजयादासा राजपक्षे को आमंत्रित किया था। अंतरराष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुलाए गए श्रीलंका के न्याय मंत्री के साथ 11 देशों के लोगों की परमीशन नहीं ली गई थी। इनके वीजा की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और एसपी-कलेक्टर को नहीं दी गई थी।
कौन हैं निशा बांगरे
सिलेब्रिटी की तरह चर्चा में आईं निशा बांगरे मप्र के बालाघाट जिले में जन्मी हैं। निशा ने पहले इंजीनियरिंग की थी, उसके बाद उन्होंने एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की थी। उसके बाद उन्होंने सिविल सर्वेस की पढ़ाई कर परिक्षा पास की और 2016 में डीएसपी का पद पर चुना गईं। एक साल बाद 2017 में उनका एमपी में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हो गया, जिसके बाद इनकी पहली पोस्टिंग बैतूल के आवला क्षेत्र में हुई।