वेंकटेश कोरी, JABALPUR. मध्य प्रदेश की सरकार ने जिस कंपनी को धान की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है, उसी ने हेराफेरी कर दी, हेराफेरी भी थोड़ी बहुत नहीं बल्कि करोड़ों रुपए के धान की हुई है। साल 2020-21 में सरकार ने जबलपुर में किसानों से 4 लाख 50 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य तय किया था लेकिन बंपर पैदावार के चलते यह खरीदी चार लाख 80 हजार मीट्रिक टन की हुई और यही से शुरू हुआ घोटालेबाजी का पूरा खेल। पूरे जिले से खरीदी गई धान में से 98 हजार 769 मीट्रिक टन धान को जिले के सात अलग-अलग ओपन कैब में रखा गया लेकिन बाद में जब गणना की गई तो करीब साढ़े 16 करोड़ की धान गायब मिली।
इस पूरे मामले में अधिकारियों का रवैया हैरान करने वाला है। दरअसल मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर करने की शिकायत तो दे दी लेकिन पुलिस को जरूरी दस्तावेज सौंपने में अफसर खुद आनाकानी कर रहे हैं, जिससे करोड़ों की धान की हेराफेरी करने वालों के खिलाफ FIR नहीं हो पा रही है।
गुजरात की कंपनी 'गो ग्रीन' को सौंपी गई थी जिम्मेदारी
जबलपुर के अलावा पूरे प्रदेश में धान के भंडारण और उसके रखरखाव की जिम्मेदारी राजधानी स्तर पर गुजरात की कंपनी गो ग्रीन को सौंपी गई थी, मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक्स एंड कारपोरेशन के द्वारा अहमदाबाद की कंपनी को धान की सुरक्षा की जिम्मेदारी तो दी गई थी लेकिन जांच में पूरे प्रदेश में ही धान के गायब होने और नष्ट होने की शिकायतें सामने आ रही है। इस आधार पर अब पूरे संभाग में गो ग्रीन कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। करोड़ों की धान की हेराफेरी के मामले में भोपाल में प्रबंध संचालक स्तर पर एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं, इस आधार पर जबलपुर में भी मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के संभागीय कार्यालय के द्वारा गो ग्रीन वेयरहाउस लिमिटेड कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए गोसलपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
बालाघाट में हो चुकी है FIR, मंडला और जबलपुर में तैयारी
करोड़ों की धान के घोटाले के मामले में गो ग्रीन वेयरहाउस लिमिटेड कंपनी के खिलाफ बालाघाट में एफआईआर दर्ज हो चुकी है, यहां भंडारित धान के रखरखाव में लापरवाही और स्टॉक में कमी पाई जाने को लेकर बालाघाट के वारासिवनी में स्टेट वेयरहाउस कॉरपोरेशन के जिला प्रबंधक रमेश पटले की ओर से शिकायत की गई है। शिकायत के आधार पर अहमदाबाद की गो ग्रीन वेयरहाउस लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर संतोष साहू अहमदाबाद, के अलावा स्टेट हेड सौरभ मालवीय और कंपनी के एडवाइजर अखिलेश बिसेन के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है।
अब दस्तावेज पेश करने में आनाकानी कर रहे अधिकारी
अकेले जबलपुर जिले में 8 हजार 475 मीट्रिक टन धान के कम पाए जाने और 530 मीट्रिक टन धान के नष्ट होने के इस पूरे मामले में अधिकारी एफआईआर तो चाहते हैं लेकिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद उन्होंने पुलिस द्वारा मांगे गए ओरिजिनल दस्तावेज पेश नहीं किए हैं जिसके चलते अब तक एफआईआर नहीं हो पा रही है इस पूरे मामले में मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक्स एंड कारपोरेशन के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि उनके द्वारा घोटाले से संबंधित असली दस्तावेज तलब किए गए हैं जिसके आने के बाद पूरे मामले की गहराई से पड़ताल की जाएगी और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। सिहोरा की अनुविभागीय पुलिस अधिकारी पारुल शर्मा के मुताबिक फिलहाल पूरे मामले में विधि विशेषज्ञों से भी राय ली जा रही है।
धान से बनाया ''धन''
जिले में खरीदी गई 4 लाख 80 हजार मीट्रिक टन धान में से 98 हजार 769 मीट्रिक टन धान को ओपन कैब में भंडारित किया गया, जिसमें से 8 हजार 475 मीट्रिक टन धान कम पाई गई इसी धान को जबलपुर जिले के हृदयपुर, बरखेड़ा, भारतपुर, बंदरकोला, तिलसानी, बीजापुरी और दर्शनी ओपन कैब में रखा गया था लेकिन जांच में हर जगह धान में भारी धांधली पाई गई।