राजस्थान में अब ED ने जल जीवन मिशन घोटाले में की छापेमारी, वरिष्ठ IAS सुबोध अग्रवाल और मंत्री महेश जोशी के ऑफिस पहुंची ED की टीम

author-image
Chandresh Sharma
एडिट
New Update
राजस्थान में अब ED ने जल जीवन मिशन घोटाले में की छापेमारी, वरिष्ठ IAS सुबोध अग्रवाल और मंत्री महेश जोशी के ऑफिस पहुंची ED की टीम

मनीष गोधा, JAIPUR. प्रश्न पत्र लेख मामले के बाद राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय ने आज जल जीवन मिशन घोटाले के मामले में लगभग 20 ठिकानों पर छापेमारी की है। जिन लोगों के यहां छापे डाले गए हैं उनमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुबोध अग्रवाल के आवास और जलदाय मंत्री महेश जोशी के कार्यालय भी शामिल हैं। शुक्रवार सुबह हुई छापेमारी के बाद अधिकारियों और ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है।

गहलोत ने केंद्र सरकार और BJP की हताशा बताया

इस बीच सीएम अशोक गहलोत ने इसे केंद्र सरकार और भाजपा की हताशा बताया है और कहां है कि जो लोग आर्थिक अपराध करते हैं वह देश छोड़कर भाग जाते हैं और केंद्र सरकार कांग्रेस की सरकारे वाले प्रदेशों में ईडी और इनकम टैक्स को कारवाई के लिए को छोड़ देती है।

जानकारी के अनुसार सुबह करीब 8 बजे ईडी की तीन टीमें सचिवालय पहुंची और सुबोध अग्रवाल के ऑफिस में सर्च करना शुरू किया। उनके आवास पर भी सर्च की कारवाई की गई। इनके अलावा गांधी नगर स्थित जलदाय विभाग के एक सीनियर अधिकारी के घर पर भी ईडी की टीमें सर्च कर रही हैं। इनके अलावा जलदाय मंत्री महेश जोशी के ऑफिस पर भी ईडी ने सर्च की कारवाई को अंजाम दिया है। ईडी की टीमें जलदाय विभाग के कार्यालय और दौसा में महेश जोशी के कुछ नजदीकियों के यहां भी पहुंची है।

करीब 2 महीने पहले भी ईडी ने जयपुर में अलग-अलग जगह रेड मारी थी। सर्च के दौरान ढाई करोड़ रुपए कैश और सोने की ईट मिली थीं। ईडी को प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया और कल्याण सिंह कविया के घर से कई दस्तावेज भी मिले थे। इसके बाद सीनियर आईएएस अधिकारी (जलदाय विभाग के ACS) सुबोध अग्रवाल का नाम सामने आया था। इसके अलावा दो महीने पहले हुई ईडी की रेड में रिटायर आरएएस अधिकारी अमिताभ कौशिक के घर से डेढ़ करोड़ रुपए नकद, एक किलो गोल्ड और निवेश के कई दस्तावेज मिले थे।

यह है जल जीवन मिशन घोटाला

पहला- ग्रामीण पेयजल योजना के तहत सभी ग्रामीण इलाकों में पेयजल की व्यवस्था होनी थी। जिस का खर्चा राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को 50-50 प्रतिशत करना था। इस योजना के तहत डीआई डक्टर आयरन पाइपलाइन डाली जानी थी। इस की जगह पर एचडीपीई की पाइपलाइन डाली गई।

दूसरा- पुरानी पाइप लाइन को नया बता कर पैसा लिया गया। जबकि जमीन में पाइप लाइन डाली ही नहीं गई।

तीसरा- कई किलोमीटर तक आज भी पानी लाइन डाली ही नहीं गई है, लेकिन उसका ठेकेदारों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिल कर पैसा उठा लिया।

चौथा- ठेकेदार पदमचंद जैन हरियाणा से चोरी के पाइप लेकर आया और उसे नया पाइप बता कर बिछा दिया और सरकार से करोड़ों रुपए ले लिए।

पांचवां- ठेकेदार पदमचंद जैन ने फर्जी कंपनी के सर्टिफिकेट लगाकर टेंडर लिया, जिसकी अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी उसे टेंडर दिया गया। क्योंकि वह एक राजनेता का दोस्त था।

Rajasthan News राजस्थान न्यूज़ ED raids in Jal Jeevan Mission Scam raids on Minister and IAS offices Jal Jeevan Mission Scam जल जीवन मिशन घोटाले में ED की छापेमारी मंत्री और आईएएस के ठिकानों पर छापा जल जीवन मिशन घोटाला