JAIPUR. राजस्थान सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की मुसीबतें कम नहीं हो रही है। सरकार से पंगा लेने के बाद उन पर अलग-अलग पुलिस के मामले तो चल ही रहे हैं अब चुनाव मैदान में भी उनके लिए एक नई तरह की मुसीबत खड़ी हो गई है। दरअसल उनके विधानसभा क्षेत्र उदयपुरवाटी में उन्हीं के नाम का एक और प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में है। ऐसे में मतदान के दौरान मतदाताओं के भ्रमित होने की आशंका जताई जा रही है और इस मामले में गुढ़ा ने चुनाव आयोग को निर्वाचन अधिकारी की शिकायत भेज दी है।
एक नाम के दो प्रत्याशी
गुरुवार को नाम वापसी के बाद जब अंतिम प्रत्याशी सूची जारी होने लगे तो यह विवाद सामने आया। जिसके बाद देर रात तक विवाद चलता रहा। रात 8 बजे तक मतपत्र की सूची प्रकाशन रुका रहा। इस पूरे मामले में विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत भी की है। जिसमें लिखा है कि इससे उन्हें नुकसान होगा। दरअसल उदयपुरवाटी से शिवसेना से पूर्व मंत्री राजेंद्रसिंह गुढ़ा और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में टोडी निवासी राजेंद्र सिंह ने नामांकन भरा। दोनों के नामांकन मंजूर भी हो गए। अंतिम रूप से प्रकाशित होने वाली प्रत्याशी सूची में निर्दलीय प्रत्याशी ने अपने नाम के पीछे गुढ़ा लिखवाना चाहा। इस पर विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने ऐतराज जताया और कहा कि इससे उन्हें नुकसान होगा। इसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने सहायक निर्वाचन अधिकारी से जांच करवाई तो सहायक निर्वाचन अधिकारी ने रिपोर्ट दी कि टोडी निवासी राजेंद्र सिंह के नाम के आगे गुढ़ा लिखा हुआ नहीं है।
चुनाव लड़ने में फंसे राजेंद्र गुढ़ा
इसके बाद शिवसेना प्रत्याशी राजेंद्रसिंह से उनके गुढ़ा होने का दस्तावेज मांगे गए तो उन्होंने पंद्रहवीं विधान सभा का अपना आइकार्ड पेश कर दिया, जिसमें उनके नाम के आगे गुढ़ा लिखा हुआ था। इसके बावजूद टोडी निवासी राजेंद्र सिंह ने अपने नाम के पीछे गुढ़ा लगाने की मांग की। देर रात तक ये विवाद चलता रहा। आखिर में देर रात निर्वाचन अधिकारी कल्पित शिवरान ने फैसला सुनाया कि मतपत्र में दोनों के नाम से आगे गुढ़ा लगाया जाएगा और अलग पहचान के लिए दोनों के पिता का नाम साथ में लिखा जाएगा।
चुनाव आयोग को भेजी निर्वाचन अधिकारी की शिकायत
इस मामले में विधायक व शिवसेना प्रत्याशी राजेंद्रसिंह गुढ़ा ने निर्वाचन आयोग को शिकायत भेजी है। जिसमें आरोप लगाया है कि निर्वाचन अधिकारी कल्पित शिवरान ने जातिवाद करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और मतपत्रों में दूसरे प्रत्याशी के नाम से आगे गुढ़ा लगा दिया। गुढ़ा ने निर्वाचन अधिकारी को हटाकर किसी निष्पक्ष अधिकारी को आरओ लगाने तथा उनके नाम से आगे गुढ़ा लगाने व दूसरे के नाम के आगे उसका प्रचलित नाम रखवाने की मांग की है।