RAIPUR. छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा पर लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। इस दौरान पं. दीनदयाल हेल्थ साइंस एवं आयुष विवि ने नया नियम लागू कर दिया है। इसके अनुसार, अब मेडिकल कॉलेजों में छात्र जहां एमबीबीएस की पढ़ाई करेंगे, वे उसी कॉलेज से इंटर्नशिप करेंगे। दूसरे कॉलेज में वे इंटर्नशिप नहीं कर सकेंगे। दरअसल, एमबीबीएस कोर्स साढ़े 4 साल का है। नियमानुसार इंटर्नशिप वही छात्र कर सकता है, जिन्होंने एमबीबीएस फाइनल ईयर भाग दो की परीक्षा पास की हो।
इस नियम से पहले स्टूडेंट्स दूसरे कॉलेजों से एमबीबीएस के बाद रायपुर या दूसरे कॉलेजों में इंटर्नशिप के लिए आवेदन करते थे। इससे विवाद की स्थिति बन जाती थी। कुछ निजी कॉलेज के छात्र भी सरकारी कॉलेजों में इंटर्न करना चाहते थे। लगातार विवाद के बाद हेल्थ साइंस विवि ने यह नियम लागू किया है। कॉलेज में एमबीबीएस की जितनी सीटें होती हैं, उतनी ही सीटों पर इंटर्नशिप कराने की अनुमति होती है।
नोटिफिकेशन जारी, सीट में तय
छत्तीसगढ़ में 13 मेडिकल कॉलेजों में विदेश से एमबीबीएस करने वाले 539 छात्र इंटर्नशिप कर सकेंगे। इसके लिए एनएमसी ने पहले ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। कॉलेज अनुसार सीट भी तय की गई है। इनमें नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में 14, सिम्स बिलासपुर में 11, जगदलपुर में 9, दुर्ग में 11, रायगढ़ में 5, राजनांदगांव में 9, अंबिकापुर में 8 छात्र इंटर्नशिप कर सकेंगे। कोरबा, महासमुंद व बालाजी रायपुर में 100-100 छात्र तथा शंकराचार्य व रिम्स में 11-11 छात्रों को इंटर्नशिप करने की अनुमति दी गई है।
सरकारी कॉलेजों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस जरूरी
गौरतलब है कि पिछले दिनों ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने नया आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) छात्रों की अब बायोमीट्रिक अटेंडेंस लगेगी। इसे छात्रों के आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं अटेंडेंस नियमित रूप से एनएमसी को भी जाएगा।