BHOPAL. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम पद की दावेदारी के सवाल पर दो टूक कहा है कि हमारे परिवार का कोई भी सदस्य कभी कुर्सी के पीछे नहीं भागा, सिंधिया ने कहा कि मैं दिग्विजय या कमलनाथ नहीं हूं जो कुर्सी की होड़ में रहूं। उन्होंने कहा कि मैं सीएम पद की दौड़ में कब था? जब कांग्रेस में था तब तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने मेरा और कमलनाथ का नाम लिया था। नतीजे आने के बाद कमलनाथ को सीएम बनाया गया, मेरी इच्छा होती तो दो-तीन दिन तो संघर्ष चलता ही रहता, लेकिन मैंने एक सेकेंड में उन्हें पूर्ण समर्थन दे दिया था।
इंडिया गठबंधन ने कराई धर्म की एंट्री
चुनाव में धर्म की एंट्री के सवाल पर वे बोले कि धर्म की एंट्री बीजेपी ने नहीं बल्कि इंडिया गठबंधन ने कराई है। उन्होंने बयान दिया था कि सनातन धर्म को नष्ट करके ही छोड़ेंगे। एंटी इनकंबेंसी के सवाल पर सिंधिया ने कहा कि एंटी इनकंबेंसी वह होती है जो 2003 में कांग्रेस की थी। हमारी जनआशीर्वाद यात्राओं को जनता का भरपूर प्यार मिल रहा है।
बगावत पर यह कहा
सिंधिया ने कई सीटों पर मची बगावत के सवाल पर कहा कि आवागमन किसी चुनाव में नहीं होता। यह कोई आजादी के बाद का पहला चुनाव नहीं है। 5 फीसदी लोग ही हैं जो इधर से उधर गए हैं।
कांग्रेस में गाली देने की पावर ऑफ अटॉर्नी
सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस में गाली देने की पावर ऑफ अटॉर्नी दी जा रही है। एक पूर्व मुख्यमंत्री कह रहा है कि दूसरे के कपड़े फाड़ो। पुतले फूंके जा रहे हैं। क्या नहीं हो रहा है। स्थिति ये हो गई है कि सिख समाज के बारे में कमलनाथ को क्लीनचिट देने के लिए पंजाब से राजा बरार जी को ला रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों में इतनी लड़ाई है कि एक को वीडियो मैसेज से स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है। भाजपा में ऐसा कुछ दिख रहा है क्या आपको?