NEW DELHI. देश के तमाम विपक्षी दलों में से 28 दलों के गठबंधन इंडिया द्वारा भोपाल में पहली सार्वजनिक रैली करने का प्लान बनाया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में 12 दल के सदस्य शामिल हुए थे। तय किया गया है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में भोपाल में जनसभा की जाएगी, जिसमें महंगाई और बेरोजगारी के साथ-साथ जातिगत जनगणना के मुद्दे पर आवाज उठाई जाएगी।
बैठक में ये रहे शामिल
इस बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के अलावा कांग्रेस से केसी वेणुगोपाल, जेडी यू के संजय झा, आरजेडी के तेजस्वी यादव, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, शिवसेना से संजय राउत, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं। टीएमसी से अभिषेक बनर्जी को भी इस मीटिंग में शामिल होना था लेकिन ईडी के समन के चलते वे बैठक में नहीं आ पाए। बैठक में गठबंधन के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। जिसमें पहली बड़ी रैली भोपाल में आयोजित करने पर सहमति बनी है।
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डिबेट शो से बचने की सलाह
विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक में यह भी तय हुआ है कि गठबंधन से जुड़े दलों के प्रवक्ता चुनिंदा डिबेट शो में हिस्सा लेंगे। अनावश्यक बयानबाजी से बचने और गठबंधन की एकता के लिए यह निर्णय लिया गया है। केसी वेणुगोपाल ने ही पहली रैली भोपाल में आयोजित करने समेत सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया शुरु करने की भी बात कही है।
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एमपी में भी होगा सीटों का बंटवारा?
विपक्षी गठबंधन द्वारा भोपाल में राजनैतिक रैली करने के बाद बड़ा सवाल यह सामने आया है कि क्या कांग्रेस मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में गठबंधन के सदस्य दलों के साथ सीटें साझा करेगी? क्योंकि मौजूदा स्थिति में तीनों राज्यों में करीब-करीब सभी सीटों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ रही है। आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत अन्य दल भी अपने उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी में हैं।