संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस के गढ़ (यहां की सात विधानसभा सीट में 2018 में कांग्रेस ने छह जीती थी, अभी पांच सीट उनके पास है) धार जिले में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। टिकट घोषित होने के बाद बीजेपी के सबसे मजबूत पकड़ वाले विक्रम वर्मा परिवार को लेकर बगावती सुर इतने तेज हो गए हैं कि विरोधियों ने खुल्लम खुल्ला उनकी पत्नी व विधायक नीना वर्मा के विरोध में बैठक ही कर डाली। उधर कांग्रेस के गौतम परिवार से प्रभा गौतम को फिर से टिकट मिलने का भी विरोध जोर पकड रहा है और कुलदीप बुंदेला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। वहीं मनावर से टिकट नहीं मिलने से पूर्व मंत्री व बीजेपी नेत्री रंजना बघेल की त्यौरियां चढ़ी हुई हैं, लेकिन कांग्रस के पूर्व सांसद गजेंद्र राजूखेड़ी मान गए हैं।
वर्मा के पूर्व समर्थक बोले- इस बार वर्मा को पानी पिलाना है
धार सीट से अभी बीजेपी की नीना वर्मा विधायक है। उनके टिकट होने के बाद बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव यादव ने विरोध कर दिया है और वह टिकट की मांग कर रहे हैं। टिकट चलते ही उनका जिलाध्यक्ष पद गया था। लेकिन अब टिकट भी नहीं मिला। गंभीर बात यह है कि वर्मा के चुनाव का संचालन करने वाले करीबी अनंत अग्रवाल ने भी बगावत कर दी है और एक ही परिवार को बार-बार टिकट दिए जाने का विरोध किया जा रहा है। इनका कहना है कि वर्मा परिवार किसी की नहीं सुनता है और अपनी-अपनी चलाता है। अग्रवाल और यादव ने इनके विरोध में सोमवार को बैठक भी कर ली जिसमें इनके समर्थक जमा हुए और इसमें अग्रवाल ने कहा कि मेरे बाद विक्रम वर्मा राजनीति में आए, पहले खुद राजनीति की, बाद में पत्नी को टिकट दिला दिया और अब हद तो यह है कि बेटी का नाम भी यहां की मतदाता सूची में जुड़वा दिया। इस बार उन्हें पानी पिलाना है। उन्होंने अपनी जेब में कभी हाथ नहीं डाला। राजू यादव ने कहा कि 29 को हम जनता के बीच जा रहे हैं और तय करेंगे कि आगे क्या करना है। चुनाव लड़ने की नौबत आई तो लडेंगे। यह चुनाव परिवारवाद, वंशवाद के खिलाफ है।
कुलदीप बुंदेला बोले - पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह ने निकाली दुश्मनी
उधर पूर्व धार कांग्रेस विधायक मोहन सिंह बुंदेला के बेटे कुलदीप बुंदेला उनकी जगह बालमुकुंद गौतम की पत्नी प्रभा गौतम को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। वह 30 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे। बुदेंला ने द सूत्र से कहा कि मुझे तीन बार से कहा जा रहा है कि अगली बार टिकट देंगे। जब दिग्विजय सिंह जी सीएम थे, तब मैं कमलनाथ जी से जुड़ गया था। तभी से वह मेरे खिलाफ है और उन्होंने हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर आरोपों के आरोपी गौतम परिवार को फिर टिकट दिलवा दिया। मुझसे दुश्मनी निकाली गई है। कांग्रेस ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद ही कीमत समझने की ठानी है चाहे वह समंदर पटेल का जावद से टिकट हो या बुरहानपुर से निर्दलीय लड़ चुके सुरेंद्र सिंह शेरा जी का। इसलिए अब मैं भी निर्दलीय ही चुनाव में उतरूंगा। बहुत इंतजार कर लिया है। बुंदेला ने कुछ माह पहले बैठक हुई थी इसमें कमलनाथजी ने साफ कहा था कि बदनावर से गौतम परिवार को टिकट देंगे और मुझे धार सीट से लेकिन बदनावर में शेखावत जी आ गए और धार से गौतम परिवार को एडजस्ट कर दिया और मुझे फिर बाहर कर दिया गया।
पूर्व सांसद राजूखेड़ी ने दी कांग्रेस को राहत
उधर कांग्रेस को उनके पुराने नेता व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी से राहत मिल गई है। उन्होंने द सूत्र से चर्चा करते हुए साफ कहा कि मैं निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ रहा हूं, यह पूरी तरह से अफवाह है। मैं पार्टी के साथ था और साथ रहूंगा। टिकट नहीं होने पर पार्टी में बात रख दी थी और मेरी बात हाईकमान से हो चुकी है। मैं पार्टी के साथ हूं।
इधर बीजेपी की पूर्व मंत्री रंजना बघेल के भी बगावती सुर
उधर मनावार से टिकट नहीं होने पर साल 2018 का चुनाव हार चुकी रंजना बघेल के तेवर चढ़े हुए हैं। उन्होंने उनका टिकट काटकर शिवराज कन्नोजे के टिकट होने पर सीधे तौर पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर आरोप लगाए हैं और कहा कि उन्होंने मेरा टिकट कटवाया है। कन्नौजे केवल 26 साल के हैं और युवा प्रत्याशी है। यहां से कांग्रेस की ओर से मौजूदा विधायक डॉ. हीरालाला अलावा ही फिर से प्रत्याशी है। हालांकि बघेल ने अभी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की है। लेकिन उनका साफ कहना है कि कई जगहों पर हारे हुए प्रत्याशियों को पार्टी ने टिकट दिया है तो फिर मेरा अकेले का टिकट क्यों काटा गया है, मुझे दूध से मक्खी की तरह निकाल दिया।