पीएससी की परीक्षा तारीख बनी राजनीतिक मुद्दा, कांग्रेस नेता दिग्गी, तन्खा, सिंघार, भूरिया सभी उतरे समर्थन में

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
पीएससी की परीक्षा तारीख बनी राजनीतिक मुद्दा, कांग्रेस नेता दिग्गी, तन्खा, सिंघार, भूरिया सभी उतरे समर्थन में

संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) के परीक्षा शेड्यूल को लेकर विरोध हो रहा है और खासकर दिसंबर के 20 दिन में तीन परीक्षाओं के आयोजन को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। लेकिन अब मामला उम्मीदवारों के पाले से निकलकर राजनीति के पाले में जा रही है। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने उम्मीदवारों की इस मांग को लेकर समर्थन कर दिया है और आयोग को ट्वीट कर इसपर विचार करने के मांग की है। नेताओं के समर्थन के बाद यह तो तय है कि 3 दिसंबर को कांग्रेस के हक में नतीजे आए तो आयोग को परीक्षा शेड्यूल तो बदलना ही पड़ेगा।

यह नेता उतरे समर्थन में

दिग्विजय सिंह- पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इस मामले में कांग्रेस के ही राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा द्वारा मांगों के समर्थन में किए गए ट्वीट को रीट्वीट कर समर्थन किया है।

विवेक तन्खा- इन्होंने कहा है कि मप्र में छात्र आंदोलित है। छात्र पेपर्स और अलग-अलग परीक्षाओं के बीच में समय गैप की मांग रख रहे हैं। पीएससी को इसे छात्रों के पाइंट ऑफ व्यू से परीक्षण करना चाहिए। आखिर परीक्षा भी छात्रों के लिए तो है।

उमंग सिंघार- कांग्रेस के गंधवानी विधायक उमंग सिंघार ने कहा कि- मप्र के युवाओं का मनोबल पहले से ही बेरोजगारी, घोटाले, कमीशनखोरी, पेपर लीक और आयोग की सुस्ती ने तोड़ रखा है। पहले तो चार सालों से एक भी नियुक्ति नहीं हुई और अब एक माह में तीन परीक्षा लगातार। सरकार की युवाओं के प्रति कोई संवेदनशील नहीं, उनके दुख का कोई अंदाजा नहीं। युवा इस परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हैं, मेरा एमपी पीएससी आयोग से निवेदन है कि जल्द से जल्द परीक्षा तारीखें अभ्यर्थियों के अनुकुल की जाएं।

विंक्रात भूरिया- झाबुआ से कांग्रेस प्रत्याशी भूरिया ने कहा कि प्रतियोगिता परीक्षा कभी आसान नहीं होती, समय और पूरी तैयारी लगती है। मप्र लोक सेवा आयोग से अनुरोध करता हूं कि अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए तीनों परीक्षाओं में उचित अन्तराल रखें, जिससे अभ्यर्थी तीनों परीक्षाओं में शामिल हो सके और ज्यादा से ज्यादा परीक्षार्थी इस परीक्षा में भाग ले सकें।

दीपक पिंटू जोशी- कांग्रेस के इंदौर विधानसभा तीन प्रत्याशी जोशी ने उम्मीदवारों के मांगपत्र के साथ लिखा कि एक माह में चार विभिन्न प्रकार की परीक्षा देना किसी भी छात्र के लिए संभव नहीं है। मप्र लोक सेवा आयोग से मेरा विनम्र आग्रह है कि वह छात्रहित में न्यायहित में तत्काल प्रभाव से प्रारंभिक परीक्षा 2023 की तिथि परिवर्तित करें अन्यथा उचित वैधानिक कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इसी तरह कालापीपल से कांग्रेस विधायक क्रुणाल चौधरी ने भी समर्थन दिया है।

खुद पीएससी यह तीन परीक्षाएं और एक इंटरव्यू 20 दिन के अंतर में होना है

-राज्य वन सेवा परीक्षा 2022 मेंस – 10 दिसंबर

-राज्य सेवा प्री परीक्षा 2023- 17 दिसंबर

-राज्य सेवा मेंस परीक्षा 2022- 26 से 31 दिसंबर

-इसके साथ ही 16 दिसंबर को सहायक कुलसचिव के इंटरव्यू है।

उधर यह भी परीक्षाएं दिसंबर माह में इसी बीच शेड्यूल्ड है

-17 और 18 दिसंबर को डीएफसीसीआईएल भर्ती परीक्षा है।

-16 से 24 दिसंबर के बीच एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय कर्मचारी चयन परीक्षा 2023 है।

-6 से 22 दिसंबर के बीच यूजीसी नेट अर्हता परीक्षा है।

राजनीतिक मुद्दा होने से अब आगे क्या होगा

परीक्षा शेड्यूल अब राजनीतिक मुद्दा हो चुका है, ऐसे में आयोग कोई भी फैसला इस मामले को लेकर 3 दिसंबर के बाद ही करने की स्थिति में होगा। वैसे भी सभी परीक्षाएं इसके बाद की ही है। परीक्षा बढ़ाने में आयोग को वैसे भी कोई समय नहीं लगेगा, दो लाइन की सूचना से परीक्षा आगे बढ़ा दी जाएगी। समय तो लगेगा रिशेड्यूल करने में, क्योंकि इसके लिए पहले सभी परीक्षा सेंटर्स की उपलब्धता और अन्य बातों को फिर से समायोजित करना होगा और साथ ही अन्य परीक्षाओं के शेड्यूल और खुद के अन्य शेड्यूल को भी देखना होगा। अक्टूबर में होने वाली 2022 मेंस भी इसी तरह दो लाइन की सूचना से चुनाव के चलते आगे बढ़ गई थी और बाद में दिसंबर में रिशेड्यूल की गई। इसमें भी प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों की दो तरह की मांग आ रही है, एक गुट प्री बढ़ाने की मांग कर रहा है तो दूसरा गुट मेंस बढ़ाने की मांग कर रहा है। हालांकि इन दोनों में एक भी रिशेड्यूल कर 40 दिन का गैप किया गया तो भी इससे उम्मीदवारों को राहत मिल जाएगी।



MP News PSC Exam Schedule पीएससी की परीक्षा तारीख बनी राजनीतिक मुद्दा पीएससी के परीक्षा शेड्यूल पर विरोध मप्र लोक सेवा आयोग PSC exam date becomes political issue Protest over MP Public Service Commission एमपी न्यूज