संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में राउ विधायक और कांग्रेस के फिर प्रत्याशी जीतू पटवारी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान और पीसीसी चीफ कमलनाथ की तुलना करते हुए कहा कि वह (शिवराज) उनके आगे कहीं नहीं लगते हैं। कोई तुलना ही नहीं है। शिवराज जी दस किलो हैं तो कमलनाथ सौ किलो हैं। शिवराज सिंह चौहान अभी तक 30 हजार झूठ बोल चुके हैं। यह बात पटवारी ने मंगलवार को इंदौर प्रेस क्लब में आमने-सामने कार्यक्रम में कही। हालांकि, बीजेपी नेता और प्रत्याशी मधु वर्मा नजर नहीं आए।
कमलनाथ का मैं सबसे प्रिय
कमलनाथ के साथ उनकी कैमिस्ट्री और संबंधों को लेकर द सूत्र के पूछे गए सवाल पर वह बोले कि मेरे उनके साथ बहुत मधुर संबंध है। वह सबसे बड़े नेता हैं। अब भी सीएम बनेंगे तो सारे काम में मुझे पास रखेंगे, ऐसी उम्मीद है मुझे। जब भी संकट हुआ या अच्छा मौका हुआ तो उन्होंने मुझे सबसे पहले याद किया। जब कांग्रेस सरकार खतरे में थी, तब उन्होंने मुझे ही याद किया था। मैं उनका सबसे प्रिय हूं, अनुयायी हूं, परिवार का सदस्य हूं।
मधु वर्मा पर अप्रत्यक्ष तौर पर लगाए दिए घोटाले के आरोप
पटवारी ने बीजेपी के प्रत्याशी मधु वर्मा को एक बार फिर पितातुल्य बताया, लेकिन उन पर आईडीए चेयरमैन के कार्यकाल के दौरान गड़बड़ी करने की बात कहते हुए अप्रत्यक्ष तौर पर जमीन घोटाले के आरोप लगा दिए। उन्होंने कहा कि स्कीम 97 में उन्होंने अपने लोगों की जमीन स्कीम से मुक्त कर दी, खुद ही एक बिल्डर की जमीन को अपने हस्ताक्षर से मुक्त किया, लेकिन हजारों संघ वाले और कई पीड़ित थे, लेकिन उनकी जमीन मुक्त नहीं की।
लाड़ली बहना का अब असर जीरो
पटवारी ने लाड़ली बहना के असर को लेकर कहा कि वह अब जीरो हो गया है। इसका कारण मैंने पता किया, बहनों से पूछा तो बताया गया की स्कीम में 80 फीसदी तो हितग्राही बीजेपी नेता, पदाधिकारियों ही शामिल हुई हैं। फिर दूसरी बात कांग्रेस तो 1500 रुपए प्रति माह नारी सम्मान में देने की गारंटी दे चुकी है, 500 रुपए में सिलेंडर की भी गारंटी है। बीजेपी तो लाड़ली बहना में एक हजार दे रही है और महंगाई से तीन हजार रुपए वापस ले रही है।
दुर्भावना से नहीं बोला अखिलेश के खिलाफ
पटवारी ने कमलनाथ के अखिलेश-वखीलेश वाले बयान को लेकर उन्होंने दुर्भावनावश कुछ नहीं बोला। उनके भाव सामान्य थे। राज्य स्तर पर रणनीति अपने हिसाब से कर सकते हैं। केंद्र में यह गठबंधन है, इसलिए यह हुआ, लेकिन यह सही है कि गठबंधन होता, साथ रहते तो अभी 155 सीट आ रही तो फिर 160 आती।
महापौर के रूप में जीरो बटे सन्नाटा
पटवारी ने नफरती हिंदू वाले शब्द पर कहा कि मैंने ऐसा नहीं बोला। जो ज्ञानी है, महापौर बन गए, यह उनसे पूछो। महापौर के रूप में तो कार्यकाल जीरो बटे सन्नाटा रहा, वह पहले अपना काम देखें।