CHHINDWARA. छिन्दवाड़ा की चौरई तहसील की ग्राम पंचायत केवलारी में पेंच बांध प्रभावित किसान संगठन ने जल सत्याग्रह आंदोलन किया। शासन- प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी जब अन्नदाता की सुनवाई नहीं हुई तो हताश किसानों और उनके परिवार के सदस्यों ने जल सत्याग्रह का रास्ता अख्तियार किया।
NDRF की टीम भी मौजूद रही
पेंच बांध प्रभावित किसान संगठन ने ग्राम केवलारी में किसानों का जल सत्याग्रह आंदोलन रखा, जो सुबह करीब आठ बजे से शुरू हो चुका था। जहां किसान सहित भारी संख्या में महिलाओं ने 4-5 घंटे पानी के अंदर डूबकर आंदोलन करते रहे। आंदोलन स्थल पर भारी पुलिस प्रशासन सहित NDRF की टीम भी मौजूद रही। शिव पटेल ने बताया कि पेंच परियोजना के अंर्तगत माचागोरा बांध में जलाशय होने के कारण आसपास के 31 ग्राम प्रभावित हो गए हैं। जिनकी आवादी के हिसाब से अगर देखा जाए तो सिर्फ 4 ग्राम भुतेरा, धनोरा,भूला, बाराहबिहारी पूरी तरह जलमग्न हैं।14 ग्राम आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं और 13 ग्रामों की मात्र भूमि प्रभावित हुई है। ग्राम के किसान और सरपंच संघ जिलाध्यक्ष परसराम वर्मा जी, मूलचंद साहू और राजकुमार वर्मा सहित अन्य किसानों ने बताया कि जलाशय निर्माण के दौरान आसपास के लगभग 2500 परिवार प्रभावित हुए थे।
बांध प्रभावित किसानों की कुछ मुख्य मांगे इस तरह है:
- भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार चार गुना मुआवजा प्रदान किया जाए।
- सरदार सरोवर बांध की तर्ज पर विशेष पैकेज दिया जाए।
- शासन द्वारा बसाए गए पुनर्वास को पुनःअर्जन कर शहर के किनारे विस्थापित किया जाए।
- मत्स्य पालन और मछली का ठेका प्रभावित ग्रामों की समिति और मछुआरों को दिया जाए।
- जिन किसानों के विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन के भू-अर्जन प्रकरण लंबित है उन सभी अपीलीय प्रकरणों को वापिस लेकर फरियादी किसानों को मुआवजा दिया जाए।
- जिला कलेक्टर स्तर की समस्या को प्रभावित किसानों के जनप्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर तत्काल निराकरण किया जाए।
- थर्मल पावर के लिए अडानी द्वारा ली गई जमीन को किसानों को स्वामित्व किया जाए।
पेंच बांध प्रभावित किसान परिवारों ने अपनी इन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।