BARMER. राजस्थान में कांग्रेस के दावेदार पहली लिस्ट के इंतजार में बैठे हुए हैं, वहीं पायलट समर्थक माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। सोमवार को मारवाड़ के इस कद्दावर किसान नेता को मनाने उनके समर्थकों ने महाकुंभ का आयोजन किया। इस दौरान चौधरी को मनाने के भरसक प्रयास समर्थकों ने किए। यहां तक कि अपनी पगड़ियां भी उनके पैरों पर रखकर फूट-फूटकर रोए लेकिन हेमाराम चौधरी ने अपना फैसला बदलने से इनकार कर दिया। बकौल चौधरी वे अपने क्षेत्र की जनता के काम पूरे नहीं करवा सके, इसलिए उन्हें अब चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है।
जनता के साथ धोखा नहीं करना चाहता
दरअसल चौधरी पायलट समर्थक हैं, उन्होंने इशारों में सीएम अशोक गहलोत को कठघरे में खड़ा करते हुएकहा है कि मेरे क्षेत्र में पानी से लेकर कई अन्य योजनाएं 5 साल में शुरु नहीं हो पाईं। ऐसे में दोबारा चुनाव लड़कर इलाके की जनता के साथ धोखा करना वे नहीं चाहते। चौधरी का कहना है कि क्षेत्र की जनता ने 45 साल तक उन्हें अटूट प्रेम किया है। यही वजह थी कि वे विधायक, मंत्री और नेता प्रतिपक्ष भी बने।
नए लोगों को मिले मौका
चौधरी का कहना है कि मैं जनता को समझा रहा हूं कि नए लोगों को मौका दिया जाना चाहिए। मेरी तो रिटायरमेंट की उम्र भी हो चुकी है, जनता है कि मानने को तैयार नहीं है। मैंने पार्टी को भी टिकट के लिए आवेदन नहीं दिया है। पार्टी जिसे भी प्रत्याशी बनाएगी उसका सपोर्ट करूंगा।
समर्थक दे रहे अनशन की चेतावनी
इधर हेमाराम चौधरी के समर्थकों ने भी चेतावनी दी है कि जब तक वे चुनाव लड़ने तैयार नहीं हो जाते, खाना नहीं खाएंगे। इस पर चौधरी ने भी कहा कि मैं भी अन्न-जल त्याग दूंगा। समर्थकों की जिद के आगे हेमाराम भी अपने फैसले पर अडिग दिखाई दे रहे हैं।