BHOPAL. विधानसभा चुनाव जीतने वाले 2 केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल के साथ तीनों सांसद राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह और रीति पाठक ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में ये साफ होता है कि इन पांचों नेताओं की भूमिका मध्य प्रदेश में ही रहने वाली है और अब इन सभी को सरकार या संगठन में नई जिम्मेदारी देने की कवायद दिल्ली में चल रही है।
विधानसभा अध्यक्ष का पद बना तोमर के लिए विकल्प
बता दें कि तोमर को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा हैं। यदि शिवराज सिंह चौहान ही सीएम बने रहते हैं तो ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष का पद तोमर के लिए एक विकल्प हो सकता है, क्योंकि पार्टी उनकी सीनियेरिटी के हिसाब से उप मुख्यमंत्री सहित कोई दूसरा पद ठीक नहीं समझ रही। वहीं संगठन में यदि कोई बदलाव होता है तो प्रदेश अध्यक्ष का विकल्प भी उनके लिए खुला रहेगा। हालांकि वे इससे पहले 2 बार प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा संभाल चुके हैं। गौरतलब है कि चुनाव के दौरान बेटे का वीडियो वायरल होने के बाद से इनकी जिम्मेदारी को छोटा रखा जा सकता है।
पटेल को मिल सकती है प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी
प्रहलाद पटेल मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार है। यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। संभावना है कि उन्हें किसी बड़े विभाग का मंत्री भी बनाया जा सकता है। वहीं उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी भी सौंपी जा सकती है। बता दें कि सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद पटेल ने कहा है कि वे जल्द ही मंत्री पद भी छोड़ देंगे। पटेल की भूमिका को लेकर एनके सिंह का कहना है कि उनके ऊपर किसी प्रकार की कंट्रोवर्सी नहीं है। उन्हें यदि मंत्री का पद भी सौंपा जाता है तो उनका पद कम नहीं आंका जाएगा। वहीं अगर बात रीति पाठक की करें तो 2010 से 2014 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। इसके बाद वर्ष 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता। 2019 में दूसरी बार जीत कर वे संसद पहुंचीं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक केदारनाथ शुक्ला की बगावत के बावजूद इस सीट पर बीजेपी को जीत दिलाई। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन्हें भी मंत्रिमंडल में अहम विभाग मिल सकता है।
लोकसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप रह चुके हैं राकेश सिंह
राकेश सिंह जबलपुर से चार बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में संभावना है कि उन्हें सरकार में मंत्री पद दिया जा सकता है। वे प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं, इसलिए दोबारा ये पद मिलने की संभावना कम है। बता दें कि राकेश सिंह पहली बार विधानसभा चुनाव जीते हैं। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वे लोकसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप भी रह चुके हैं। राव होशंगाबाद से तीन बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में संभावना है कि उन्हें राज्य मत्रिमंडल में अहम विभाग मिल सकता है। सिंह ने 2013 में होशंगाबाद के सांसद के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया था। 2014 और फिर 2019 के चुनावों में होशंगाबाद सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।