JAIPUR. राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख ऐलान होने के बाद सभी राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सोमवार से प्रदेश में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की। कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (East Rajasthan Canal Project) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग के साथ चुनावी बिगुल फूंक दिया। इधर विपक्ष में बैठी बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस परियोजना के नाम पर जनता को झुनझुना पकड़ा रही है क्योंकि कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण में इस परियोजना को 2051 तक पूरा करने की बात कही है।
एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने उठाए थे परियोजना पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने सोमवार को बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में हुई प्रेस वार्ता में कहा की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2019 से अपने हर भाषण में बीजेपी को निशाना बना रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने संसाधनों से यह परियोजना पूरी करने से आखिर किसने रोका था। राठौर ने आगे कहा कि इस परियोजना पर सबसे पहला सवाल मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उठाया था और वॉटर डिपेंडेबिलिटी के मुद्दे पर इस परियोजना का विरोध किया था।
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा की गहलोत कहते हैं कि देश में 16 राष्ट्रीय परियोजनाएं चल रही हैं ऐसे में एक 17वीं परियोजना लागू हो जाए तो क्या फर्क पड़ता है, लेकिन गहलोत को बताना चाहिए कि केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार के समय योजना आयोग ने राष्ट्रीय परियोजनाओं को लेकर जो मापदंड तय किए हुए हैं क्या राजस्थान में नहर परियोजना उन मापदंडों पर खरी उतरती है?
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हम इस परियोजना को पूरा करेंगे : राजेंद्र सिंह राठौड़
राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि यह सही है कि यह परियोजना वसुंधरा राजे सरकार के समय बनी की और भारतीय जनता पार्टी इस बात के लिए कटिबद्ध है कि जब हमारी सरकार बनेगी तो हम इस परियोजना को पूरा करेंगे। राठौड़ ने कहा कि राज्यपाल का भाषण सरकार का दस्तावेज होता है और इस बार के अभिभाषण में सरकार ने राज्यपाल से यह कहलाया है की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को 2051 तक पूरा किया जाएगा। ऐसे में हिसाब है कि सरकार इस परियोजना के नाम पर जनता को सिर्फ झुनझुना पकड़ा रही है।
टिकट के बाद पार्टी में विरोध पर बोले राठौड़
राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्वतंत्रता पर सवाल उठाते हुए राठौड़ ने कहा कि राजस्थान को स्वतंत्र गृहमंत्री इसलिए नहीं मिल पाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने साथी मंत्रियों पर पुलिस के जरिए नजर रखनी थी। वहीं पार्टी प्रत्याशियों की सूची के बाद सामने आ रहे विरोध पर राठौड़ ने कहा कि कुछ जगह छोटा मोटा विरोध हो रहा है, लेकिन हम कैडर बेस पार्टी हैं और जल्द सब ठीक हो जाएगा।