मनीष गोधा, JAIPUR. कांग्रेेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी कल यानी बुधवार को झुंझुंनूं में सभा करने आ रही हैं। बीते डेढ़ माह में राजस्थान में यह उनकी तीसरी सभा है। इससे पहले वे 10 सितंबर को निवाई (टोंक) में और 20 अक्टूबर को सिकराय (दौसा) में जनसभाओं को संबोधित कर चुकी हैं। अब बुधवार को वे अरड़ावता (झुंझुनूं) में पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला की प्रतिमा का अनावरण कर सभा को संबोधित करेगी।
सचिन समर्थकों के क्षेत्र में ही आमद
प्रियंका गांधी के बार-बार राजस्थान आने में दो खास बातें देखी जा रही हैं। पहली तो यह कि उनकी अब तक की सभाएं कांग्रेस के पूर्व उपमुख्यमंत्री और मुख्यमत्री अशोक गहलोत के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले सचिन पायलट के प्रभाव वाले क्षेत्रों में ही हुई है। दूसरी यह कि इस चुनाव से पहले प्रियंका गांधी राजस्थान में बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रही हैं। ऐसे में अब उनके लगातार राजस्थान दौरों में पार्टी में उनकी बढ़ती भूमिका और यहां उनकी लोकप्रियता को भुनाने के नजरिए से देखा जा रहा है।
पहले बात सचिन फैक्टर की
प्रियंका गांधी इस चुनाव में सबसे पहले 10 सितम्बर को निवाई में आई थीं जो टोंक जिले में पड़ता है और सचिन पायलट अभी टोंक से ही विधायक है। हालांकि निवाई से अभी विधायक प्रशांत बैरवा हैं, लेकिन वे भी पायलट के विश्वस्तों में ही माने जाते रहे हैं।
इसके बाद उनकी अगली सभा अभी 20 अक्टूबर को सिकराय में हुई जो दौसा जिले में पड़ता है। सिकराय से हालांकि विधायक ममता भूपेश हैं जो सरकार में मंत्री हैं, लेकिन दौसा जिला पायलट परिवार का गृह क्षेत्र जैसा रहा है। उनके पिता राजेश पायलट यहां से कई बार सांसद रहे। उनकी मां रमा पायलट और वे खुद भी यहां से सांसद रहे हैं। यही कारण रहा कि इस सभा में भी पायलट खास जलवा देखने में आया था।
अब प्रियंका की तीसरी सभा झुंझुनूं जिले के अरडावता में हो रही है। अरडावता कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे शीशराम ओला का गांव है और वे यहां उनकी प्रतिमा का अनावरण ही करेंगी। ओला के पुत्र बृजेन्द्र सिंह ओला यूं तो मौजूदा सरकार में परिवहन राज्य मंत्री हैं, लेकिन वे सचिन पायलट के खेमे के नेता हैं। ओला उनके साथ मानेसर गए थे और नवम्बर 2021 में जब उन्हें मंत्री बनाया गया तो पायलट खेमे से ही उनकी एंट्री मानी गई थी। बृजेन्द्र ओला झुंझुनूं सीट से लगातार तीन बार से जीत रहे हैं और इस बार भी पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है। पार्टी सूत्र इसे एक अहम संकेत के रूप में देख रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट को गांधी परिवार में प्रियंका और राहुल दोनों का साथ और समर्थन मिलता रहा है और अब प्रियंका गांधी के लगातार दौरे सचिन के प्रभाव वाले क्षेत्रों मेें होना महत्वपूर्ण है।
बढ़ती सक्रियता का फैक्टर
प्रियंका गांधी यूं तो राजस्थान लगातार आती रही हैं, लेकिन ये उनकी निजी यात्राएं रही हैं, जिसमें रणथम्भौर जाती हैं और वहां कुछ दिन छुट्टियां बिताती हैं। राजस्थान की जनता ने उन्हें पहली बार सार्वजनिक सभा में तब सुना था जब 2021 की जनवरी में जयपुर में कांग्रेस ने महंगाई के खिलाफ रैली की थी। इस रैली में भी फोकस उनके बजाए राहुल गांधी पर ही था। उनकी पहली ऐसी सभा में जिसमें वे थी, वह 10 सितम्बर को टोंक के निवाई में ही थी। अब तक हुई दोनों सभाओं मंे उन्हें पब्लिक का अच्छा रेस्पांस मिला है। दौसा में तो उनके भाषण को बहुत प्रभावी माना गया था। पार्टी नेता उनके प्रभाव और लोकप्रियता को भुनाना चाहते हैं। यही कारण है कि कई सीटों से उनकी डिमांड भी है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर सभी सम्भागोें में प्रियंका की एक-एक सभा कराने की योजना बन रही है।
राहुल की अब तक दो सभाएं
वहीं राहुल गांधी की सभाओं की बात करें तो वे नौ अगस्त को मानगढ़ धाम आए थे जो आदिवासी बहुल इलाका है। पार्टी ने यही से चुनाव अभियान की शुरआत की थी। इसके बाद वे 23 सितंबर को जयपुर आए थे। यहां उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के नए मुख्यालय का शिलान्यास किया था। ऐसे में राहुल गांधी की सभाएं पार्टी के बड़े आयोजनों का हिस्सा रही है। वहीं प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार करते दिख रही है और अलग-अलग सीटों पर जा रही है। यानी एक तरह से पार्टी उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में इस्तेमाल कर रही है।