Raipur. कोयला घोटाला और अवैध वसूली मामले में ईडी की विशेष अदालत ने विधायक देवेंद्र यादव विधायक चंद्रदेव राय समेत 9 के खिलाफ परिवाद पंजीबद्ध कर लिया है। यह पूरक परिवाद है जिसे कोर्ट ने पंजीबद्ध किया है। इस परिवाद के पंजीबद्ध होने के बाद अब दोनों विधायक समेत उन 9 लोगों के लिए क़ानूनी परेशानी गंभीर रुप ले गई है, जिन्हें ईडी ने गिरफ़्तार नहीं किया या कि गिरफ़्तार करने के प्रयास असफल रहे, क्योंकि इन सभी को अब अग्रिम ज़मानत याचिका लेनी होगी, कोर्ट ने इन्हें उपस्थित होने के लिए 25 अक्टूबर की तारीख़ दी है।
क्या है मसला
ईडी ने प्रदेश में संगठित गिरोह की तर्ज़ पर कोयला परिवहन में पच्चीस रुपए टन की वसुली कर क़रीब पाँच सौ करोड़ का घोटाला कर बड़ी मात्रा में धन का प्रवर्तन करने का आरोप लगाते हुए आईएएस समीर बिश्नोई, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया, कोल व्यवसायी सुनील अग्रवाल के साथ साथ मामले का किंगपिन सूर्यकांत तिवारी को बताते हुए प्रारंभिक तौर पर गिरफ़्तार किया। इस मामले में पेश परिवाद पंजीबद्ध किया जा चुका है। ईडी ने बाद में इसी मामले में आईएएस रानू साहू और निखिल चंद्राकर को भी गिरफ़्तार किया। ईडी ने आईएएस रानू साहू को लेकर जब पूरक परिवाद अदालत में पेश किया तो इसमें विधायक देवेंद्र यादव विधायक चंद्र देव राय तथा कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह समेत 11 लोगों का नाम शामिल किया। इस पूरक परिवाद को अदालत ने 23 सितंबर को पंजीबद्ध कर लिया है। पूरक परिवाद में शामिल 11 नाम निम्नलिखित हैं-
निखिल चंद्राकर, रानू साहू, पीयूष साहू, देवेंद्र यादव,चंद्रदेव प्रसाद राय,विनोद तिवारी, राम प्रताप सिंह,रोशन सिंह,मनीष उपाध्याय,नवनीत तिवारी, नारायण साहू।
11 में से 9 जो गिरफ़्तार नहीं है उनके लिए क़ानूनी परेशानी क्यों बढ़ी
ईडी ने 18 अगस्त को ईडी की विशेष अदालत में जो नाम बताए उनमें से दो निखिल चंद्राकर और आईएएस अधिकारी रानू साहू गिरफ़्तार हो चुके हैं, और इस समय न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल में बंद हैं। शेष 9 नाम जिनमें विधायक देवेंद्र यादव, विधायक चंद्रदेव राय, कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह, कांग्रेस नेता विनोद तिवारी,पीयूष साहू,रोशन सिंह, मनीष उपाध्याय, नवनीत तिवारी और नारायण साहू शामिल हैं। इन्हें अब कोर्ट में पेश होना होगा। लेकिन कोर्ट में पेश होने के पहले इन सभी को अग्रिम ज़मानत लेनी होगी। विधि विशेषज्ञों की राय है कि, यदि यह अग्रिम ज़मानत के बग़ैर अदालत में हाज़िर होते हैं तो अदालत उन्हें न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल भेज सकती है।
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अगली पेशी 25 अक्टूबर को
ईडी की विशेष लोक अभियोजक डॉ सौरभ कुमार पांडेय ने बताया है कि, इस प्रकरण की अगली पेशी 25 अक्टूबर है। डॉ सौरभ कुमार पांडेय ने बताया “अगली पेशी याने 25 अक्टूबर को सभी अभियुक्तों की पेशी है। जो 9 लोग गिरफ़्तार नहीं हैं, उन्हें उपस्थिति के लिए कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।सेक्शन तीन, चार प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट अजमानतीय और संज्ञेय अपराध है, इसलिए इन 9 लोगों को जो गिरफ़्तार नहीं है उन्हें अग्रिम ज़मानत लेनी होगी।”
क्या है प्रक्रिया
कानूनी प्रक्रिया यह है कि, कोर्ट पहले उपस्थिति के लिए नोटिस जारी करती है जो कि इस मामले में जारी की जा चुकी है। इस के बाद ज़मानती वारंट जारी होगा, और यदि तब भी उपस्थित नहीं होते हैं तो ग़ैर ज़मानती वारंट जारी होगा। इसकी तामीली पुलिस को करनी होगी।