गंगेश द्विवेदी RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 70 सीटों पर कब्जा जमाने के लिए पिछले 35 दिनों में कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। सत्ता की चाबी धान आधी से ज्यादा महिला और साढ़े अठारह लाख से ज्यादा वोटर्स को अपने पक्ष के करने के लिए दोनों ही पार्टियों के स्टार प्रचारकों ने तकरबीन हर विधानसभा क्षेत्र तक पहुंचने की कोशिश की। इस दौरान सर्वाधिक सभाएं सीएम भूपेश बघेल ने की तो बीजेपी की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 11 और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 सभाएं लेकर जनता का मन बदलने का प्रयास किया।
दोनों के स्टार प्रचारकों ने किया जमकर प्रचार
छत्तीसगढ़ में बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे करके चुनाव लड़ रही है। अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, डॉ. रमन सिंह और हिमंत बिस्वा सरमा लगातार रैलियों को संबोधित कर बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार करने का प्रयास करते रहे। इस दौरान बीजेपी के निशाने पर भूपेश बघेल रहे। तकरीबन हर नेता ने अपनी हर सभा में सीएम भूपेश बघेल पर हमला बोला। वहीं कांग्रेस बीजेपी को लगातार मुद्दाविहीन बताने का प्रयास करते हुए अपनी पिछले पांच साल में कायम किए गए भरोसे पर दांव लगाते नजर आए। सामूहिक नेतृत्व आने के बाद भूपेश है तो भरोसा है के नारे को थोड़ा बदलकर कांग्रेस है तो भरोसा है का नारा चलाया गया। वहीं बीजेपी जगह जगह बदलाव की बयार बहाने की कोशिश में अब नहीं सहिबो बदल के रहिबो नारे के जरिए प्रदेश की सत्ता में बदलाव की अपील जनता से करती रही।
सत्ता में दोबारा लौटने के लिए कांग्रेस नेताओं ने भी स्टार प्रचार की फौज खड़ी कर दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस नेत्री कुमारी सैलजा सभाओं में शामिल होकर भूपेश सरकार के पांच साल के कामों का प्रचार प्रसार करके मतदाताओं से प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने की अपील कर रहे।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की घोषणा होन के बाद पूरे प्रदेश की फिजा इलेक्शन मोड में रही। बीजेपी भूपेश सरकार के कथित घोटालों का खुलासा करके प्रदेश में अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की। वहीं कांग्रेस नेता अपने कार्यकाल की योजनाओं और घोषणा पत्र में किए गए वादों का प्रचार प्रसार करके सत्ता वापस लाने की कोशिश करते रहे।
अमित शाह: 13 जगहों पर ताबड़तोड़ सभाएं करके केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और सीएम भूपेश दोनों पर तेज प्रहार किया। राजनांदगांव, चंद्रपुर, बिलासपुर, बस्तर, जगदलपुर, कोंडागांव, कांकेर, कवर्धा, जशपुर, मोहलामानपुर, बेमेतरा, पंडरिया, जांजगीर-चापा की सभाओं के दौरान बिरनपुर हिंसा का जिक्र करके ध्रुवीकरण की कोशिश की तो वहीं भ्रष्टाचार पर भूपेश और गांधी परिवार को घेरा। बीजेपी सरकार आने पर हम पाई-पाई उनसे वसूलेंगे और उल्टा लटकाने की बात तक कही।
पीएम नरेंद्र मोदी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह सभाएं महासमुंद, मुंगेली, डोंगरगढ़, कांकेर, दुर्ग, विश्रामपुर में ली इस दौरान धान की खरीदी केंद्र सरकार द्वारा करने से लेकर महादेव सट्टा मामला उठाकर भूपेश बघेल और उनकी सरकार को घेरने का प्रयास किया। वहीं ईडी और आईटी की कार्रवाई, पांच साल छत्तीसगढ़ को लूटने का आरोप, पीएससी घोटाला जैसे मसले उठाकर जनता के बीच कांग्रेस सरकार की इमेज भ्रष्ट सरकार के रूप में स्थापित करने की कोशिश करते रहे।
राहुल गांधी : राहुल गांधी ने कांग्रेस की ओर से छह जगह बेमेतरा, बलौदा बाजार, अंबिकापुर, जशपुर, खरसिया, जगदलपुर में सभाएं की। उन्होंने कांग्रेस का भरोसा कायम रखने की पहल के साथ बीजेपी की तुलना अडानी से की। आदिवासियों और युवाओं को एक साथ साधने के लिए उन्होंने 2 बड़ी घोषणाएं की। केजी से पीजी तक शिक्षा, तेंदूपत्ता तोड़ने वालों को प्रोत्साहन राशि समेत अन्य घोषणाएं जनता के बीच भरोसा कायम करने के उद्देश्य से की।
प्रियंका गांधी : प्रियंका गांधी ने 5 जगह रायपुर, कुरुद, बालोद, बिलासपुर, खैरागढ़ में सभाएं ली। सिलेंडर सब्सिडी, मुफ्त बिजली की घोषणा, देश में बढ़ती महंगाई पर बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस की सरकार की वापसी के लिए लोगों से आग्रह करती रही।
भूपेश बघेल: अपनी पाटन सीट को अपने परिवार और कार्यकर्ताओं के भरोसे छोड़कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर, कुरुद, बालोद, बिलासपुर, खैरागढ़, बेमेतरा, बलौदा बाजार, अंबिकापुर, जशपुर, खरसिया, जगदलपुर में ताबड़तोड़ सभाएं की। बीजेपी के 15 साल की नाकामी के साथ अडानी के जरिए प्रधानमंत्री मोदी पर धान खरीदी के मसले पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। वहीं आदिवासियों के फर्जी एनकाउंटर नगरनार प्लांट के निजीकरण, आईटी इडी की कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते रहे।
योगी आदित्यनाथ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्तर, सुकमा में दो सभाएं की। इस दौरान धर्मांतरण पर कांग्रेस सरकार को घेरा, कांग्रेस पर खनिज घोटाले, रामनवमी के उत्सव पर लाठीचार्ज, लव जिहाद के उपद्रवियों को संरक्षण जैसे मामले उठाकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की।
कुमारी सैलजा: कुमारी सैलजा ने बलरामपुर और कोरबा में सभाओं के अलावा रायपुर में प्रेस कांफ्रेस के जरिए अलग-अलग मामले पर सरकार का बचाव किया। वहीं बीजेपी पर जुमलेबाजी का आरोप लगाया। कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां और घोषणा पत्र बताकर सरकार दोबारा बनाने की अपील की।
हिमंता बिस्वा सरमा : असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने राजिम, बिलासपुर, कवर्धा में तीन सभाएं लेकर भूपेश सरकार पर जमकर प्रहार किया। साथ ही धर्मांतरण कराने और घोटाला करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इनके भाषणों को उत्तेजक और भड़काउ मानते हुए निर्वाचन आयोग से शिकायत भी की।
मल्लिकार्जुन खड़गे : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस दौरान केवल दो सभाएं की। कोरबा और महासमुंद में केजी से पीजी तक शिक्षा, सिलेंडर सब्सिडी, मुफ्त बिजली की घोषणा, तेंदूपत्ता तोड़ने वालों को प्रोत्साहन राशि समेत अन्य घोषणाएं करके कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया।
डॉ. रमन सिंह : अमित शाह के साथ प्रदेश में मोर्चा संभालने का काम तीन बार के सीएम डॉ. रमन सिंह ने किया। उन्होंने इस दौरान 20 सभाएं की बिल्हा, भिलाई, राजनांदगांव, बैकुंठपुर, कांकेर, बस्तर, चंद्रपुर, सुकमा, भानुप्रतापपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, कोंडगांव, कवर्धा, मोहला मानपुर, बेमेतरा, चंद्रपुर, विश्रामपुर, दुर्ग खुज्जी में सभाओं के दौरान महादेव सट्टा पर कांग्रेस और सीएम भूपेश बघेल सीधे निशाने पर लिया। पीएससी घोटाला, ट्रांसफर घोटाला समेत दर्जनों आरोप लगाए और बीजेपी के घोषणाओं को मंच से दोहराकर सरकार बनाने की अपील की।
दोनों की सभा की संख्या
सीएम भूपेश बघेल-कांग्रेस-25
डॉ. रमन सिंह-बीजेपी-20
अमित शाह-बीजेपी-13
पीएम नरेंद्र मोदी-बीजेपी-6
योगी आदित्यनाथ-बीजेपी-2
हिमंत बिस्वा सरमा- बीजेपी- 3
राहुल गांधी-कांग्रेस-6
प्रियंका गांधी-कांग्रेस-5
मल्लिकर्जुन खड़गे-कांग्रेस-3
कुमारी सैलजा - कांग्रेस- 4