राहुल ने OBC तो खड़गे ने साधे महिला और दलित वोट, सबसे बड़े वोट बैंक साधकर कांग्रेस ने सेट किया राजस्थान चुनाव का नरेटिव

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Rahul Garhwal
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राहुल ने OBC तो खड़गे ने साधे महिला और दलित वोट, सबसे बड़े वोट बैंक साधकर कांग्रेस ने सेट किया राजस्थान चुनाव का नरेटिव

मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान सरकार की लोकलुभावन योजनाओं और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही राजस्थान कांग्रेस के लिए पार्टी के शीर्ष नेता ओबीसी आरक्षण, महिला आरक्षण बिल और दलित वोटों पर फोकस करने का नरेटिव सेट कर गए।

राहुल बोले- बीजेपी वालों से जातिगत जनगणना का सवाल करें

कांग्रेस पार्टी के नए भवन के शिलान्यास समारोह में आए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जयपुर में प्रदेशभर से आए कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया और उनके भाषणों के मूल में ओबीसी, दलित और महिला आरक्षण के मुद्दे ही छाए रहे। राहुल गांधी ने तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं से यहां तक कहा कि जब भी कोई बीजेपी कार्यकर्ता मिले तो जातिगत जनगणना का सवाल जरूर पूछें। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना एक्सरे है। इससे पता चल जाएगा कि हिन्दुस्तान में कौन कितना प्रतिशत है। यदि हम ओबीसी को भागीदारी देना चाहते हैं तो जातिगत जनगणना के बिना ये संभव नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि पीएम ओबीसी की बात करते हैं तो जातिगत जनगणना से क्यों डरते हैं।

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सीएम गहलोत कह चुके हैं OBC आरक्षण की बात

राजस्थान के लिए ओबीसी का मुद्दा इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि राजस्थान की आबादी में ओबीसी लगभग 60 प्रतिशत हैं और जाटों जैसा बड़ा वोट बैंक इसका हिस्सा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुछ समय पहले ही ओबीसी का आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए जाने की बात कह चुके हैं। ऐसे में अब ये लगभग तय हो गया है कि कांग्रेस यहां ओबीसी आरक्षण और जातिगत जनगणना को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाएगी।

खड़गे ने दलितों को दिखाया गुलाम होने का डर

एक तरफ जहां राहुल ने ओबीसी को साधा तो वहीं दूसरी ओर मल्लिकार्जुन खड़गे ने दलित वोटों को साधा। उन्होंने दलितों को गुलाम होने का डर दिखाते हुए यहां तक कहा कि ऐसा ही चलता रहा तो एक बार फिर से मनु का जमाना आ जाएगा और आप हमेशा के लिए गुलाम हो जाओगे। उन्होंने बीजेपी को मनुवादी ठहराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दलित होने के कारण नई संसद के शिलान्यास कार्यक्रम में नहीं बुलाने और मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को संसद के उद्घाटन में नहीं बुलाने तक की बात कही और कोविंद को अछूत तक बता दिया। अपने भाषण के जरिए खड़गे ने पार्टी को दलित वोटों पर फोकस करने का नरेटिव दिया है। राजस्थान में एससी और एसटी वोटों की संख्या करीब 30 प्रतिशत है और चुनाव के लिहाज से ये पार्टी के लिए बहुत अहम नरेटिव हो सकता है।

महिला आरक्षण बिल भी रहेगा मुद्दा

दोनों नेताओं ने महिला आरक्षण बिल पर भी बीजेपी को घेरा और इसे बीजेपी का जुमला बताया। राहुल गांधी ने ओबीसी महिला के आरक्षण के साथ इसे तुरंत लागू करने की मांग तो खड़गे ने यहां तक वादा कर दिया कि पार्टी 2024 में सत्ता में आई तो सबसे पहले संशोधन के साथ महिला आरक्षण बिल लागू करेगी। यानी महिला आरक्षण बिल लाई तो बीजेपी है, लेकिन इसे तुरंत लागू करने की मांग कांग्रेस के बड़े चुनावी मुद्दों में हो सकती है।

राहुल ने बब्बर शेर बताकर कार्यकर्ताओं को किया बूस्ट

ये सभा राहुल गांधी की जयपुर में हुई अब तक की सबसे बड़ी सभा रही है। पार्टी ने हालांकि सिर्फ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बुलाने की बात कही थी, लेकिन सभा में बड़ी संख्या में अन्य लोग भी मौजूद थे। राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को बब्बर शेर बताकर उन्हें बूस्ट किया और कहा कि सरकार की अच्छी योजनओं के हथियार आपके पास हैं और बीजेपी वाले सवालों से डरते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल कीजिए और पार्टी को जीत दिलाइए। पार्टी की ओर से इस मौके पर पदाधिकारियो कों पार्टी के परिचय पत्र भी दिए गए। इसके साथ ही ये पहला मौका रहा जब पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ मंच शेयर करने का मौका दिया गया।

एकजुटता का संदेश

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को एकजुटता का स्पष्ट संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि हमें अनुशासन और एकजुटता के साथ काम करना है। इसके बिना मुश्किल हो जाएगी। इसलिए छोटी-मोटी बातें भूल जाओ। सोनिया गांधी ने पार्टी को जिंदा रखने की कोशिश की है। राहुल गांधी 4 हजार किलोमीटर पैदल चले। उनके विचार और काम को आगे बढ़ाओ।

अब नजर प्रधानमंत्री की सभा पर

कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं की ये सभा प्रधानमंत्री की जयपुर में सोमवार को होने वाली सभा से पहले हुई है और अब नजर इसी बात पर रहेगी कि इस सभा में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने जो मुद्दे उठाए हैं, उनका जवाब पीएम की रैली में मिलता है या नहीं।

विरोध के डर के चलते काले कपड़े से परहेज

पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की इस सभा में विरोध की आशंका के चलते काले रंग के कपड़े पहने लोगों को पंडाल में प्रवेश नहीं दिया गया। इसके साथ ही पानी की प्लास्टिक बोतलें भी अंदर नहीं ले जाने दी गई।

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